नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी के कद्दावर नेता और प्रवक्ता आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं. उन्होंने इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है. संभव है कि भाजपा उन्हें पार्टी छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की कुशीनगर के पडरौना सीट से उनके खिलाफ मैदान में उतारे. इस बीच आरपीएन सिंह ने ट्विटर का अपना बायो भी बदल लिया है.
आरपीएन सिंह ने ट्विटर पर सोनिया गांधी के नाम त्यागपत्र पर भी जारी कर दिया है. उन्होंने लिखा है, ‘आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद.’
Today, at a time, we are celebrating the formation of our great Republic, I begin a new chapter in my political journey. Jai Hind pic.twitter.com/O4jWyL0YDC
— RPN Singh (@SinghRPN) January 25, 2022
सोनिया गांधी को लिखे गये त्यागपत्र में उन्होंने कहा है कि, ‘मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं. पार्टी ने मुझे ढेरों मौके दिए, इसके लिए मैं पार्टी को धन्यवाद देता हूं.’
लगातार किए गए ट्वीट में सिंह ने एक ट्वीट किया जिसमें कमल का फूल बना हुई था. सिंह ने लिखा, ‘यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है. मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण के अपने योगदान के लिए तत्पर हूं.’
— RPN Singh (@SinghRPN) January 25, 2022
बता दें कि सोमवार को स्टार कैंपेनर्स की कांग्रेस की ओर से जारी की गई सूची में आरपीएन सिंह का नाम भी शामिल था.
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पिछड़ी जाति से आते हैं
आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना के रहने वाले हैं और पिछड़ी जाति से आते हैं. वह सैंथावर-कुर्मी है. कई जगह यह जाति पटेल, वर्मा आदि टाइटल लगाती है. आरपीएन सिंह की पूर्वांचल में काफी पकड़ है. यहां कुर्मी वोटों की संख्या काफी मात्रा में हैं.
रह चुके हैं मंत्री
आरपीएन सिंह कांग्रेस पार्टी में रहते हुए गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. 15वीं लोकसभा में कुशीनगर से सांसद रहे हैं. वह पडरौना से तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे हैं. आरपीएन सिंह 1996 से 2009 तक पडरौना से कांग्रेस के विधायक रहे हैं. 2009 में वह कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. वह यूपीए-2 सरकार में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम मंत्री रह चुके हैं. वह चार दशकों से राजनीति में सक्रिय रहे हैं. सिंह 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे. 1996 में वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन भाजपा की रामनगीना से चुनाव हार गए थे.
राहुल गांधी की टीम के थे अहम साथी
आरपीएन सिंह राहुल गांधी की टीम के अहम साथी रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सचिन पायलट के साथ आरपीएन सिंह राहुल के सबसे करीबियों में माने जाते रहे हैं. वह झारखंड के प्रभारी थे और यूपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह तमाम मुद्दों पर पार्टी का पक्ष रखते रहे हैं.
पुराने कांग्रेसी, पिता भी कांग्रेस में रहे हैं
उत्तर प्रदेश के बड़े चेहरों में शामिल आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह भी कांग्रेसी रहे हैं. पिता सीपीएन भी पडरौना से कांग्रेस के विधायक रहे हैं. आरपीएन पार्टी के वफादार नेता माने जाते रहे हैं. खबरों के मुताबिक आरपीएन की तीन दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात हुई थी. काफी समय से वह पार्टी में सक्रिय नजर नहीं आ रहे थे.
पडरौना के राजा साहेब
आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. वह पडरौना के राजा साहेब के नाम से चर्चित हैं. लोग उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं. आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में हुआ. उनकी पत्नी पत्रकार सोनिया सिंह हैं. दोनों को तीन बेटियां हैं.