नई दिल्लीः कांग्रेस नेट केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार से कुछ घंटे पहले बुधवार को दावा किया कि यह केंद्रीय कैबिनेट का नहीं, बल्कि ‘सत्ता की भूख’ का विस्तार है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अगर कामकाज और शासन को आधार बनाया जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कई मंत्रियों को पद से हटा दिया जाना चाहिए.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं, सत्ता की भूख का विस्तार है. अगर मंत्रिपरिषद का विस्तार हो तो वह कामकाज और शासन के आधार पर हो.’
सुरजेवाला ने दावा किया, ‘अगर कामकाज के आधार पर फेरबदल हो तो सबसे पहले तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन को हटा दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को हटाना चाहिए जिन्होंने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क की लूट के बोझ तले देश की जनता को दबा दिया.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘खाद्य मंत्री को हटाया जाना चाहिए जिन्होंने देश को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया कि गरीब के लिए तो खाद्यान्न नहीं हैं जबकि शराब बनाने वाली इकाइयों को एक लाख टन चावल दिया जा रहा है. इनसे पहले वित्त मंत्री को हटाया जाना चाहिए जिन्होंने जीडीपी को नकारात्मक स्थिति में पहुंचा दिया.’
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को हटाया जाना चाहिए जिनके कार्यकाल में चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर रखा है और सरकार की ओर से कुछ नहीं हो रहा. अगर कामकाज और शासन आधार है तो फिर गृह मंत्री अमित शाह को हटाया जाना चाहिए क्योंकि उनकी नाक के नीचे नक्सलवाद और आतंकवाद फैला हुआ है, पाकिस्तान की तरफ घुसपैठ हो रही है और आए दिन कहीं न कहीं पीट-पीट कर जान लेने की घटनाएं हो रही हैं.’
उन्होंने यह दावा भी किया, ‘अगर कामकाज और शासन आधार है तो प्रधानमंत्री को हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि आवाज दबाने वाली सरकारों में मोदी सरकार का ही नाम आता है.’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के रूप में मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार करने वाले हैं.
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