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Friday, 22 November, 2024
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कांग्रेस नेता उदित राज के राष्ट्रपति के लिए ‘चमचागिरी’ वाले बयान पर छिड़ा विवाद, NCW ने भेजा नोटिस

बीजेपी के नेता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष किया है और पूछा कि क्या विपक्षी पार्टी इस तरह के व्यवहार का समर्थन करती है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता डॉ उदित राज ने गुरुवार को सफाई दी है. उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू पर अपने बयान को ‘व्यक्तिगत विचार’ बताया और कहा यह कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.

उन्होंने ट्विटर के जरिए अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया है. राज ने लिखा, ‘द्रौपदी मुर्मू जी के संबंध में मेरा बयान व्यक्तिगत है और इसका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है. उनकी उम्मीदवारी और अभियान आदिवासी के नाम पर थी, इसका मतलब यह नहीं है कि वह अब आदिवासी नहीं हैं. मेरा दिल रोता है कि जब एससी/एसटी उच्च पद पर पहुंचते हैं और वे अपने समुदायों को छोड़ देते हैं और खामोश हो जाते हैं.’

दरअसल, बुधवार को उदित राज ने राष्ट्रपति मुर्मू पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले. चमचागिरी की भी हद्द है. कहती हैं 70 फीसदी लोग गुजरात का नमक खाते हैं. खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा.’

डॉ. राज का यह ट्वीट राष्ट्रपति मुर्मू के उस बयान के संदर्भ मे आया था जिसमें उन्होंने कहा गया था कि गुजरात में देश का 76 फीसदी नमक बनाया जाता है और पूरा देश गुजरात का नमक खाता है.

उधर, गुरुवार को उदित राज की राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर की गई टिप्पणी के कारण उनके लिए मुश्किल खड़ी हो गई हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनके बयान के संबंध में उन्हें नोटिस भेजा है. साथ ही आयोग ने उन्हें इसके लिए माफी मांगने को कहा है.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता के बयान को आपत्तिजनक बताया है.

शर्मा ने ट्वीट किया, ‘देश की सर्वोच्च शक्ति और अपनी कड़ी मेहनत से इस पॉजीशन तक पहुंची महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान है. उदित राज को अपने अपमानजनक बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. राष्ट्रीय महिला आयोग उन्हें नोटिस भेज रहा है. ‘


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‘आदिवासी विरोधी मानसिकता’

इस बयान को लेकर बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी ने उदित के बयान को ‘आदिवासी विरोधी मानसिकता’ करार दिया है.

बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि उदित राज ने राष्ट्रपति के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है वह अशोभनीय, दुखद और चिंताजनक है.

उन्होंने आगे कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि इस घटना से पहले हमने अधीर रंजन चौधरी को भी सुना है, उन्होंने उनके लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किए जब वो राष्ट्रपति बनीं थी.

पात्रा ने आगे कहा, ‘यह आश्चर्यजनक और दुखद है कि कैसे कांग्रेस लगातार भारत के राष्ट्रपति के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रही है जिन्होंने देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है. यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है.’

उन्होंने कांग्रेस से देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति को लेकर ऐसी मानसिकता रखने के लिए माफी मांगने को कहा.

उधर, बीजेपी के नेता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष किया है और पूछा कि क्या विपक्षी पार्टी इस तरह के व्यवहार का समर्थन करती है.

पूनावाला ने तीखा हमला करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का असली ‘चाल चरित्र चेहरा’ है जिसने भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति का बार-बार अपमान किया है.

पूनावाला ने कहा कि उदित राज द्वारा टिप्पणी को निजी करार दिए जाने से कुछ नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि वह ‘आदिवासी विरोधी’ टिप्पणी के लिए उदित राज के खिलाफ कार्रवाई करेगी या नहीं.

उन्होंने कहा, ‘पहले अधीर रंजन चौधरी (लोकसभा में कांग्रेस के नेता), फिर अजोय कुमार (कांग्रेस प्रवक्ता) और अब तीसरी बार इस प्रकार का बयान दिया गया है. यह संयोग नहीं है! यह कांग्रेस की मानसिकता है.’

बता दें कि इससी साल जुलाई में अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहा था जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस की काफी आलोचना की थी.

वहीं, कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट के जरिए संबित पात्रा पर पलटवार किया है. उन्होंने लिखा कि बी.आर आम्बेडकर को डर था कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के नाम पर गूंगा और बधिरों का प्रतिनिधित्व किया जाएगा और यह साबित हो रहा है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मिस्टर पात्रा, मैंने द्रौपदी मुर्मू जी से एससी/एसटी के रूप में सवाल पूछा था जो आप नहीं कर सकते. यह हमारे बीच है. आम्बेडकर को डर था कि एससी/एसटी के नाम पर गूंगा और बधिरों का प्रतिनिधित्व किया जाएगा, यह साबित हो रहा है. जब तक मैं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित मुद्दों को नहीं उठाता, तब तक भाजपा में मेरा सम्मान किया जाता था.’


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