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Sunday, 17 November, 2024
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पंजाब में IAS के BJP में जाने से नाराज़ सीएम मान, ‘प्रोटोकॉल निभाएं वरना ज़िंदगी भर की कमाई जोखिम में’

अकाली दल के वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग करते हुए पिछले हफ्ते इस्तीफा दे दिया था, लेकिन सीएम ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.

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चंडीगढ़: 2011 बैच की अखिय भारतीय सेवा (आईएएस) की अधिकारी परमपाल कौर के गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब कैडर की अधिकारी को चेतावनी दी कि अगर वे इस्तीफे के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगी तो वे ‘अपनी ज़िंदगी भर की कमाई खो देंगी’.

कौर अपने पति गुरप्रीत सिंह मलूका के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हुईं.

कौर शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू हैं. उम्मीद है कि भाजपा उन्हें प्रतिष्ठित बठिंडा सीट से मैदान में उतारेगी.

कौर ने पिछले हफ्ते आईएएस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था, लेकिन सीएम ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.

एक्स पर पंजाबी में एक पोस्ट में, मान ने लिखा: “आपको आईएएस अधिकारी बनने की बहुत जल्दी थी…इस्तीफा देने का एक निश्चित तरीका है…कृपया इस्तीफा देने के सही तरीके को समझें…वरना आपकी ज़िंदगी भर की कमाई खतरे में पड़ सकती है.”

कौर पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम की प्रबंध निदेशक थीं और इस साल अक्टूबर के अंत में सेवानिवृत्त होने वाली थीं.

उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को मंजूरी के लिए भेजने के अलावा भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को भी भेजा था. मुख्य सचिव ने उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया था, जहां यह विचाराधीन है.

सूत्रों ने बताया कि इस बीच, भारत सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

पार्टी में शामिल होने के समय कौर ने कहा कि राजनीति में यह उनका पहला कदम है और यह महत्वपूर्ण है कि वे सही पार्टी चुनें.

कौर ने कहा, “देश ने पिछले 10 साल में जिस तरह का विकास किया है वह अद्वितीय है और मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस देश का भविष्य उज्ज्वल है.”

उन्होंने आगे कहा, अन्य पार्टियों के पास भविष्य के लिए दृष्टिकोण और खाका दोनों की कमी है.”


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कौन हैं परमपाल कौर

परमपाल कौर ने 1990 के दशक में ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) के पद पर रहते हुए पंजाब सरकार में सेवा की है. जब मलूका 2012 से 2017 के बीच अकाली शासन में शिक्षा मंत्री थे, तो उन्होंने 2013 में स्कूल शिक्षा महानिदेशक (डीजीएसई) के कार्यालय में अतिरिक्त परियोजना निदेशक का पद संभाला और कईं विवादों में उलझीं. पंजाब सिविल सर्विसेज (पीसीएस) में सीधे शामिल होने के लिए उनकी फाइल पहले पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) में भेजी गई थी, लेकिन फिर पीपीएससी से वापस ले ली गई और आईएएस में सीधे शामिल होने के लिए यूपीएससी को भेज दी गई.

कौर को 2015 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा गैर-पीसीएस अधिकारियों के कोटे से आईएएस में नामांकित किया गया था.

अकाली-भाजपा शासन के दौरान 2013 में गुरप्रीत मलूका को सर्वसम्मति से बठिंडा जिले का जिला परिषद प्रमुख चुना गया था.

बठिंडा सीट शिअद के लिए काफी अहम है. वर्तमान में यह पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल के पास है. सिकंदर मलूका कई साल तक हरसिमरत बादल के चुनाव प्रभारी रहे, जिन्होंने तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अकाली दल नहीं छोड़ेंगे, लेकिन यह तथ्य कि उनकी बहू बठिंडा से भाजपा की उम्मीदवार हो सकती है, उन्हें शिअद के भीतर एक मुश्किल स्थिति में डालने की उम्मीद है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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