नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने संबंधी एक प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसको लेकर जानकारी दी है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस फैसले से 40 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है.
Union Minister Prakash Javadekar: Cabinet has taken historic decision to give ownership rights to 40 lakhs people living in unauthorised colonies in Delhi. pic.twitter.com/ooy8Zy4oYD
— ANI (@ANI) October 23, 2019
कैबिनेट की बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अहम फैसले में दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने का निर्णय किया है.’
उन्होंने कहा कि इससे 40 लाख लोगों को फायदा होगा. इस संबंध में संसद के अगले सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा.
शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह एक दूरदर्शी और अभूतपूर्व निर्णय है जिसमें स्वामित्व का अधिकार दिया जा रहा है, चाहे जमीन निजी हो या सरकारी.
सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण को हमेशा ध्वस्त किया जाना चाहिए: अदालत
वहीं इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकारी जमीन पर अनधिकृत और अवैध निर्माण को हमेशा ही ध्वस्त करने की बात कही थी.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने एक याचिका खारिज करने के दौरान 16 अक्टूबर को यह टिप्पणी की थी. याचिका के जरिये यह मांग की गई थी कि निजी या सरकारी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को सरकार को सौंप दिया जाए, जो युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के पुनर्वास के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती है
वहीं अदालत ने वकीलों के एक समूह की याचिका स्वीकार करने से इंकार करते हुए कहा था कि इस याचिका को स्वीकार करने से सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण की बाढ़ आ जाएगी.
पीठ ने कहा, ‘सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की इजाजत नहीं दी जा सकती. सरकारी जमीन पर किसी अनधिकृत या अवैध निर्माण को हमेशा ही ध्वस्त किया जाना चाहिए.’