scorecardresearch
Saturday, 23 November, 2024
होमराजनीतिचुनावों के माइक्रो मैनेजमेंट के लिए सीआर पाटिल की '82 लाख आर्मी' पर भी भरोसा कर रही गुजरात BJP

चुनावों के माइक्रो मैनेजमेंट के लिए सीआर पाटिल की ’82 लाख आर्मी’ पर भी भरोसा कर रही गुजरात BJP

भाजपा के राज्य प्रमुख चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल द्वारा लोकसभा चनाव में बड़ी जीत दिलवाने वाले पन्ना प्रमुख' मॉडल का विस्तार कर बनाये गए नए मॉडल में 5-सदस्यों वाली 'पन्ना समितियां' शामिल हैं जो मतदाता सूची के एक चुनावी पन्ने की प्रभारी होंगी.

Text Size:

अहमदाबाद: आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में एक ‘ऐतिहासिक जनादेश’ पर नजर गड़ाए हुए, भाजपा अपनी राज्य इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भरोसेमंद सिपहसालार हैं, के सौजन्य से जीत के लिए एक नए मॉडल पर भरोसा जता रही है.

भाजपा ने पाटिल के इस नए मॉडल को सबसे पहले 2021 के गुजरात स्थानीय निकाय चुनावों में इस्तेमाल किया था, जिसे उसने शानदार तरीके से जीता.

नवसारी से तीन बार के लोकसभा सांसद पाटिल ने जुलाई 2020 में गुजरात भाजपा का प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद से दो चुनावी परीक्षण पास करके पहले ही अपनी योग्यता साबित कर दी है. उस वर्ष नवंबर में, पार्टी ने उन सभी आठ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी, जिन पर उपचुनाव हुए थे. और फिर साल 2021 में, इसने स्थानीय निकाय चुनावों में भारी जीत हासिल की थी.

फिर भी, आगामी राज्य विधानसभा चुनाव को एक सम्मानजनक जनादेश के साथ जीतना पाटिल के संगठनात्मक कौशल के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.

भाजपा सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनावों में अपनी जीत के लिए पाटिल ने चुनावों को सूक्ष्म रूप से प्रबंधित (माइक्रो मैनेज) करने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं की एक सेना का इस्तेमाल किया था. विधानसभा चुनावों के लिए, उनके नेतृत्व में राज्य भाजपा इकाई कुछ इसी तरह से ‘82 लाख भाजपा पहचान पत्र-धारकों की मजबूत सेना’ को तैनात कर रही है, जिन्हें मतदाताओं का सूक्ष्म स्तर पर प्रबंधन करने और पार्टी के पक्ष में ‘2.4 करोड़ वोट’ सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है. .

यह गुजरात – एक ऐसा राज्य जिस पर भाजपा ने 27 वर्षों तक शासन किया है – में 4.8 करोड़ मतदान योग्य आबादी का आधा हिस्सा है

भाजपा महासचिव भार्गव भट्ट ने दिप्रिंट को बताया, ‘यह प्रयोग भारत में चुनाव प्रबंधन के लिए गेम-चेंजर साबित होगा.’

भाजपा नेताओं के अनुसार, यह नया मॉडल पार्टी के उस ‘पन्ना-प्रमुख मॉडल’ का विस्तार है, जिसमें एक व्यक्ति को मतदाता सूची के एक पन्ने (पृष्ठ) का प्रभारी बनाया जाता था. नए मॉडल में, पांच व्यक्तियों की एक ‘पन्ना समिति’ बनाई गई है, जो एक चुनावी पन्ने पर नामित लगभग 30 मतदाताओं की प्रभारी होगी. उन्हें सबसे पहले अपने ही परिवार के सदस्यों को भाजपा को वोट देने के लिए राजी करने का काम सौंपा जाएगा.

भट्ट कहते हैं, ‘पन्ना प्रमुख’ मॉडल को कई भाजपा साशित राज्यों में दोहराया गया और इससे बूथ स्तर पर चुनावों के सूक्ष्म प्रबंधन के लिए संगठन का विस्तार करने में मदद मिली. इसलिए अब हमने पन्ना समितियां बना ली हैं, और अब गुजरात के हर परिवार में एक सदस्य भाजपा का कार्यकर्ता है. हमारे पास अब तक ऐसी समितियों के 82 लाख सदस्य हैं.’

गुजरात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले पाटिल ने नवसारी में इस मॉडल का इस्तेमाल किया और 2019 के लोकसभा चुनाव में 6.89 लाख वोटों के अब तक के सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने 2021 के निकाय चुनावों में भी इसका इस्तेमाल किया जिसमें हमें जबरदस्त सफलता मिली.

उन्होंने आगे कहा,’पार्टी को अब उम्मीद है कि चुनावों का यह सूक्ष्म प्रबंधन जीत के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा. इसलिए हमने (182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में) 149 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. यह पन्ना समिति वाले मॉडल की प्रभावशीलता का असल परीक्षण होगा.’

गुजरात में भाजपा पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गयी है. इसने इसी महीने गुजरात गौरव यात्रा का आयोजन किया था. इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य भर में सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों के साथ चुनावी तैयारियों का आकलन करने के लिए एक के बाद एक कई बैठकें कीं हैं .

अब विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें उत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी अगले सप्ताह गुजरात में दिवाली ‘स्नेह मिलन’ कार्यक्रम में पन्ना समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करने वाले हैं.

अगले हफ्ते, पार्टी कई प्रमुख कार्यक्रमों की भी तैयारी कर रही है – एक पर्यवेक्षक प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में जीतने योग्य उम्मीदवारों के बारे में लोगों की प्रतिक्रिया (फीडबैक) लेगा, सभी भाजपा इकाइयों, मोर्चा सदस्यों, जिला और मंडल इकाइयों की बैठकें होंगी और पन्ना समिति के सदस्य पार्टी की लोगों तक पहुंच को अधिकतम करने के लिए उनके के साथ बातचीत करेंगे.


यह भी पढ़ें: ‘केजरीवाल BJP की B टीम हैं’- मुस्लिम नेताओं ने नोटों पर ‘ध्रुवीकरण की राजनीति’ के लिए दिल्ली CM पर साधा निशाना


पन्ना समिति बनाम पन्ना प्रमुख

नए मॉडल के बारे में विस्तार से बताते हुए, पहले उद्धृत गुजरात भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा : ‘हमने पहले पन्ना प्रमुख मॉडल के साथ प्रयोग किया था, जहां एक पन्ना प्रमुख मतदाता सूची के एक पन्ने का प्रभारी होता था और उसकी जिम्मेदारी होती थी कि वह मतदाताओं के साथ नियमित रूप से बातचीत करे और पार्टी के पक्ष में मतदान सुनिश्चित करें.’

उन्होंने कहा, ‘गुजरात भाजपा ने प्रत्येक पन्ने – जिसमें आम तौर पर मतदाताओं के 30 नाम और प्रति पृष्ठ अधिकतम 10 परिवार होते हैं – के लिए एक समिति बनाई है.’

भाजपा नेता ने आगे कहा, ‘हमने प्रत्येक बूथ में प्रत्येक पन्ने के लिए पांच सदस्यों की समितियां बनाई हैं, लेकिन पन्ना प्रमुख के विपरीत, पन्ना समिति के सदस्यों को अपने स्वयं के परिवारों से भाजपा के पक्ष में – कम से कम तीन – वोट सुनिश्चित करने होंगे. अगर ऐसा होता है, तो हम विधानसभा चुनाव में (82 लाख पेज कमेटी के सदस्यों से) लगभग 2.4 करोड़ वोट हासिल कर लेंगें और यह 130-150 सीटों की जीत में तब्दील हो जाएगा.’

पार्टी नेताओं के मोटे तौर पर किये गए आकलन के अनुसार, ‘यदि पन्ना समिति के 60 से 70 प्रतिशत सदस्य भी अपेक्षित प्रदर्शन करते हैं, तो भी एक अच्छा जनादेश प्राप्त करने का हमारा काम सफल हो जायेगा’. पार्टी ने साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में 1.4 करोड़ वोट पाए थे.

आईडी कार्ड, लाभार्थी योजनाओं के साथ ‘सशक्तिकरण’

पन्ना समिति के सदस्यों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए, भाजपा ने उन्हें पार्टी का पहचान पत्र (आईडी कार्ड) देने और उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आकर्षित करने का प्रभारी बनाने का फैसला किया है.

गुजरात के एक दूसरे पार्टी के नेता ने उनका नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया: ‘गुजरात के हर परिवार में हमारे पास एक भाजपा कार्यकर्ता है और हमने इस तरह से एक बड़ा कार्यकर्ता आधार भी तैयार किया है.सदस्यों को एक पहचान पत्र दिया गया है ताकि वे भाजपा कार्यकर्ता के रूप में सशक्त महसूस कर सकें, बिलकुल वैसे ही जैसे पेशेवर लोग करते हैं. सभी 82 लाख सदस्यों के पास हमारे डेटाबेस में सत्यापित फ़ोन नंबर और अन्य विवरण उपलब्ध हैं.’

राज्य के एक तीसरे भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी ने पन्ना समिति के सदस्यों को ‘सरकारी योजनाओं में लाभार्थियों के नामांकन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के रूप में भी नियुक्त किया है ताकि वे अपने बूथ के कोने-कोने में अपने पैर जमा सकें.’.

‘ऐतिहासिक जनादेश’ की उम्मीद

पिछले एक साल में भाजपा ने पन्ना समिति के सदस्यों की कई बैठकें की हैं, साथ ही स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई में हैदराबाद में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मॉडल की तारीफ की थी.

2021 के गुजरात निकाय चुनावों से पहले मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं में गर्व की भावना भरने के लिए गुजराती में एक पत्र लिखा था. फिर इसी साल जनवरी में उन्होंने पन्ना समिति के सदस्यों का मनोबल ऊंचा रखने के लिए उनसे बातचीत की थी.

पार्टी ने एक कार्यक्रम भी शुरू किया है जिसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पन्ना समिति के सदस्यों के घर जाकर उनके परिवारवालों से मिलना होता है.

गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष गोरधन ज़दाफिया ने दिप्रिंट को बताया: ‘ 15 साल पहले हमने गुजरात में पन्ना प्रमुख मॉडल का इस्तेमाल किया था, लेकिन सीआर पाटिल ने पन्ना समिति के मॉडल लागू किया है, जो पन्ना प्रमुख से भी अधिक सूक्ष्म स्तर का है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा हमारे पास पन्ना समिति के सत्यापित सदस्य हैं जो लगातार पार्टी की गतिविधियों में शामिल हैं. इनके जरिए हमें जमीनी स्तर से फीडबैक भी मिलता रहता है. यह सब हमें राज्य में ऐतिहासिक जनादेश प्राप्त करने में मदद करेगा.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: नक्सली से वकील और फिर MLA- कौन हैं तेलंगाना में कांग्रेस की मौजूदगी का अहसास कराने वाली सीथक्का


share & View comments