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Thursday, 16 May, 2024
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कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी में हलचल तेज, केसी वेणुगोपाल ने सोनिया गांधी से की मुलाकात

केरल में कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि राज्य इकाई सिर्फ राहुल गांधी के पार्टी प्रमुख बनने के पक्ष में है. यह खबर शशि थरूर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए सोनिया गांधी से मंजूरी मिलने के एक दिन बाद सामने आई है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की चर्चा के बीच पार्टी के महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की है.

जानकारी के मुताबिक, इस बैठक के दौरान उन्होंने संगठनात्मक मामले और राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े मामलों पर बातचीत की है.

वेणुगोपाल पिछले कई दिनों से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल थे और वो मंगलवार को 10 जनपथ पर सोनिया से मिले. यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई है, जब देश की सबसे पुरानी पार्टी के सर्वोच्च पद के लिए दो दशक बाद चुनाव होने जाने जा रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा से अवगत कराया था, तो दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनावी रण में उतरने की संभावना के संकेत मिल रहे हैं.

वहीं, अटकलें लगाई जा रही हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 25 सितंबर को दिल्ली का दौरा कर सकते हैं और इस दौरान वो सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं. खबरों के मुताबिक 26 सितंबर से 28 सितंबर के बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं.

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गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी.

नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.


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‘केरल में आम राय राहुल बनें अध्यक्ष’

उधर, मंगलवार को केरल में पार्टी के नेताओं ने संकेत दिए हैं कि राज्य इकाई सिर्फ राहुल गांधी के पार्टी प्रमुख बनने के पक्ष में है. इस तरह की जानकारी शशि थरूर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए सोनिया गांधी से मंजूरी मिलने के एक दिन बाद सामने आ रही है.

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राज्य ईकाई के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि यह थरूर पर निर्भर करता है कि वह पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं. उन्होंने आगे कहा कि केरल में आम राय है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए और इससे जुड़ा कोई प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है.

कांग्रेस नेता कोडिकुन्निल सुरेश और के. मुरलीधरन ने थरूर के चुनाव लड़ने के संकेत देने के बाद ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से इतर नाखुशी जाहिर की है. दोनों सांसदों ने साफ किया कि कांग्रेस की राज्य इकाई चाहती है कि राहुल गांधी पार्टी के शीर्ष पद को स्वीकार करें.

सुरेश ने कहा, ‘अगर वह (राहुल) पद की जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति को पदासीन किया जाना चाहिए जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में और पार्टी के अधिकतर नेताओं समेत कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्य हो. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और हम सबकी यही इच्छा है. ’

सात बार के लोकसभा सदस्य सुरेश ने कहा कि जहां तक थरूर की उम्मीदवारी की बात है तो यह निर्णय उन्होंने लिया है और यह अभी साफ नहीं है कि उन्होंने इस संबंध में पार्टी स्तर पर कोई विचार-विमर्श किया है या नहीं.

उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में थरूर की उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश ने कहा कि जहां तक पार्टी की बात है, तो ऐसे व्यक्ति को चुनने की परंपरा रही है जो पार्टी में अधिकतर नेताओं और कार्यकर्ताओं की पसंद हो.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि थरूर के चुनाव लड़ने से पार्टी में कोई संकट नहीं आएगा.’

इस बीच, पार्टी के लोकसभा सदस्य के. मुरलीधरन ने कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि उसी व्यक्ति को अपना वोट देंगे जो नेहरू-गांधी परिवार के महत्व को स्वीकार करता हो.

उन्होंने यह इच्छा भी जताई कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि उनका (राहुल का) अध्यक्ष बनने से इनकार करना सभी के लिए चिंता का विषय है.

मुरलीधरन ने कहा, ‘राहुल गांधी के अध्यक्ष पद ग्रहण करने से किसी कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इस पद को स्वीकार करना या नहीं करना, पूरी तरह उन्हीं पर निर्भर करता है.’

लोकसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बारे में तस्वीर तो अब 30 सितंबर को नामांकन की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही साफ हो पाएगी. इसके अगले दिन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ केरल की सीमा को पार कर कर्नाटक में प्रवेश कर जाएगी.

मुरलीधरन ने कहा, ‘वैसे भी, हम केवल उन्हें चुनेंगे जो नेहरू परिवार के महत्व को स्वीकार करते हैं.’

भाषा के इनपुट के साथ


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