नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस-वोटिंग से द्रौपदी मुर्मू को बड़ी जीत मिली. विभिन्न राज्यों के विपक्षी दलों के विधायक और सांसदों ने अपने दलों के रुख के विपरीत जाकर राष्ट्रपति पद के चुनाव में राष्ट्रीय मुर्मू के पक्ष में मतदान किया जिसे यशवंत सिन्हा को हराने मदद की. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने दावा किया कि 125 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. मतगणना में भी सामने आया है कि मुर्मू को 17 सांसदों की क्रॉस वोटिंग का लाभ मिला. असम, झारखंड और मध्यप्रदेश के विपक्षी दलों के विधायकों की अच्छी खासी संख्या ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया.
माना जा रहा है कि असम के 22 और मध्य प्रदेश के 20 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. बिहार और छत्तीसगढ़ के छह-छह, गोवा के चार और गुजरात के 10 विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग की होगी.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि भाजपा शासित राज्य में कई विपक्षी विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. सरमा ने ट्वीट किया कि, ‘द्रौपदी मुर्मी को असम विधानसभा के 126 सदस्यों में से भाजपा के 79 वोट मिलने वाले लेकिन, मिले 104 वोट.’
Smt Droupadi Murmu polled 104 votes compared to NDA’s original strength of 79 in the 126 member Assam Assembly. 2 absent .
My heartfelt gratitude to the people of Assam for reposing their faith in the NDA’s Presidential candidate & wholeheartedly joining this historic moment.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 21, 2022
28 प्रतिशत वोट सांसदों ने डाले
राष्ट्रपति पद के चुनाव में पड़े कुल 53 अवैध मतों में से 28 प्रतिशत वोट सांसदों के थे जबकि ‘इलेक्टोरल कॉलेज’ में सांसदों की ओर से डाले गए मतों का योगदान महज 16 प्रतिशत होता है. इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 4,809 मत थे जिनमें से 776 (16 प्रतिशत) सांसदों के थे.
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 18 जुलाई को ज्यादातर सांसदों ने मतदान किया था. कुल 53 अवैध मतों में से 15 सांसदों के थे, पंजाब और मध्य प्रदेश से एक-एक तथा दिल्ली, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और महाराष्ट्र से चार-चार मत थे.
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