बेंगलुरू : कर्नाटक के 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के लिये मतगणना से पहले राज्य के नेताओं ने रविवार को मंदिरों और मठों में पूजा कर जीत का आशीर्वाद मांगा. राज्य में सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा को इनमें से कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी है.
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा धर्मस्थल गए और भगवान मंजूनाथ का आशीर्वाद लिया.
मंत्रोच्चारण के बीच येदियुरप्पा ने चुनावों में अपनी पार्टी (भाजपा) की जीत और अगले साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की. विधानसभा में उनकी पार्टी को कम से कम छह सीटों की दरकार है. पूजा पूरा होने के बाद पुजारी ने उनके सिर पर पगड़ी बांधी.
जद (एस) के 86 वर्षीय संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने भी शिरडी के साई बाबा मंदिर में पूजा की.
उनके साथ पार्टी के विधान परिषद् सदस्य टी ए श्रवण मौजूद रहे.
कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री के एस ईश्वरप्पा भी गडाग में वीरेश्वर पुण्याश्रम गए और विशेष पूजा की.
कर्नाटक उपचुनाव : मतगणना आरंभ, परिणाम तय करेंगे भाजपा का भविष्य
कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना राज्य के 11 केंद्रों में सोमवार सुबह आरंभ हो गई. इन उपचुनावों के लिए पांच दिसंबर को मतदान हुए थे. ये चुनाव परिणाम राज्य में चार महीने पुरानी बी एस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार का भविष्य तय करेंगे.
निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि मतगणना सुबह आठ बजे आरंभ हुई. उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम 11 बजे से आने आरंभ होने की उम्मीद है.
विधानसभा उपचुनाव में कुल 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ था. 25 लाख 65 हजार 252 मतदाताओं (13,10,344 पुरुष एवं 12,54,874 महिलाओं और 34 अन्य) ने मताधिकार का प्रयोग किया था जबकि कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान करने के लिए योग्य थे.
अंतिम आंकड़ों के मुताबिक हसकोट में सर्वाधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया जो 90.90 प्रतिशत रहा जबकि सबसे कम मतदान 46.74 के आर पुरम में दर्ज किया गया.
भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हुए हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है.
हालांकि, अब भी मास्की और आर आर नगर सीटें रिक्त रहेंगी.
ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए कराए गए. इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे. इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ.
विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं. बसपा का भी एक विधायक है. इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हैं.
अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने अपना टिकट दिया. उपचुनाव लड़ने के लिए उच्चतम न्यायालय से इजाजत मिलने के बाद पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे.
जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद (एस) का कब्जा है.
उल्लेखनीय है कि राज्य में ये उपचुनाव 21 अक्टूबर को होने थे लेकिन चुनाव आयोग ने इसे पांच दिसंबर के लिए टाल दिया था. दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने अयोग्य करार दिए विधायकों की याचिकाओं की सुनवाई करने का फैसला किया था.
येदियुरप्पा का दावा: भाजपा जीतेगी 15 में से 13 सीटें
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने रविवार को दावा किया कि राज्य में 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को 13 सीटें मिलेंगी जबकि शेष दो सीटें कांग्रेस और जद(एस) को मिलेंगी.
कर्नाटक में पांच दिसंबर को हुए 15 सीटों के लिए उपचुनाव के नतीजें नौ दिसंबर को आएंगे. राज्य में सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा को इनमें से कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी है.
येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा 15 में से कम से कम 13 सीटें जीतेगी जबकि कांग्रेस और जद(एस) को एक-एक सीट से संतोष करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अगले साढ़े तीन साल में राज्य का समग्र विकास करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्षी कांग्रेस और जद(एस) सुचारू रूप से प्रशासन चलाने में उनकी मदद करेंगे.
येदियुरप्पा ने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले विधानसभा चुनाव में कम से कम 150 सीटें जीतकर फिर से सत्ता में वापसी करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में ही रहेगी.
कांग्रेस और जद(एस) के 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से खाली हुई सीटों को भरने के लिए 15 सीटों पर उपचुनाव हुआ है.