अहमदाबाद: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में जारी उठापटक के बीच पार्टी के नेता चिराग पासवान सोमवार को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे. इसे उन्होंने शहर का निजी दौरा करार दिया.
हवाईअड्डे पर पहुंचे पासवान उस सवाल पर सीधा जवाब देने से बचते नजर आए, जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या वह एक वरिष्ठ भाजपा नेता से मुलाकात करने अहमदाबाद आए हैं क्योंकि ऐसी अटकलें हैं? लोजपा नेता ने कहा कि वह निजी दौरे पर अहमदाबाद आए हैं.
गौरतलब है कि अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा के साथ उनके संबंध ‘एकतरफा’ नहीं रह सकते हैं और यदि उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे.
चिराग ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता रामविलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा के साथ ‘चट्टान’ की तरह खड़े रहे, लेकिन जब इन ‘कठिन’ समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भाजपा साथ नहीं थी.
चिराग ने यह भी कहा था कि उनका मोदी में विश्वास कायम है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर आपको घेरा जाता है, धकेला जाता है और कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी … लोजपा को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में इस आधार पर निर्णय लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा था और कौन नहीं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान भाजपा ने उनसे संपर्क किया था, उन्होंने कहा कि भगवा दल का चुप रहना ‘उचित’ नहीं था, जबकि जद (यू) लोजपा में विभाजन के लिए ‘काम कर रही थी.’ चिराग ने कहा, ‘मुझे उम्मीद थी कि वे (भाजपा) मध्यस्थता करेंगे और चीजों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है.’
भाजपा ने कहा है कि लोजपा का संकट क्षेत्रीय पार्टी का आंतरिक मामला है.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से चिराग पासवान और चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच में पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर रार बढ़ गई है. एक ओर जहां चाचा ने पार्टी में कुछ सांसदो को तोड़ कर अपनी तरफ कर लिया है और चिराग पासवान को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है. चिराग पासवान इसे पार्टी के साथ धोखा बता रहे हैं.
पार्टी ने पांच असंतुष्ट पार्टी सांसदों को निष्कासित कर दिया, वहीं उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले गुट ने चिराग को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया. पारस पार्टी संस्थापक दिवंगत राम विलास पासवान के सबसे छोटे भाई हैं.
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