scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमराजनीति'रुतुजा लटके के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा ना करें' - राज ठाकरे ने BJP से उपचुनाव से बाहर होने के लिए कहा

‘रुतुजा लटके के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा ना करें’ – राज ठाकरे ने BJP से उपचुनाव से बाहर होने के लिए कहा

मनसे प्रमुख ने भाजपा से आगामी उपचुनाव में दिवंगत विधायक रमेश लटके के सम्मान में उनकी पत्नी रुतुजा का समर्थन करने का अनुरोध किया है, जिनकी मई में मृत्यु हो गई थी. लटके उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की उम्मीदवार हैं.

Text Size:

मुंबई: अगले महीने होने वाले अंधेरी पूर्व उपचुनाव से पहले, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी से अपना उम्मीदवार खड़ा न करने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की उम्मीदवार का समर्थन करने का आग्रह किया है.

रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र में राज ठाकरे ने लिखा, ‘जब भी ऐसी स्थिति बनी है, जहां मौजूदा विधायक का निधन हो गया और परिवार के किसी सदस्य ने उनकी उम्मीदवारी के लिए आवेदन किया, तो हमारी पार्टी ने उपचुनाव लड़ने से परहेज किया है. यह दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने का हमारा तरीका है.’

राज ठाकरे ने कहा, ‘मैं इन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आपसे अपील कर रहा हूं. इस तरह की भावनाएं हमारी महाराष्ट्र की संस्कृति का हिस्सा हैं. मुझे उम्मीद है कि आप मेरी अपील पर विचार करेंगे.’ ठाकरे पिछले कुछ महीनों में भाजपा नेतृत्व के काफी करीबी बन गए हैं.

फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा उनके अनुरोध पर ‘गंभीरता से विचार’ करेगी, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.

मनसे और भाजपा के बीच इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में होने वाले मुंबई निकाय चुनावों के लिए गठबंधन करने की अनौपचारिक बातचीत भी हुई.

3 नवंबर को होने वाला अंधेरी उपचुनाव मई में शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद खाली हुई सीट पर किया जा रहा है.

उद्धव के गुट- जिसे अब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) कहा जाता है- ने दिवंगत विधायक की पत्नी रुतुजा लटके को मैदान में उतारा है, वह भाजपा के मुर्जी पटेल से मुकाबला करेंगी.


यह भी पढ़ें: ‘हमने इसे अपना जीवन दिया है’: मुंबई के ‘बंद’ प्रिंस अली खान अस्पताल से कर्मचारी क्यों नहीं जाना चाहते


‘दिवंगत आत्मा को शांति’

अंधेरी पूर्व उपचुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार के पतन के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है, जिसमें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस शामिल हैं. शिवसेना के दो धड़ों में बंट जाने के बाद किसी विधानसभा सीट के लिए यह पहला चुनाव है.

जून में पार्टी विधायक एकनाथ शिंदे ने एमवीए को गिराने और भाजपा के साथ राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के अधिकांश विद्रोही विधायकों का नेतृत्व किया. शिंदे अब मुख्यमंत्री हैं.

तीन नवंबर का उपचुनाव अपने पूर्व एमवीए सहयोगियों द्वारा समर्थित शिवसेना यूबीटी और शिवसेना के शिंदे-गुट- जिसे अब बालासाहेबंची शिवसेना के रूप में जाना जाता है- द्वारा समर्थित भाजपा के बीच एक राजनीतिक संघर्ष में बदल गया है.

अपने पत्र में शिवसेना यूबीटी का नाम लिए बिना राज ठाकरे ने कहा, ‘रुतुजा लटके ने उपचुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी दायर की है और उनकी पत्नी को विधायक बनते देखना ‘उनकी (रमेश लटके की) दिवंगत आत्मा के लिए एक श्रद्धांजलि होगी.’

उन्होंने कहा कि रमेश लटके एक कुशल कार्यकर्ता थे जिन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा सबसे निचले पायदान, शिवसेना के शाखा प्रमुख से शुरू की थी.

उन्होंने पत्र में कहा, ‘मैंने राजनीतिक क्षेत्र में उनकी यात्रा और उन्हें आगे बढ़ते हुए देखा है.

‘अकेले निर्णय नहीं ले सकते’

रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि भाजपा के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने रविवार सुबह राज ठाकरे से मुलाकात की और अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए अपनी पार्टी का समर्थन मांगा.

फडणवीस ने कहा, ‘उस समय उन्होंने (राज ठाकरे) अपनी भावनाओं को साझा किया और मुझे एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि हम वहां (उपचुनाव के लिए) अपने उम्मीदवार को मैदान में न उतारें या फिर उम्मीदवार को वापस बुला लें.’

उन्होंने कहा, ‘पार्टी में मैं अकेले कोई निर्णय नहीं ले सकता. अगर हमें पत्र के बारे में सोचना है, तो मुझे अपने सहयोगियों और पार्टी के नेताओं के साथ इस पर चर्चा करनी होगी क्योंकि हमने पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है और उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.’ साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी को सीएम शिंदे के साथ भी चर्चा करनी होगी क्योंकि भाजपा शिवसेना के उनके गुट के साथ गठबंधन में है.

डिप्टी सीएम ने कहा कि हालांकि पार्टी ने अतीत में इस तरह के अनुरोधों पर विचार किया है. जब राकांपा ने पूर्व मंत्री आर.आर. पाटिल की पत्नी सुमन पाटिल को उनकी मृत्यु के बाद 2015 में तसगांव (कवठे-महानकल) उपचुनाव में मैदान में उतारा था. तो भाजपा ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था.

फडणवीस ने कहा, ‘हम अनुरोध पर गंभीरता से विचार करेंगे, लेकिन अंतिम निर्णय चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: ‘दिल्ली की हिंदुत्व सरकार में सिखों को भरोसा नहीं’- पंजाब में नेताओं ने केंद्र के खिलाफ संभाला मोर्चा


 

share & View comments