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Thursday, 19 December, 2024
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CoWin में लगाए गए फिल्टर्स, अब चुनावी राज्यों में वैक्सीन सर्टिफिकेट्स पर मोदी का फोटो नहीं दिखेगा- सरकार

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोविन सॉफ्टवेयर में फिल्टर्स लगाकर सुनिश्चित कर दिया गया है कि सर्टिफिकेट्स पर मोदी का फोटो नहीं दिखेगा. चुनाव आयोग ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.

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नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग (ईसी) को सूचित किया है कि कोविन सॉफ्टवेयर में आवश्यक फिल्टर्स लगाकर सुनिश्चित कर दिया गया है कि चुनावी राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल, तथा केंद्र-शासित क्षेत्र पुडुचेरी में जारी वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं दिखेगी.

ये कदम ईसी के उस आदेश के बाद उठाया गया जिसमें उसने चुनाव आचार संहिता को देखते हुए फोटो को हटाने के लिए कहा था.

9 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, राजेश भूषण ने उप-चुनाव आयुक्त सुदीप जैन को लिखा: ‘…ईसीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए तुरंत ही तकनीकी उपायों का पता लगाया है. उसके बाद चुनावी राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल, तथा केंद्र-शासित क्षेत्र पुडुचेरी में स्थित वैक्सिनेशन केंद्रों में, कोविन में ज़रूरी फिल्टर्स लगा दिए हैं, जैसा कि आयोग ने सुझाव दिया था’.

वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट्स पर, जो पहले डोज़ के बाद अस्थायी और दूसरे डोज़ के बाद फाइनल होते हैं, 16 जनवरी के बाद से पीएम मोदी का फोटो लगा होता था, जब राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ था. कई गैर-बीजेपी सूबों को फोटो से दिक्कत थी लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने, जो पश्चिम बंगाल में बीजेपी के साथ एक चुनावी घमासान लड़ रही है, 2 मार्च को ईसी को लिखा कि ये ‘करदाताओं के खर्च पर एक अनुचित लाभ और अनुचित प्रचार है’.

संवास्थ्य मंत्रालय अधिकारी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए ईसी का आदेश 5 मार्च को आया था, जिसमें फोटो हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन उसका अनुपालन तुरंत नहीं हो पाया. 5 मार्च के बाद जारी सर्टिफिकेट्स में भी फोटो दिखता रहा लेकिन अब जब ज़रूरी उपाय कर लिए गए हैं, तो उनमें मोदी का फोटो नहीं होगा.

दिप्रिंट ने खबर दी थी कि वैक्सीन सर्टिफिकेट्स पर पीएम मोदी के फोटो इस्तेमाल किए जा रहे हैं और कई विपक्षी दलों ने इस पर ऐतराज़ जताया था.


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चुनाव संहिता उल्लंघन पर चिंता

चुनावी क्षेत्रों में फोटो हटाने का ईसी का आदेश, तृणमूल कांग्रेस की याचिका दायर होने के बाद आया था.

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी की दलील थी कि फोटो आचार संहिता के भाग 8 (सत्तारूढ़ पार्टी) के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है: ‘सत्ताधारी पार्टी, चाहे केंद्र में हो या राज्य अथवा राज्यों में, सुनिश्चित करेगी कि ऐसी किसी शिकायत का मौका न दिया जाए कि उसने चुनाव प्रचार के उद्देश्यों से अपनी आधिकारिक हैसियत का इस्तेमाल किया है, खासकर…(4) सरकारी खज़ाने के खर्च से अखबारों और अन्य मीडिया में विज्ञापन जारी किए हैं’.

ईसी को दिए अपने जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने कदम का ये कहते हुए बचाव किया था कि फोटो के साथ सर्टिफिकेट, उस समय तैयार किया गया था, जब देश में कहीं चुनाव नहीं हो रहे थे.

ईसी ने कहा था कि आचार संहिता की पवित्रता बनाए रखने के लिए फोटो हटाने की ज़रूरत है, ताकि सुनिश्चित हो सके कि चुनावी मैदान सभी के लिए एक समान हो. साथ ही उसने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी से भी रिपोर्ट तलब की थी.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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