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Thursday, 19 December, 2024
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कोविड-19 से लड़ाई में अधिकांश राज्यों की मांग बढ़ाया जाए लॉकडाउन, पीएम बोले- घबराएं नहीं हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है

पीएम मोदी ने कहा, 'कोविड-19 का खतरा दूर-दूर तक खत्म होने वाला नहीं, इसलिए लगातार चौकस बने रहना बहुत अहम है. राज्यों की कोशिश कोविड-19 रेड जोन, ऑरेंज जोन और फिर ग्रीन जोन में बदलने की होनी चाहिए.

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी के बीच सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के सीएम के साथ एक बार​ फिर चर्चा की. इस बैठक का उद्देश्य 3 मई को खत्म हो रहे लॉकडाउन को लेकर था. चौथी बार पीएम के साथ हुई आज की  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राज्यों के सीएम के अलग-अलग सुर सुनाई​ दिए. पीएम के साथ हुई इस बैठक में सभी राज्यों की एक राय निकल कर सामने नहीं आ पाई.

लॉकडाउन से हजारों जानें बचीं

बैठक में पीएम मोदी ने कहा, ‘कोविड-19 का खतरा दूर-दूर तक खत्म होने वाला नहीं, इसलिए लगातार चौकस बने रहना बहुत अहम है. राज्यों की कोशिश कोविड-19 रेड जोन, ऑरेंज जोन और फिर ग्रीन जोन में बदलने की होनी चाहिए.आने वाले महीनों में कोविड-19 असर दिखाता रहेगा. मास्क जिंदगी का हिस्सा होंगे.

उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 लॉकडाउन के सकारात्मक नतीजे आए हैं. देश पिछले डेढ़ महीने में हजारों जानें बचा पाया है. हमें अर्थव्यवस्था को अहमियत देनी होगी. साथ-साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को जारी रखना होगा.यह लड़ाई लंबी है.हमें धैर्यपूर्वक इसे लड़ना होगा.’

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, बैठक में तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए या नहीं अभी ये फैसला नहीं हुआ है. लेकिन पीएम मोदी समेत सभी राज्यों के सीएम की राय बनी है कि 3 मई के बाद एकदम से सभी कामों में ढील नहीं दी जा सकती है. सभी राज्य सरकार इसे लेकर अपनी नीति तैयार करें और किस तरह शहरों में लॉकडाउन को खोले इसे लेकर प्लान बनाएं. राज्य अपने अपने स्तर पर शहरों के रेड, येलो जोन और ग्रीन जोन का चुनाव करें.जिन राज्यों में अधिक केस है. वहां लॉकडाउन जारी रहेगा.

सूत्र ने यह भी बताया कि पीएम की बातचीत में यह भी निकलकर आया है कि जिन राज्यों में केस कम है वहां जिलेवार राहत दी जाएगी. हॉट स्पाट जोन (रेड जोन) में लॉकडाउन जारी रहेगा. ग्रीन जोन में पूरी पाबंदी हट जाएगी. वहीं येलो जोन में कुछ कामों के लिए छूट दी जा सकती है. लेकिन सभी जगह सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा.

खींचतान के बाद भी ममता हुई शामिल, नदारद रहे केरल के सीएम

इस बैठक में केरल के सीएम पिनाराई विजयन शामिल नहीं हुए. पिछली वीडियो कांफ्रेंसिंग में केरल को बोलने की अनुमति नहीं दी थी, इसलिए सीएम ने अपनी जगह राज्य के प्रमुख सचिव टॉम जोस को भेज दिया. पीएम के साथ हुई बैठक में केवल चुनिंदा राज्यों को ही बोलने की अनुमति दी गई थी.

हालांकि, जिन्हें बोलने की अनुमति नहीं है उन राज्यों को अपने सुझाव लिखित तौर पर देने के लिए कहा गया है. केरल ने अपने सुझाव पीएम को भेज दिए है. केरल के सीएम ने राज्य के लिए आर्थिक पैकेज और लॉकडाउन की सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है.


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पिछले दिनों केंद्र सरकार और बंगाल सरकार के बीच कोरोना को लेकर काफी खींचतान रही है. इसके बाद बावजूद राज्य की सीएम ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल हुई.

इस बैठक में पीएम ने राज्यों के सीएम से कहा, ‘सभी के सामूहिक प्रयास का लाभ दिखाई दे रहा है. लॉकडाउन का हमें लाभ दिख रहा है.’

पीएम ने यह भी कहा, ‘दूसरें देशों के मुकाबले में भारत बेहतर स्थिति में है.’ इस बैठक में हिस्सा ले रहे तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आये तो वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था.

अधिकांश राज्य बोले बढ़ाया जाए लॉकडाउन

पीएम मोदी के साथ राज्यों के मुख्य​मंत्रियों की बैठक में कई राज्यों ने फिर लॉकडाउन को बढ़ाने की वकालत की.इनमें मध्यप्रदेश,गुजरात, ओडिशा जैसे राज्य शामिल है. तेलंगाना पहले राज्य में लॉकडाउन बढाने का संकेत दे चुका है.

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक लॉकडाउन को जारी रखने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आर्थिक गतिविधियों को इजाजत दी जाएं. केंद्र सरकार से विनती करता हूं कि हम अर्थव्यवस्था के उपायों को शुरु करें. हम इस बीमारी पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम कर रहे है. इसी तरह के मेघालय के कोनराड संगमा भी लॉकडाउन को तीन मई के आगे बढ़ाने का सुझाव दिया है.

इसक अलावा हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने भी लॉकडाउन को आगे जारी रखने पर सहमति दी. ताकि राज्य में कोरोना के संक्रमितों के बढ़ रहे मामलों से ​निपटा जा सकें.मिजोरम के सीएम जोरामथांगा ने कहा कि जो केंद्र सरकार का फैसला होगा उसे राज्य स्वीकार करेगा.


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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी इस बैठक में शामिल हुए. उन्होंने राज्य में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर और लॉकडाउन के सख्ती से पालन को लेकर रिपोर्ट दी.उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को लेकर जो केंद्र का जो भी फैसला होगा उसे राज्य स्वीकार करेगा.बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों के साथ कोटा में फंसे छात्रों का मुद्दा भी रखा.

उत्तराखंड के सीएम​ त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, राज्य में पर्यटन और तीर्थयात्री लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुए है. पीएम के हस्तक्षेप के बाद उद्योग को फिर से पुनर्जीवित कर पाएंगे.सभी उपायों के साथ व्यापार और उद्योग गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से शुरु होना चाहिए .हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बैठक में राज्य की कोरोना अपडेट और किसान मंडियों की व्यवस्थाओं का जिक्र किया. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने राज्य में हो रही टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के हालत की जानकारी दी.

बैठक में पुडुचेरी के सीएम वी. नारायणसामी ने पीपीई और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की.तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योग शुरू करने की इच्छा भी व्यक्त की. वहीं उन्होंने सरकार से वित्तीय सहायता की मांग भी की है.तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी भी इस बैठक में शामिल हुए.उन्होंने राज्य में कोरोना के मामलों को ​लेकर रिपोर्ट पेश की.

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है.देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं.


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बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बैठक में हिस्सा लिया.

सरकार के सूत्रों ने रविवार को संकेत दिए थे कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच महामारी से निपटने के तरीकों पर चर्चा के अलावा, लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के उपायों पर भी विचार विमर्श हो सकता है.

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये देश में 25 अप्रैल से 14 मई तक 21 दिन और 13 अप्रैल से तीन मई तक 19 दिन का लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है.

केंद्र और राज्य सरकारें आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और लोगों को राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को क्रमिक छूट दे रही हैं.हालांकि कुछ राज्य लॉकडाउन को तीन मई के बाद भी जारी रखने के इच्छुक हैं ताकि यह यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस के मामले नियंत्रण में रहें.

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