नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर ली है. शुरुआती रुझानों में सिसोदिया बढ़त बनाए हुए थे लेकिन बाद में पिछड़ गए. फिर उन्होंने बढ़त बनाते हुए जीत हासिल की.
सिसोदिया ने भाजपा के उम्मीदवार रवि नेगी और कांग्रेस के प्रत्याशी लक्ष्मण रावत को हराया. कांग्रेस और बीजेपी ने मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वालों को उम्मीदवार बनाया था.
इस सीट पर हमेशा से उत्तराखंडी, ब्राह्मण, गुर्जर और एससी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं. इसलिए दोनों दलों ने उत्तराखंडी प्रत्याशियों पर दांव खेला. शुरुआती रुझानों में सामने आ रहा था कि मनीष सिसोदिया इस सीट से जीतकर हैट्रिक लगाने जा रहे हैं लेकिन बाद में वह पिछड़ गए थे पर आखिरी में नजदीकी मुकाबले में अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे.
केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले सिसोदिया दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नए प्रयोगों के लिए जाने जाते है. वे अपने विधानसभा क्षेत्र में खासे लोकप्रिय भी हैं.
उपमुख्यमंत्री के साथ दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री और वित्त मंत्री का दायित्व संभालने वाले सिसोदिया ने अपने 2013 के पहले विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार को करारी शिकस्त दी थी. उन्होंने भाजपा के नकुल भारद्वाज को 11 हजार 476 मतों से हराया था.
इसके बाद 2015 में भी उन्होंने दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को हराकर इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखा था. इस चुनाव में सिसोदिया ने भाजपा के उम्मीदवार विनोद बिन्नी को 28 हजार 791 मतों से हराया था. कांग्रेस से अनिल कुमार को हराया था.
हर बार भाजपा और कांग्रेस ने सिसोदिया ने अपने उम्मीदवार बदले लेकिन क्षेत्रीय विधानसभा की जनता ने दोनों बार ही सिसोदिया पर ही भरोसा जताया.
पटपड़गंज विधानसभा सीट पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट का हिस्सा है. यहां से पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर सांसद हैं. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला रोचक बना हुआ है. क्षेत्र संबंधित कई मुद्दों को लेकर सिसोदिया और गंभीर कई बार एक दूसरे के सामने भी हुए हैं.
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सिसोदिया ने घर घर जाकर प्रचार किया. इसमें उनकी पत्नी और परिवार के सदस्यों ने उनके लिए जनसंपर्क किया. सिसोदिया ने अपनी जनसभा में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए कामों को गिनाते रहे. वहीं भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते रहे.