लखनऊ: वाराणसी की कांग्रेस इकाई की नेता के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आईटी सेल के एक सदस्य द्वारा सोशल मीडिया पर सिलसिलेवार आपत्तिजनक पोस्ट ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें आरोप है कि उन्हें (नेता को) बलात्कार की धमकी दी गई थी.
रविवार को कांग्रेस नेता रोशनी कुशल जायसवाल के बारे में भाजपा आईटी सेल के राजेश सिंह द्वारा पोस्ट को लेकर हुए विवाद के हिंसक रूप लेने के बाद स्थानीय कांग्रेस और भाजपा नेता अपने पार्टी सहयोगियों के साथ खड़े हो गए.
जायसवाल अपने परिवार के साथ सिंह के घर गईं और कथित तौर पर उनकी पिटाई की. उन्होंने कहा कि वे कुछ समय से उनके बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे और पिछले हफ्ते उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में “उनके साथ बलात्कार करने और उन्हें गर्भवती करने” की धमकी दी थी, पोस्ट को अब हटा दिया गया है.
भाजपा समर्थकों ने वाराणसी के लालपुर-पांडेयपुर पुलिस स्टेशन के बाहर चार घंटे तक धरना दिया और जायसवाल और उनके पति की गिरफ्तारी की मांग की.
वाराणसी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, जिन्होंने अपनी बाइकों से यातायात बाधित किया और जायसवाल के पति की गिरफ्तारी के बाद ही उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त किया.
इस घटना ने वाराणसी में भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक रंजिश को जन्म दे दिया है. वाराणसी एक महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल के संसदीय चुनाव में तीसरी बार जीत हासिल की है.
भाजपा की काशी इकाई के सदस्य सुधीर सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि जायसवाल प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट कर रही थीं. उन्होंने कहा कि सिंह की पोस्ट का उद्देश्य उनके बयानों का विरोध करना था.
उन्होंने कहा, “वे लंबे समय से प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट लिख रही हैं. सिंह भाजपा समर्थक हैं और पार्टी के आईटी सेल के सदस्य हैं और वे उनके बयानों का विरोध करने के लिए लिखते थे. अगर वे किसी बात से नाराज़ थीं, तो उन्हें पुलिस में शिकायत करनी चाहिए थी. वे किसी के घर में घुसकर उसे कैसे पीट सकती हैं?”
अपने एक्स प्रोफाइल पर खुद को सौंदर्य प्रतियोगिता की विजेता और यूपी कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता बताने वाली जायसवाल अक्सर अपने एक्स पोस्ट पर ‘साहब’, ‘फेकू’ और ‘पत्नी को छोड़ने वाला’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन किसी का नाम नहीं लेती हैं.
कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट सुरेंद्र राजपूत ने दिप्रिंट को बताया कि सिंह आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करके जायसवाल को परेशान कर रहे थे. “वे कांग्रेस की पुरानी कार्यकर्ता हैं और उनकी पहचान से इतर, अगर किसी महिला के साथ ऐसा होता, तो कांग्रेस इस पर आपत्ति जताती.”
यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय की टीम के एक सदस्य ने दिप्रिंट को बताया कि कांग्रेस जायसवाल के साथ खड़ी है और इसके वाराणसी शहर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे और जिला अध्यक्ष रविवार को जायसवाल का समर्थन करने के लिए मौके पर मौजूद थे.
वाराणसी पुलिस ने सिंह के घर पर हुई हिंसा के सिलसिले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. सिंह पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें शांति भंग करना, आपराधिक धमकी और यौन रूप से भड़काऊ टिप्पणी करना शामिल है. जायसवाल और उनके पति पर दंगा और अतिक्रमण की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिप्रिंट ने दोनों एफआईआर देखी हैं.
दिप्रिंट ने फोन पर जायसवाल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन बंद था. वाराणसी पुलिस के सूत्रों ने कहा कि पति की गिरफ्तारी के बाद से ही उनसे संपर्क नहीं हो पाया है.
सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि जायसवाल के बारे में उनकी टिप्पणी पीएम, सीएम आदित्यनाथ और पूर्व सांसद स्मृति ईरानी के बारे में उनकी कथित टिप्पणियों पर एक नाराज़गी भरी प्रतिक्रिया थीय
उन्होंने अपनी ओर से “कुछ दुर्व्यवहार” की बात स्वीकार की, लेकिन कहा कि समस्याओं का समाधान किया जा सकता था.
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सोशल मीडिया से सड़क तक जंग
जायसवाल और सिंह के बीच सोशल मीडिया पर जंग पिछले कुछ समय से चल रही थी.
जायसवाल का आरोप है कि सिंह — जो फेसबुक और एक्स पर ‘भगवाधारी राजेश सिंह’ के नाम से मशहूर हैं — पिछले चार सालों से उन पर आपत्तिजनक पोस्ट कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सिंह के पोस्ट में ‘पहले इस्तमाल करो, फिर विश्वास करो’, ‘माल हो हमार’, ‘फिर से प्रेग्नेंट करे के होई’ जैसी टिप्पणियां थीं.
उन्होंने रविवार को पत्रकारों से कहा, “वे लगातार मेरे, मेरे पति, मेरे पिता और मेरे परिवार के लिए ‘रोकुजा’ (रोशनी कुशल जायसवाल) के संक्षिप्त रूप में अभद्र टिप्पणियां लिख रहे थे, लेकिन दो दिन पहले उन्होंने लिखा कि रोशनी कुशल जायसवाल को ‘गर्भवती करना होगा, उसका बलात्कार करना होगा और उसके बाद ही उसे चुप कराया जाएगा’ जैसी बातें लिखीं. मुझे चुप कराने के लिए उसने मुझे गर्भवती करने की धमकी दी, जिसके खिलाफ मैंने डीएम और पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है.”
हम सभी किसी भी प्रकार की हिंसा के ख़िलाफ़ है।
हमारी कांग्रेस की नेता को खुले आम बलात्कार की धमकी देना वो भी कई कई बार देना तो सबसे बड़ी हिंसा है।
वो हिंसा इस से भी बड़ी हिंसा है जो रोशनी @roshnikushal अपने परिवार के साथ इस लिखित बलात्कारी के साथ कर रही है। pic.twitter.com/MyNVad0s7y— Surendra Rajput (@ssrajputINC) September 15, 2024
जायसवाल ने सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट की प्रतियां बनाईं, जिसमें कथित तौर पर उन्हें निशाना बनाया गया था और उसे सिंह के पड़ोस पांडेयपुर में वितरित किया.
जबकि सोशल मीडिया पर जंग चल रही थी, जयसवाल और उनका परिवार सिंह के घर गया और कथित तौर पर उन्हें कई बार थप्पड़ मारे. घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
वीडियो में सिंह की पत्नी अनु सिंह उन्हें जायसवाल और उनके परिवार से बचाने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है, जबकि जायसवाल को चिल्लाते हुए सुना जा सकता है कि “वो उनका बलात्कार करना चाहता था”.
जायसवाल ने घटना का एक वीडियो बनाया और इसे अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया और महिलाओं से बलात्कारियों के खिलाफ खड़े होने और महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करने का आग्रह किया.
जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा, “मैं अपने बेटे को स्कूल और ट्यूशन छोड़ने के लिए अकेली ही बाहर जाती हूं. वो मुझे अकेला पाकर कभी भी मेरा बलात्कार कर सकता है. जिस तरह से लोग आरजी कर बलात्कार मामले की पीड़िता की मौत के बाद उसके समर्थन में आगे आ रहे हैं…मैं नहीं चाहती कि कोई मेरा बलात्कार करे तो लोग कैंडल मार्च निकालें.”
उन्होंने कहा, “अगर कोई बलात्कारी ‘भगवा राजेश सिंह’ जैसा है और मैं बाबा विश्वनाथ की नगरी में उसका घर जानती हूं, तो मुझे उसके घर पहुंचना चाहिए और उसकी मां, पत्नी और बेटी को बताना चाहिए कि वो क्या है.”
दिप्रिंट से बात करते हुए सिंह ने कहा कि जायसवाल प्रधानमंत्री के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां पोस्ट कर रहे थीं. “हम यह सब पांच साल से देख रहे थे.”
उन्होंने दावा किया, “वे मेरे घर आईं और मुझे बलात्कारी बताते हुए पर्चे बांटे. थोड़ा गलत हुआ, देख लिया जाता. वे गुंडे लेकर आई.”
उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी के बारे में जायसवाल की पोस्ट से उन्हें गुस्सा आया, जिसमें उन्होंने स्मृति ईरानी के लिए एक अभद्र शब्द का इस्तेमाल किया था. “क्या भाजपा कार्यकर्ता का खून नहीं खौलेगा? मैंने भी कुछ लिखा है. अगर आपको ठेस पहुंची है, तो आप कानून का रास्ता अपना सकते थे. क्या आप खुद कानून बनेंगे और न्याय देंगे?”
सिंह, जिनकी एक्स प्रोफाइल कहती है, “भगवाधारी के वेश में, हमने एक शेर को (सिंहासन पर) बैठा दिया है, जो उत्तर प्रदेश में पत्थर हिलाने की हिम्मत कर सकता है,”, ने कहा कि वे एक आरएसएस कार्यकर्ता हैं और उन्होंने तभी प्रतिक्रिया दी जब “जायसवाल ने अपनी सारी सीमाएं लांघ दीं”.
उनके एक्स प्रोफाइल में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पत्रकार रवीश कुमार के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ कई पोस्ट हैं.
उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं. एक गलती के लिए पार्टी मुझसे दूरी नहीं बनाएगी, जबकि मैंने 99 प्रतिशत अच्छा काम किया है. जब उनसे इस बात के बारे में पूछा गया कि क्या भाजपा नेतृत्व उनका जोरदार बचाव नहीं कर रहा है, तो उन्होंने कहा, अगर वे इस तरह लोगों को छोड़ देंगे, तो कोई भी पार्टी के लिए काम नहीं करेगा.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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