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Monday, 23 December, 2024
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‘यह विनाशकारी सरकार है’- PM मोदी को केवल चुनाव हारने का डर: चिदंबरम

चिदंबरम ने आरोप लगाया कि आज दुनिया भारत पर उसके मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक अधिकारों के रिकॉर्ड को लेकर सवाल उठा रही है, जबकि देश स्वतंत्रता, भूख, गरीबी और प्रेस की स्वतंत्रता के सूचकांक में नीचे पहुंच गया है.

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गुवाहाटी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को ‘विनाशकारी’ बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केवल एक चीज ‘चुनाव हारने’ का डर है और उन्हें अपनी पार्टी के सहयोगियों सहित किसी और चीज की परवाह नहीं है.

कांग्रेस की असम इकाई के कार्यकर्ताओं के लिए यहां तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश तेजी से ‘नीचे जा’ रहा है और अगर मौजूदा सरकार बनी रहती है तो देश ‘गंभीर संकट’ में होगा.

उन्होंने कहा, ‘यह एक विनाशकारी सरकार है. अपनी बड़ी विफलताओं को छिपाने के लिए, इस सरकार ने धर्म का सहारा लिया है. धर्म का पक्ष लेने का एक और कारण चुनाव जीतने के लिए देश को धार्मिक आधार पर बांटना है.’

उन्होंने कहा, ‘मोदी को किसी भी चीज- अपनी पार्टी, सांसदों, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, न्यायाधीशों, ईश्वर या किसी और का कोई डर नहीं है.’

चिदंबरम ने कहा, ‘उन्हें केवल एक चीज का डर है- चुनाव हारने का. किसी भी परिस्थिति में वह चुनाव हारना नहीं चाहते हैं. मुझे खुशी है कि उन्हें कम से कम कुछ डर तो है. देश को बचाने का एकमात्र तरीका हर चुनाव में मोदी को हराना है.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘चीन के भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने और सीमा पर गांवों के निर्माण के साथ देश के लिए और अधिक खतरे आने वाले हैं, कश्मीर में युवा आतंकवाद की ओर लौट रहे हैं और अर्थव्यवस्था गिर रही है.’

वर्ष 1977 में जबरदस्त चुनावी हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुनरुत्थान का उल्लेख करते हुए पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से जीतने के बारे में आश्वस्त होने के लिए कहा.

चिदंबरम ने कहा, ‘हम 1996, 1998, 1999 में भी हार गए थे. 1999 में, हम एक करिश्माई नेता, अच्छे वक्ता और स्वयंसेवक अटल बिहारी वाजपेयी से हार गए थे. लेकिन हम सोनिया गांधी और कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों की कड़ी मेहनत के कारण 2004 में फिर से उनसे जीत गए.’

चिदंबरम ने कहा, ‘इसलिए, मैं आपको बताना चाहता हूं कि पिछले साढ़े सात वर्षों में यह निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए कि नरेंद्र मोदी अजेय या अपराजेय हैं. हमें विश्वास करना चाहिए कि हमारा (राजनीति का) विचार सही है और उनका (मोदी का) गलत है. अगर आप खुद को विश्वास दिला पायेंगे, तभी आप दूसरों को विश्वास दिला पायेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘आगे खतरनाक मोड़ हैं. पिछले साढ़े सात साल बेहद ऊबड़-खाबड़ सफर के रहे हैं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई, कई लोगों को परेशानी हुई.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अगर एक राजनीतिज्ञ होने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होती है…आपकी गाड़ी चलाने की क्षमता के बारे में ड्राइविंग लाइसेंस की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी, उनका (मोदी का) ड्राइविंग लाइसेंस अब रद्द कर दिया जाएगा. उन्होंने भारत को इस मुकाम तक पहुंचा दिया है.’

चिदंबरम ने आरोप लगाया कि आज दुनिया भारत पर उसके मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक अधिकारों के रिकॉर्ड को लेकर सवाल उठा रही है, जबकि देश स्वतंत्रता, भूख, गरीबी और प्रेस की स्वतंत्रता के सूचकांक में नीचे पहुंच गया है.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014 से अब तक जो भी कदम उठाए हैं, चाहे नोटबंदी से लेकर हाल ही में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों तक, गलत साबित हुए हैं.

उन्होंने सरकार पर कोविड-19 से ‘मृत्यु के आंकड़े छिपाने’ का आरोप लगाया. चिदंबरम ने कहा कि सरकार के पास गरीबों के लिए कोई पैसा नहीं है लेकिन उसने कुछ शीर्ष कारोबारियों के लाखों करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया है.


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