नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे भारी तनाव की वजह से देश के तमाम बड़े मुद्दे हाशिए पर चले गए थे. लेकिन जैसे ही तनाव से सब कुछ स्थिरता की ओर लौट रहा है वैसे ही सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीति वापस पटरी पर लौट रही है. इसी सिलसिले में राफेल डील पर ताज़ा आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर कांग्रेस के ‘चौकीदार ही चोर है’ वाले नारे को उछाला. उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने की भी मांग की है. वहीं, सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर राफेल बनाने वाली कंपनी को 4305 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘राफेल घोटाले में देश के ख़जाने को हुए नुकसान की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है.’ सुरजेवाला ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है. सुरजेवाला ने इसी के साथ कहा कि चौकीदार की चोरी, आखिर रंगे हाथों पकड़ी गई.
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‘‘राफेल घोटाले में देश के खजाने को हुए नुकसान की साजिश का हुआ भंडाफोड़’’
‘‘प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी सीधे जिम्मेदार, भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत हो मुकदमा दर्ज’’
‘‘चौकीदार की चोरी, आखिर रंगे हाथों पकड़ी गई’’#WhoAteTheRafalePie पर हमारा बयान:- pic.twitter.com/9JbsyKGQaF
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 6, 2019
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने ये बात भी छुपाई की विमानों की डिलिवरी 10 सालों में होगी. विपक्षी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में बैंक गारंटी ख़त्म करके राफेल बनाने वाली कंपनी को फायदा पहुंचाया. ये बावजूद इसके किया गया कि वित्त, रक्षा और कानून मंत्रालय इसके ख़िलाफ़ थे. वहीं, उन्होंने कैग का हवाला देते हुए कहा कि इससे राफेल बनाने वाली कंपनी को 574 मिलियन यूरो (4305 करोड़ रुपए) का फायदा हुआ.
ताज़ा आरोपों में सुरजेवाला ने इंडियन नेगोशिएटिंग टीम की रिपोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने पीएम मोदी पर देश की संसद को धोखा देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने जानकारी दी कि इंडियन नेगोशिएटिंग टीम के मुताबिक 36 राफेल विमानों की कीमत 8460 मिलियन यूरो (63,450 करोड़ रुपए) है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा झूठे दावे में इस कीमत को 7,890 मिलियन यूरो (59,175 करोड़ रुपए) बताया गया था.
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सुरजेवाला ने बताया कि यूपीए के समय कांग्रेस के नतृत्व वाली सरकार जो 126 विमान ख़रीद रही थी उसकी कीमत 574 मिलियन यूरो (4305 करोड़ रुपए) थी. आगे की जानकारी में बताया कि इसमें बैंक गारंटी भी शामिल थी जो कि वर्तमान सरकार द्वारा किए गए सौदे में शामिल नहीं है. इसी दौरान उन्होंने सरकार द्वारा फ्रांस की मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर किए गए सौदे की भी बात की. उन्होंने कहा कि अगर फ्रांस की मुद्रास्फीति बढ़ती है तो सरकार को विमान की बढ़ी हुई कीमत चुकानी पड़ेगी.