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Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीति'मेरे शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया,' रामपुर में FIR दर्ज होने पर बोले पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी

‘मेरे शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया,’ रामपुर में FIR दर्ज होने पर बोले पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी

सक्सेना ने शिकायत में कहा 'कुरैशी ने अपने बयान में आजम के खिलाफ कार्रवाई को इंसान और दानव के बीच की लड़ाई करार दिया. यह बयान दो समुदायों के बीच तनाव और समाज में अशांति पैदा कर सकता है.'

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी के खिलाफ प्रदेश सरकार के विरोध में कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए राजद्रोह और धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने की कोशिश करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुरैशी पर के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए (धर्म, जाति, आदि के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाला भाषण देना), 124ए (राजद्रोह), और 505 1 बी- (सार्वजनिक शांति के विरूध्द अपराध करने के आशय से असत्य कथन) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

यूपी के पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी ने सीएम के खिलाफ टिप्पणी के लिए अपने खिलाफ देशद्रोह के मामले के दर्ज होने पर कहा, ‘मुझे राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने और जनता को गुमराह करने के लिए मेरे शब्दों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. मैंने कहा था कि पहले के दिनों में आज की तरह इतने अत्याचार नहीं हुए. मैंने किसी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की.’

भाजपा नेता आकाश कुमार सक्सेना ने रविवार को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

सक्सेना ने आरोप लगाया कि कुरैशी सपा नेता आजम खान के घर गये और उनकी पत्नी तज़ीन फातमा से मिलने के बाद अपमानजनक बयान दिया और योगी आदित्यनाथ सरकार की तुलना ‘राक्षस, शैतान और खून पीने वाले दरिन्दे’ (राक्षस) से की.

उन्होंने शिकायत में कहा, ‘कुरैशी ने अपने बयान में आजम के खिलाफ कार्रवाई को इंसान और दानव के बीच की लड़ाई करार दिया. यह बयान दो समुदायों के बीच तनाव और समाज में अशांति पैदा कर सकता है.’ शिकायत के साथ सक्सेना ने पुलिस को विभिन्न चैनलों में प्रसारित कुरैशी के बयान की पेन ड्राइव भी दी है .

कुरैशी (81) कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य थे, जिन्होंने 2014-15 में मिजोरम के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. उनके पास कुछ समय के लिए उत्तर प्रदेश का प्रभार भी था.

पुलिस के अनुसार मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही हैं और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.


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