नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी 15 राज्यों में 10 जून के राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की नामांकन की तीसरी सूची से बाहर हैं जिसके बाद उनके भविष्य के कार्यभार को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और यह भी संकेत दिया है कि भाजपा शायद उच्च सदन के लिए फिर से नामांकन के लिए उन पर विचार नहीं कर रही है.
हालांकि पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इस मामले में कुछ नहीं कहा है, बीजेपी में कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि नकवी को रामपुर लोकसभा सीट के लिए 23 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा जा सकता है. नकवी झारखंड से राज्यसभा सदस्य थे और उच्च सदन के लिए दोबारा निर्वाचित नहीं होने वाले दूसरे केंद्रीय मंत्री हैं. इससे पहले जद (यू) ने केंद्रीय मंत्री आर.सी.पी. सिंह को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकित नहीं किया.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘नकवी प्रमुख चेहरों में से एक हैं और सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं. रामपुर में चुनाव होने हैं और यह उनका निर्वाचन क्षेत्र पहले भी रहा है, इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि वह वहां से चुनाव लड़ सकते हैं. एक अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा.’
इस बीच, राज्यसभा के नामांकन से उनके निष्कासन ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में उनके बने रहने पर भी सवालिया निशान लगा दिया है, क्योंकि नियम यह कहते हैं कि एक मंत्री को संसद के किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है.
नकवी, उन तीन भाजपा केंद्रीय मंत्रियों में शामिल थे, जिनका उच्च सदन में कार्यकाल समाप्त हो गया है. पार्टी ने निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल को फिर से नामित किया है लेकिन नकवी ने सूची में जगह नहीं दी है.
इस दौरान नकवी का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है.
बीजेपी ने सोमवार को राज्यसभा चुनाव के लिए 57 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची की घोषणा की. सूची में भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के.लक्ष्मण और शाहजहांपुर के पूर्व सांसद मिथिलेश कुमार का नाम यूपी से दो सीटों के लिए, मध्य प्रदेश से भाजपा उपाध्यक्ष सुमित्रा वाल्मीकि और कर्नाटक से एमएलसी लाल सिंह सिरोया के नाम शामिल हैं. सिरोया को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है.
15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होंगे और मंगलवार को नामांकन का आखिरी दिन है.
राजस्थान और हरियाणा में दो सीटें हैं (जिसके लिए भाजपा ने नामांकन की घोषणा नहीं की है). पार्टी मीडिया दिग्गज सुभाष चंद्रा को राजस्थान से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर समर्थन दे सकती है.
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