नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक से एक दिन पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान सोमवार को एनडीए में शामिल हो गए.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी.
नड्डा ने ट्वीट में कहा, ‘‘श्री चिराग पासवान जी से दिल्ली में भेंट हुई. उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है. मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं.’’
श्री @iChiragPaswan जी से दिल्ली में भेंट हुई। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ। pic.twitter.com/vwU67B6w6H
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) July 17, 2023
गौरतलब है कि दिन में पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और तभी कयास लगाए जा रहे थे कि वे जल्द ही सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं.
शाह से मुलाकात के बाद के चिराग पासवान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज नई दिल्ली में देश के गृह मंत्री अमित शाह से गठबंधन के मुद्दों को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई.’’
वहीं, शाह ने भी ट्वीट कर कहा, ‘‘आज श्री चिराग पासवान से भेंट कर बिहार की राजनीति पर व्यापक चर्चा हुई.’’
उनके इस ट्वीट से संकेत मिल गया था कि चिराग मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की बैठक में भाग लेंगे.
चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित लोजपा ने 2019 में छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और बीजेपी के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी.
युवा नेता चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद भाजपा, उसी व्यवस्था पर कायम रहे. लोजपा में विभाजन के बाद बने दूसरे गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं, जो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं.
लोजपा (रामविलास) के सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान ने अपने गठबंधन को औपचारिक रूप देने से पहले बिहार में लोकसभा और विधानसभा सीट के अपने हिस्से के बारे में भाजपा के समक्ष स्पष्टता पर जोर दिया है.
चिराग पासवान सीट के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. शाह से आज की उनकी मुलाकात को भी इसी कवायद के रूप में देखा जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय इससे पहले चिराग पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं.
बता दें कि चिराग यह भी चाहते हैं कि भाजपा उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट दे, जो दशकों से उनके पिता का गढ़ रही है, लेकिन वर्तमान में संसद में पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. चिराग के चाचा ने भी इस सीट पर दावा करते हुए कहा है कि वही रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं, ना कि चिराग.
भाजपा भी दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के लिए काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री पारस से भी मुलाकात की है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन टूट जाने के बाद से भाजपा चिराग पासवान को अपने पाले में वापस लाने के लिए उत्सुक है, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में अपनी ताकत और बढ़ाना चाहती है.
चिराग पासवान 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के तत्कालीन सहयोगी नीतीश कुमार का विरोध करने के कारण राजग से अलग हो गए थे, लेकिन वह प्रमुख मुद्दों पर भाजपा के समर्थन में रहे.
यह भी पढ़ें: तमिलनाडु में बढ़ा मंदिर विवाद, भाजपा का नया ‘आध्यात्मिक विंग’ कैसे कर रहा है DMK से मुकाबला