नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी हार के बाद शुक्रवार को कहा कि उसका प्रदर्शन ‘अत्यंत निराशाजनक’ रहा है और स्थानीय नेतृत्व को लेकर अब कठोर निर्णय लेने का समय है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि गुजरात में कांग्रेस का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के साथ ही उसके गठबंधन के ‘अनौपचारिक घटक दलों’ एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के साथ था.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘गुजरात के चुनाव नतीजे अत्यंत निराशाजनक हैं. हम इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे. गुजरात में कांग्रेस और भाजपा का मुकाबला नहीं था. वहां एक तरफ भाजपा और एआईएमआईएम एवं आप का गठबंधन था, तो दूसरी तरफ कांग्रेस थी.’
रमेश ने दावा किया, ‘केंद्र और राज्य सरकार की संस्थाएं भाजपा की मदद करने में लगी हुई थीं. हमने शिकायत की, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. ‘जी 2’ यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगे हुए थे. आचार संहिता का उल्लंघन किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘हमारा वोट प्रतिशत 27 है. यह 40 प्रतिशत से घटकर हुआ है. 27 प्रतिशत वोट कम नहीं होता और यह एक चुनाव में 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.’
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं
हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.
रमेश ने कहा, ‘हम कोई बहाना नहीं बना रहे. यह आत्मचिंतन का समय है, एकजुट होने का समय है. नया नेतृत्व लाने का समय है. गुजरात में मुद्दे हैं.’
उनका यह भी कहना था कि अब स्थानीय नेतृत्व को लेकर कठोर निर्णय लेने का वक्त है.
उन्होंने कहा कि प्रचार अभियान प्रदेश नेतृत्व ने चलाया था.
भाजपा को गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में 52.5 प्रतिशत मत के साथ 156 सीट मिली है. मुख्य विपक्षी कांग्रेस 27 प्रतिशत मतों के साथ 17 सीट पर सिमट गई, तो आप को करीब 13 प्रतिशत मतों के साथ पांच सीट हासिल हुई.
रमेश ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पर कहा कि जनता ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और अब सरकार को पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने समेत विभिन्न वादों को पूरा करना है.
उन्होंने यह दावा भी किया, ‘एक तरह से देखा जाए तो हिमाचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार नाकाम रहा. गुजरात को छोड़कर अन्य सभी जगह भाजपा के खिलाफ नतीजे आए हैं.’
यह भी पढ़ें: कांग्रेस के लिए ‘आप’ अगर एक बड़ा कांटा है, तो भाजपा के लिए सिर्फ एक सिरदर्द