नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में भारतीय प्रवासी को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार और आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा, “भारत में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है. एक जिसका हम प्रतिनिधित्व करते हैं और दूसरी जिसका भाजपा और आरएसएस प्रतिनिधित्व करते हैं. आसान शब्दों में इस लड़ाई को समझाया जाए तो एक तरफ हमारी विचारधारा महात्मा गांधी की है और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे की है.”
भाजपा अपनी गलतियां कांग्रेस पर डाल देती है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ओडिशा ट्रिपल ट्रेन हादसे को लेकर केंद्र सरकार की नीति पर निशाना साधा और कहा “हमारे देश में एक समस्या है. भाजपा और आरएसएस भविष्य देखने में असमर्थ हैं. प्रधानमंत्री मोदी से अगर पूछा जाए कि ट्रेन दुर्घटना क्यों हुई तो वह कहेंगे कि कांग्रेस ने 50 साल पहले यह किया. उनकी पहली प्रतिक्रिया पीछे देखने वाली होती है… कांग्रेस के समय जब ट्रेन दुर्घटना हुई थी तब उस समय कांग्रेस ने यह नहीं कहा कि यह अंग्रेजों की गलती है इसलिए ऐसा हुआ. बल्कि उन्होंने (तत्कालीन रेल मंत्री) इस्तीफा दिया.”
गौरतलब है कि बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी. इस दुर्घटना में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई है और 1,000 से अधिक घायल हो गए है.
उन्होंने कहा कि, “मुझे एक ट्रेन दुर्घटना याद है जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी. कांग्रेस ने यह नहीं कहा कि अंग्रेजों की गलती के कारण ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उस समय रेल मंत्रालय के प्रभारी ने कहा, ‘यह मेरी जिम्मेदारी है और मैं इस्तीफा दे रहा हूं.
राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बालासोर ट्रेन हादसे के आलोक में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से तुरंत इस्तीफा मांगना चाहिए.
बालासोर दुर्घटना के मद्देनजर रेल मंत्री को बर्खास्त करने की मांग के बीच विपक्षी नेताओं पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि यह लोगों की मौत पर राजनीति करने का समय नहीं है.
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भारत में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो अमेरिका के अपने तीन-शहरों के दौरे के अंतिम पड़ाव पर हैं, उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, बीआर अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस सहित देश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सभी प्रमुख नेता , एनआरआई थे जो बाहरी दुनिया के बारे में खुला दिमाग रखते थे. “आधुनिक भारत के केंद्रीय वास्तुकार, महात्मा गांधी, एक एनआरआई थे. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की नींव दक्षिण अफ्रीका में रखी गई थी … नेहरू, बीआर अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, सभी एनआरआई थे और उनके पास एक खुलापन था.
उनकी टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि भाजपा, जिसके पास केंद्र में प्रशासन की बागडोर है, अक्सर उन पर विदेशी धरती पर भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाता रहा है.
राहुल गांधी आगे बोले, मेरा इरादा आप लोगों के साथ रिश्ता बनाना है जहां आप मुझे कह सकें कि ‘राहुल हम ऐसा सोचते हैं… राहुल आपको अमेरिका के साथ इस तरह के रिश्ते बनाने चाहिए…’. मुझे आपको यह बताने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि मैं क्या मानता हूं. मैं यहां आपके साथ ‘मन की बात’ नहीं करना चाहता. आपके मन में क्या है मेरी उस में दिलचस्पी है.
भगवा पार्टी ने भारत को बदनाम करने के लिए एक बड़े वैश्विक नैरेटिव का भी आरोप लगाया है.
भाजपा पर लगातार हमला करते हुए राहुल बोलें, देश दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई का सामना कर रहा है. एक कांग्रेस द्वारा समर्थित और दूसरी भाजपा और उसके वैचारिक माता-पिता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ.
उन्होंने दावा किया, “भारत में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई है – एक जिसका हम (कांग्रेस) प्रतिनिधित्व करते हैं और दूसरा जिसका समर्थन भाजपा और आरएसएस करते हैं.”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जो सिद्धांत और विचारधारा प्रिय है, वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समान है.
उन्होंने आगे कहा, “”हम जिस विचारधारा का पालन करते हैं, वह महात्मा गांधी की विचारधारा है, एक एनआरआई और एक दयालु और सरल व्यक्ति, जिन्होंने अहिंसा का प्रचार किया और सत्य की आजीवन खोज की. हालांकि, भाजपा और आरएसएस जिस विचारधारा का पालन करते हैं, वह नाथूराम की है. गोडसे एक हिंसक और गुस्सैल व्यक्ति थे जो अपने जीवन की सच्चाई का सामना करने में असमर्थ थे ”
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