पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि चुनाव से पूर्व गठबंधन करने वाली महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और तृणमूल कांग्रेस की संस्कृतियां मेल नहीं खाती हैं.
गोवा की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी एमजीपी ने सोमवार को एलान किया कि वह ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ मिलकर आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
इस राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि जब दोनों दलों की सांस्कृतिक पहचान की बात आती है तो उनका कोई मेल नहीं है.
उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में भाग लेने के बाद सोमवार शाम को पत्रकारों से कहा, ‘कहां एमजीपी की संस्कृति और कहां टीएमसी की पश्चिम बंगाल की संस्कृति? हमें हैरानी है कि कैसे वे मेल खाएंगी.’
एमजीपी की स्थापना करने वाले गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बान्दोडकर का हवाला देते हुए सावंत ने कहा, ‘स्वर्गीय भाऊसाहेब (दयानंद) बान्दोडकर जहां भी होंगे उन्हें शांति नहीं होगी.’
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सदानंद शेट तनवड़े ने कहा, ‘मैंने विभिन्न व्हाट्सएप समूहों पर कार्टून देखे हैं. उनमें दिखता है कि जब किसी शेर को कुछ खाने को नहीं मिलता है, तो वह घास खाता है.’
उल्लेखनीय है कि शेर एमजीपी का चुनावी चिह्न है.
तनवड़े ने कहा कि जब एमजीपी ने 1994 में पहली बार भाजपा से गठबंधन किया था तो वह एक अलग दल था. उन्होंने कहा, ‘अगर वह वैसा ही दल होता तो वह टीएमसी जैसे राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करता। अब एमजीपी धवलीकर बंधुओं की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गयी है.’
एमजीपी का नेतृत्व दीपक धवलीकर कर रहे हैं और उनके भाई सुदिन धवलीकर राज्य विधानसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
दीपक धवलीकर ने सोमवार को कहा कि टीएमसी के साथ एमजीपी के गठबंधन की जानकारियां बाद में बतायी जाएंगी और उन्होंने कहा कि दोनों दल 40 सदस्यीय विधानसभा में चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा करेंगे. उन्होंने दावा किया कि गोवा में भाजपा के खिलाफ ‘लहर’ है.