scorecardresearch
Friday, 3 May, 2024
होमराजनीतिदेश की 15वीं राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू, PM मोदी और शाह बधाई देने पहुंचे

देश की 15वीं राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू, PM मोदी और शाह बधाई देने पहुंचे

उन्हें तीसरे राउंड में ही 5 लाख 77 हजार 777 वोट मिल गए जो कि जीत के लिए जरूरी 5 लाख 43 हजार 261 वोटों से ज्यादा थे.

Text Size:

नई दिल्लीः द्रौपदी मुर्मू देश का अगला राष्ट्रपति होना तय है. देश की इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली वह प्रतिभा पाटिल के बाद देश की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. वह यशवंत सिन्हा से मतों कि लिहाज से काफी आगे हैं.

उन्हें तीसरे राउंड में ही 5 लाख 77 हजार 777 वोट मिल गए जो कि जीत के लिए जरूरी 5 लाख 43 हजार 261 वोटों से ज्यादा थे.

राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 2 लाख 61 हजार 62 वोट मिले. इस दौरान तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें बधाई देनी शुरू कर दी है. उनकी जीत की खबर के साथ ही आदिवासी समाज में भी काफी खुशी का माहौल दिख रहा है.

हालांकि, जीत का औपचारिक ऐलान अभी बाकी है लेकिन द्रौपदी मुर्मू को पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने बधाई देनी शुरू कर दी है. मुर्मू को बधाई देने वालों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल इत्यादि शामिल हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘राष्ट्रपति चुनाव में प्रभावी जीत दर्ज करने के लिए श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को बधाई. वे गांव, गरीब, वंचितों के साथ-साथ झुग्गी-झोपड़ियों में भी लोक कल्याण के लिए सक्रिय रहीं हैं. आज वे उनके बीच से निकल कर सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंची हैं. यह भारतीय लोकतंत्र की ताक़त का प्रमाण है.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी उन्हें बधाई देते हुए लिखा कि शोषित व अति पिछड़े आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को देश का राष्ट्रपति बनने की बधाई.

मायावाती ने ट्वीट कर कहा, ‘शोषित व अति-पिछड़े आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को देश के राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में भारी मतों से आज निर्वाचित होने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं. वे एक कुशल व सफल राष्ट्रपति साबित होंगी, ऐसी देश को उम्मीद हैं.’

गौरतलब है कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म होने के एक दिन बाद वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी. उन्हें 44 पार्टियों का समर्थन हासिल था. खास बात है कि तमाम सांसदों और विधायकों ने उनके लिए क्रॉस वोटिंग की. चूंकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए व्हिप जारी नहीं हो सकता इसलिए कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के तमाम विधायकों ने मुर्मू के लिए क्रॉस वोटिंग की.

एनडीए के अलावा बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, जनता दल (सेक्युलर), बहुजन समाज पार्टी, एआईएडीएमके, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी मुर्मू के लिए वोट किया है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक पहले विपक्ष के नेता थे जिन्होंने मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान किया था.

मुर्मू थीं पहली आदिवासी राज्यपाल

बता दें कि मुर्मू किसी राज्य की बनने वाली पहली आदिवासी राज्यपाल रही हैं. आर्ट्स ग्रेजुएट मुर्मू ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1997 से की थी जब उन्होंने अपने गृह नगर रायरंगपुर से नगर निकाय चुनाव लड़ा और नगर पंचायत के लिए चुनी गईं. साल 2000 में मुर्मू ने ओडिशा विधानसभा चुनाव में रायरंगपुर से चुनाव लड़ा और जीता. दो बार की विधायक द्रौपदी मुर्मू को साल 2015 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया. उनका कार्यकाल 2020 में खत्म होने वाला था लेकिन कोविड के कारण इसे बढ़ा दिया गया था.

राजेंद्र प्रसाद रहे हैं सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले राष्ट्रपति

देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद अब तक सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करने वाले राष्ट्रपति रहे हैं. साल 1957 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में उन्हें 99.3 फीसदी वोट मिले थे जबकि विपक्ष के कैंडीडेट चौधरी हरिराम को 0.4 फीसदी वोट ही मिले थे. वहीं सबसे कम अंतर से जीत दर्ज करने वाले राष्ट्रपति वीवी गिरि रहे हैं. जिन्हें साल 1969 में 50.2 फीसदी वोट मिले थे जबकि विपक्ष के कैंडीडेट नीलम संजीव रेड्डी को 48.7 फीसदी वोट मिले थे. पिछली बार रामनाथ कोविंद को 7,02,044 वोट मिले थे जबकि प्रतिभा पाटिल को 3,67,314 वोट मिले थे.

द्रौपदी मुर्मू की जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी. उस वक्त एनडीए के खाते में 5 लाख 63 हजार, 825 वोट थे. जो कि कुल वोटों का 52 फीसदी थे. वहीं विपक्ष के कैंडीडेट यशवंत सिन्हा के पास 4 लाख 80 हजार 748 यानि 44 फीसदी वोट माने जा रहे थे. हालांकि, तमाम विपक्ष के विधायकों और सांसदों के क्रॉस वोटिंग से उन्हें इससे ज्यादा वोट मिल गए.


यह भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल ने LG वीके सक्सेना के सुझाव को नकारा, कहा- सिंगापुर दौरे पर ‘आगे बढ़ेंगे’


 

share & View comments