नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की काट में कांग्रेस भी जन कल्याणकारी वादों की फेहरिस्त लेकर दिल्ली विधानसभा 2020 के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है. दिल्ली में अपनी खोई जमीन वापस पाने की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी भत्ता, गरीब परिवारों के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा और बुजर्गों एवं छात्रों को मुफ्त सरकारी परिवहन सेवाएं देने जैसे कई बड़े वादे करने की तैयारी में है.
पार्टी तय कर चुकी है कि वह बिजली बिल में 600 यूनिट तक राहत देने और बुजर्गों एवं दिव्यांगों के लिए पांच हजार रुपये की मासिक पेंशन का वादा अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करेगी.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन की अध्यक्षता वाली 69 सदस्यीय घोषणापत्र समिति लंबी मंत्रणा और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ विचार विमर्श के बाद चुनावी वादों की सूची तैयार करेगी.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों के नतीजों के मद्देनजर दिल्ली चुनाव में भी बेरोजगारी भत्ते का वादा लगभग तय है. इसके लिए कितनी मासिक राशि का वादा किया जाए, इस पर मंथन जारी है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘पार्टी में फिलहाल राय है कि छह हजार रुपये के बेरोजगारी भत्ते का वादा किया जाए. यह राशि बढ़ाई भी जा सकती है. बहरहाल, घोषणापत्र समिति विचार-विमर्श के बाद अंतिम राशि तय करेगी.’
गौरतलब है कि कांग्रेस ने एक साल पहले विधानसभा चुनावों के दौरान मध्य प्रदेश में चार हजार रुपये प्रति माह, राजस्थान में 3500 रुपये प्रति माह और छत्तीसगढ़ में 2500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था. पार्टी को इन तीनों राज्यों में जीत हासिल हुई थी.
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में पार्टी निजी एवं सरकारी दोनों तरह के स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करने के वादे को लेकर भी विचार कर रही है.
पार्टी की चुनावी रणनीति से अवगत एक नेता ने कहा, ‘केजरीवाल सरकार को महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा की याद चुनाव से कुछ महीने पहले आयी. हम विचार कर रहे हैं कि महिलाओं के साथ बुजुर्गों और छात्रों के लिए भी सार्वजनिक परिवहन सेवाएं मुफ्त की जाएं.’
उन्होंने कहा, ‘हम दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने, यमुना की सफाई, हर घर तक पीने का साफ पानी पहुंचाने, बिना डेवेलपमेंट चार्ज के सभी अनधिकृत कालोनियों को पक्का करने का वचन भी जनता को देंगे.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘शीला दीक्षित की 15 वर्षों की सरकार इस बात की गवाह है कि कांग्रेस जो कहती है वह करती है.’
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में कांग्रेस अपनी खोई जमीन हासिल करने के लिए कमर कसते हुए, चुनावी वादों के संदर्भ में अरविंद केजरीवाल की आप के सामने, उन्नीस नहीं बल्कि बीस नजर आना चाहती है.
गौरतलब है कि दिल्ली में फरवरी के शुरु में विधानसभा चुनाव होने हैं. आप, भाजपा और कांग्रेस दिल्ली की तीनों प्रमुख पार्टियों ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा ने जगह-जगह मोदी के साथ अपनी स्कीमों की होर्डिंग लगाकर आप को टारगेट बना रही है.
संघ कार्यकर्ता ने मांगा केजरीवाल के लिए वोट, लगाया उनके समर्थन वाला होर्डिंग
वहीं आरएसएस, बजरंग दल और भाजपा का एक कार्यकर्ता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन खुलेआम कर रहा है. इस कार्यकर्ता ने केजरीवाल के समर्थन में राजधानी की सड़कों पर बड़े-बड़े होर्डिंग भी लगवाए हैं जिसमें उसने लिखा है ‘देश मांगे नरेंद्र मोदी, दिल्ली मांगे केजरीवाल.’
पोस्टर के बारे में दिप्रिंट ने जब मदान से बात की तो उन्होंने बताया कि भले ही वो आरएसएस, बजरंग दल और भाजपा से जुड़े रहे हों, लेकिन वह अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली से काफी खुश हैं. जिस तरह से दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में केजरी सरकार ने काम किया है वह उनके हिमायती बन गए हैं. हालांकि वह दिल्ली सरकार द्वारा बिजली-पानी मुफ्त किए जाने के खिलाफ हैं. दिप्रिंट से बातचीत में उन्होंने वह चार कारण भी बताए जिसकी वजह से वह अरविंद केजरीवाल का समर्थन कर रहे हैं.
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)