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Tuesday, 23 April, 2024
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कांग्रेस बोली- प्रधानमंत्री विपक्ष से पहले अपने सांसदों को समझाएं, जो उनकी नहीं सुनते

पीएम मोदी ने 17वीं लोकसभा के पहले दिन विपक्ष से लोकसभा में अपनी संख्या के बारे में चिंता न कर सदन की कार्यवाही में सक्रियता से भाग लेने का आग्रह किया था.

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नई दिल्लीः कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष को दी गई सलाह का जवाब देते हुए कहा कि उनकी बातों को सबसे ज्यादा उनकी अपनी पार्टी के नेता ही नहीं मानते हैं. लोकतंत्र में सक्रिय विपक्ष की महत्ता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 17वीं लोकसभा के पहले दिन विपक्ष से लोकसभा में अपनी संख्या के बारे में चिंता न कर सदन की कार्यवाही में सक्रियता से भाग लेने का आग्रह किया.

लोकसभा के पहले दिन सदन के सदस्य के तौर पर शपथ लेने से पहले मोदी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष और सक्रिय विपक्ष की भूमिका बहुत जरूरी है.

संसद में बजट सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर बैठक की जिसमें अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का संदेश अगर उनके मंत्रियों या उनके कनिष्ठों को मिल जाए तो इससे सबका फायदा होगा.’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री जो उपदेश दे रहे हैं, उनका पालन सबसे ज्यादा उनकी अपनी पार्टी के नेता ही नहीं करते हैं.’

संसद के महत्वपूर्ण सत्र से पहले कांग्रेस की बैठक में आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, जयराम रमेश, के. सुरेश भी शामिल हुए. कांग्रेस नेताओं के यहां लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और ‘तीन तलाक’ के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर पार्टी के रुख पर चर्चा करने की उम्मीद थी. इस प्रश्न पर चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि जब ये विषय संसद में आएंगे, तब इन पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को मुद्दों से अवगत करा दिया गया है.

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बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता पर चर्चा के प्रश्न पर चौधरी ने कहा, ‘लोकसभा में कांग्रेस के नेता के विषय पर चर्चा नहीं हुई.’ विपक्षी नेताओं के साथ बैठक के प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘जरूर.. उनसे हमारे अच्छे संबंध हैं, हम उनसे बात करेंगे.’

निचले सदन में कम संख्या पर मोदी के बयान पर चौधरी ने कहा, ‘लोकतंत्र की यही खासियत है. लोकतंत्र को संख्या द्वारा नहीं विचारों और चर्चाओं से निर्धारित किया गया है.’ उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता का मुद्दा महत्वपूर्ण है और लगातार दूसरी बार कांग्रेस की संसदीय दल की नेता नियुक्त की गईं सोनिया गांधी को लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने का काम दिया गया है.

महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा हालांकि बैठक समाप्त होने के कुछ मिनटों के बाद अपनी मां के आवास पर पहुंचीं.
कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, हालांकि लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए उसके पास दो सीटें कम हैं.

सूत्र ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, इसलिए पार्टी पर संसद के निचले सदन में मजबूत विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की बड़ी जिम्मेदारी है. सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा, ‘सरकार को फरमान जारी करने वाली संस्कृति को खत्म कर संसदीय प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए, महत्वपूर्ण विधेयकों को संसदीय समितियों के पास भेजना चाहिए और इसके बाद कानून पारित करने से पहले इस पर सदन में भी चर्चा होनी चाहिए.’

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