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Wednesday, 20 November, 2024
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बिहार श्रमिकों पर हमले के मामले में हिंसा भड़काने के लिए तमिलनाडु BJP प्रमुख के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

मामले का संज्ञान लेते हुए, तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सिलेंद्र बाबू ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि सोशल मीडिया पर चल रहा वीडियो 'झूठा' और 'शरारती' था.

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नई दिल्ली: तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख के अन्नामलाई द्वारा राज्य में प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों को लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी को जिम्मेदार ठहराए जाने के एक दिन बाद, पुलिस ने उनके खिलाफ हिंसा भड़काने और समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है.

साइबर क्राइम डिवीजन ने बीजेपी राज्य इकाई के प्रमुख पर हिंसा भड़काने और समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, इस घटना को लेकर भाजपा बिहार ट्विटर अकाउंट धारक के खिलाफ मामला भी दर्ज है.

साइबर क्राइम ब्रांच ने साइबर क्राइम डिवीजन में आईपीसी की धारा 153 (भड़काने), 153A(1)(ए), 505(1)(बी) (अफवाह या खतरनाक समाचार वाले किसी बयान या रिपोर्ट को प्रकाशित या प्रसारित करने) 505(1)(सी) (उकसाने  या भड़काने के इरादे से) के तहत अन्नामलाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

अन्नामलाई ने शनिवार को प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर एक बयान जारी कर कहा कि वे तमिलनाडु में सुरक्षित हैं, लेकिन मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और उसके गठबंधन दल के नेता, इस नफरत का कारण हैं.

उन्होंने राज्य में बिहार के लोगों पर हमले की झूठी खबरों के प्रसार का भी विरोध करते हुए कहा कि तमिल उत्तर भारतीयों के खिलाफ ‘अलगाववाद’ और ‘घृणा के हमलों’ का समर्थन नहीं करते हैं.

अन्नामलाई ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, ‘तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के बारे में सोशल मीडिया में फैली फर्जी खबरों को देखना निराशाजनक है. हम, तमिल लोग दुनिया एक है की अवधारणा में विश्वास करते हैं और हमारे उत्तर भारतयों के खिलाफ अलगाववाद और घिनौनी नफरत का समर्थन नहीं करते हैं.’

राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘डीएमके के सांसदों की उत्तर भारतीयों पर अभद्र टिप्पणी, डीएमके मंत्री ने उन्हें पानीपुरी वाला कहा, और उनके गठबंधन सहयोगियों ने उनके पलायन की मांग की, जो आज हम देख रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि जनता, सरकार और पुलिस, डीएमके और उनके गठबंधन सहयोगियों के विचारों का समर्थन नहीं करते हैं.

अन्नामलाई के अलावा, तमिलनाडु पुलिस ने भी भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव और दो पत्रकारों सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

पटना के कुछ पत्रकारों और एक ट्विटर हैंडल के मालिक मोहम्मद तनवीर और शुभम शुक्ला के खिलाफ अलग-अलग थानों में प्रवासी मजदूरों पर हमलों के बारे में ‘झूठी’ खबरें फैलाने के आरोप में तमिलनाडू में मामला दर्ज किया गया था.

तमिलनाडु में काम कर रहे प्रवासी कामगारों के बीच पूरे राज्य में खलबली मच गई है, कई कथित वीडियो के बाद, प्रवासी श्रमिकों पर हमले दिखाते हुए, सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गुरुवार को चिंता जताए जाने और ‘हमलों’ के कथित वीडियो पर ध्यान देने के बाद एक बैचेनी फैल गई थी.

दहशत ने प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर तमिलनाडु में उद्योगों को प्रभावित किया जिसके बाद कई जगह काम बंद कर दिया.

मामले का संज्ञान लेते हुए, तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सिलेंद्र बाबू ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि सोशल मीडिया पर चल रहा वीडियो ‘झूठा’ और ‘शरारती’ था.

शीर्ष पुलिस ने कहा, ‘बिहार में किसी ने यह कहते हुए झूठे और शरारती वीडियो पोस्ट किए कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया गया था. दो वीडियो पोस्ट किए गए थे. दोनों झूठे हैं क्योंकि ये घटनाएं तिरुप्पुर और कोयम्बटूर में पहले हुई थीं. एक प्रवासी श्रमिकों के दो समूहों के बीच झड़प थी. बिहार से जबकि दूसरा कोयम्बटूर में दो स्थानीय निवासियों के बीच झड़प से था.’

डीजीपी ने यह भी कहा कि इस अफवाह से फैली दहशत के पीछे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.


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बैठकों का दौर

इसी के साथ तमिलनाडु में बिहार एसोसिएशन ने चेन्नई में काम कर रहे प्रवासी श्रमिकों के साथ बैठक की.

चेन्नई में बिहार के एक प्रवासी श्रमिक संतोष कुमार ने खबरों को फर्जा करार देते हुए कहा, ‘मैं यहां सकुशल रह रहा हूं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो फर्जी हैं. घर पर मेरा परिवार मेरी सुरक्षा के बारे में तब से चिंतित है जब से समाचार प्रसारित होना शुरू हुआ है लेकिन मैंने उन्हें अपनी सुरक्षा के बारे में आश्वस्त किया है.’

वहीं, इस मुद्दे पर पुलिस और तिरुपुर प्रशासन ने व्यापार और उद्योग संघों और प्रवासी श्रमिकों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की है.

तिरुपुर में सचिव, ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत आईएएस बालमुरुगन ने कहा, ‘हम प्रवासी श्रमिकों से बात कर रहे हैं, और यहां श्रम ठेकेदारों के संपर्क में भी हैं. आपको अफवाहों और फेक वीडियो पर ध्यान नहीं देना चाहिए। तमिलनाडु और बिहार सरकारें यहां प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए सभी प्रयास कर रही हैं.’


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