नई दिल्ली: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद को सुलझाने के लिए एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के आलाकमान और पार्टी नेतृत्व ने गहलोत के साथ बैठक की.
इस दौरान सचिन पायलट को मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर बुलाया गया है जहां पर पहले से ही राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मौजूद हैं.
गहलोत की ख़ड़गे और राहुल से हुई यह मुलाकात ख़ड़गे के आवास ’10 राजाजी मार्ग’ पर हुई. इस दौरान कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौजूद थे.
इस मुलाकात को कांग्रेस नेतृत्व की ओर से राजस्थान में गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद को सुलझाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
बता दें कि कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस में एकबार फिर जोश भर गया है. कांग्रेस पार्टी की सोमवार को हुई बैठक के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हमारी चर्चा लंबी चली. और हमारा आंतरिक आंकलन है कि हमें कर्नाटक में 136 सीटें मिली, हमें मध्य प्रदेश में 150 सीटें मिलने वाली है. राहुल ने कहा कि कर्नाटक की तरह हम मध्य प्रदेश भी जीतने जा रहे हैं.
इस साल के आखिर में राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और लंबे समय से मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और सचिन की रस्साकसी को भी खत्म करने के लिए बैठक बुलाई है.
मुलाकात से पहले गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान आज भी इतना मजबूत है कि कोई नेता यह कहने की हिम्मत नहीं कर सकता कि वह अपनी पसंद का पद लेगा या फिर पार्टी उसे मनाने के लिए पद की पेशकश करे.
मुख्यमंत्री से, सचिन पायलट को मनाने के लिए आलाकमान की ओर से कथित तौर पर पद की पेशकश किए जाने संबंधी खबर को लेकर सवाल किया गया था.
माना जा रहा है कि कांग्रेस राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जारी विवाद को खत्म करने के प्रयास में है.
#WATCH | Delhi: Congress leader Sachin Pilot arrives at the residence of party president Mallikarjun Kharge, where Rajasthan CM Ashok Gehlot and Rahul Gandhi are also present. pic.twitter.com/yeA1AtfwAJ
— ANI (@ANI) May 29, 2023
हाल ही में ‘जन संघर्ष यात्रा’ निकालने वाले पायलट ने मई के अंत तक उनकी मांगें नहीं मानने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. जयपुर में अपनी पांच दिवसीय ‘जन संघर्ष यात्रा’ का समापन करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था.
पायलट ने हाल में तीन मांगें रखी थीं, जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करना और इसका पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे नीत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है.
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