नई दिल्ली: कांग्रेस ने चुनावी बांड का मुद्दा गुरूवार को लोकसभा में उठाया और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर इस योजना के माध्यम से ‘सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा’ पहनाने का गंभीर आरोप लगाया तथा इस विषय पर सदन से वॉकआउट भी किया.
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने चुनावी बॉण्ड जारी किये और उसके माध्यम से ‘सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा पहनाया गया’.
Congress MP Manish Tewari in Lok Sabha: I want to draw the attention of the House towards electoral bonds. The electoral bond scheme was limited to elections. RTI in 2018 reveled that government overruled Reserve Bank of India on electoral bonds. pic.twitter.com/URRwEqOppc
— ANI (@ANI) November 21, 2019
उन्होंने कहा, ‘2017 के बजट में घोषणा के बाद जब यह योजना लागू की गयी थी तो इसे केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित रखा गया था. हालांकि अप्रैल 2018 में कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर (इसे बदल दिया गया).’ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तिवारी को टोकते हुए कहा कि किसी का नाम नहीं लिया जाए. उन्हें इसके बाद बोलने की अनुमति नहीं दी गयी. इस पर तिवारी कहते सुने गये कि उनके पास आरटीआई से प्राप्त कागज हैं और वह सदन के पटल पर रखने को तैयार हैं.
तिवारी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने उन्हें बात पूरी करने की अनुमति देने की मांग की, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया.
इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया.