नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़ी विपक्ष की तीन शर्तों को माने जाने तक उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार जारी रहेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि सभापति को विपक्ष के आठ सांसदों का निलंबन वापस लेना चाहिए.
आजाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘राज्यसभा की हमेशा से परंपरा रही है कि कोई भी विधेयक शोर-शराबे में पारित नहीं कराया जाता. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि करोड़ों किसानों से संबंधित विधेयकों को मतदान के बगैर पारित किया गया. विपक्ष की ओर से दिए गए संशोधनों पर भी कोई मतदान नहीं हुआ.’
राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष के मुताबिक, ‘हमने कल राष्ट्रपति जी को लिखा है कि जो विधेयक पारित हुए हैं उनमें प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. ऐसे में वह इनको स्वीकृति नहीं दें.’
उन्होंने कहा, ‘एमएसपी को लेकर हमारी तीन शर्तें हैं. पहली यह कि सदन में एक और विधेयक लाया जाए या फिर प्रधानमंत्री अथवा कृषि मंत्री सदन में बयान दें कि एमएसपी से कम खरीद को गैर कानूनी बनाया जाएगा. दूसरी बात यह है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एमएसपी का सी 2 फार्मूला लागू हो.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि तीसरी शर्त यह है कि राज्यों की एजेंसियों या एफसीआई भी खरीद करें तथा एमएसपी के हिसाब से खरीद हो.
आजाद ने इस बात पर जोर दिया, ‘जब तक ये तीन शर्तें लागू नहीं होंगी तब तक हम कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे.’
राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश द्वारा धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘उपसभापति का सांसदों के लिए चाय लेकर जाना अच्छी बात है. हम एक परिवार की तरह हैं.’
उन्होंने कहा कि रविवार को सदन में जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था. अब सांसदों का निलंबन वापस लिया जाना चाहिए.
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