नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि काशी को भाषण नहीं, सुशासन चाहिए.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि काशी को क्योटो बनाने के वादे का क्या हुआ?
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को वाराणसी में जापान के सहयोग से बने अन्तरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र ‘रुद्राक्ष’ का उद्घाटन किया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में 100 बिस्तरों वाले एमसीएच विंग, गोदौलिया में एक बहु–स्तरीय ‘पार्किंग’, गंगा नदी में पर्यटन के विकास के लिए रो-रो नौकाओं और वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर तीन-लेन वाले फ्लाईओवर पुल समेत विभिन्न सार्वजनिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया. ये लगभग 744 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाएं हैं.
उन्होंने लगभग 839 करोड़ रुपये की लागत की कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी.
सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का विकास हो, ये हर देशवासी की अभिलाषा है. पर मोदी जी ने 7 साल में सांसद के तौर पर क्या किया? क्या गंगा मैया में बहने वाली गंदगी साफ़ हुई? 2013-14 में 32 गंदे नाले गंगा में गिरते थे, आज 34 गंदे नाले आ गिर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘क्या काशी को क्योटो बनाया? एक बारिश में ही बंद सीवर, जलभराव और सड़कों पर फैला कूड़ा-करकट चारों और है पर ‘स्मार्ट सिटी’ गुम है. कोरोना काल में काशी को अपने हाल क्यों छोड़ा? राजन मिश्रा जी ने ऑक्सिजन की कमी से दम तोड़ दिया. छन्नूलाल मिश्रा जी को संस्कार के लिए बिटिया का शव नही मिला. ऐसी अनगिनत घटनाएं हैं.’
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘क्या काशी में एक भी उद्योग लगा? बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर दर्जनों पौराणिक काल के मन्दिरों को क्यों तुड़वाया? 300 साल पुराने 250 भवनों को क्यों तोड़ा? क्या काशी के पुरातन वैभव पर यह हमला उचित है?’
कांग्रेस महासचिव ने यह भी पूछा, ‘जीवनदायिनी व मोक्ष दायनी मां गंगा के अर्धचंद्राकार स्वरूप को, जो बनारस कि पहचान है, व्यवसायिक कारणों से क्यों ख़राब किया? सरकार का काम इतिहास और संस्कार का संरक्षण है या अतिक्रमण?’
सुरजेवाला ने कहा, ‘काशी के मल्लाह और छोटी नाव चलाने वाले निषाद समाज की आजीविका को क्यों छीना? क्या वे काशी की ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा नही? प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गए दोनों गांव जयापुर और नगेपुर बदहाली के शिकार क्यों? जब प्रधानमंत्री अपने गोद लिए गांव में तरक़्क़ी नही करा सकते तो काशी का क्या होगा? काशी और पूर्वांचल का विकास, तरक़्क़ी और रोज़गार का इंतज़ार कब ख़त्म होगा?’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘स्वप्नजीवी जी, काशी को भाषण नही सुशासन चाहिए.’