नई दिल्लीः भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान स्थित बालाकोट,चकोठी और मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी ठिकानों पर बम बरसाने के बाद राजनीति शुरू हो गई है. पार्टी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी प्रवक्ताओं और पैनेलिस्ट को इस मामले में बयानबाजी से दूर रहने के निर्देश दिए है. पार्टी ने स्पष्ट कहा है कि प्रवक्ता केंद्र सरकार के अाधिकारिक बयान को ही टीवी चैनल में प्रचार करें. इसके अलावा संगठन और पार्टी की तरफ कोई बयान न दें.
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सूत्रों के मुताबिक बयान देने पर रोक लगााने का कारण यह बताया जा रहा है कि प्रवक्ता और पैनेलिस्ट अगर कोई बयान देते हैं तो अन्य विपक्षी दल उसे सरकार और पार्टी की अलग-अलग राय बताकर प्रचारित करते हैं. इससे कई बार दुविधा की स्थिति पैदा हो जाती है. साथ ही पार्टी इसकी गंभीरता को देखते हुए बयान देने के लिए चुनिंदा लोगों को ही अधिकृत किया है.
सोमवार को पार्टी ने सभी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और प्रदेश भाजपा कार्यालयों को बयान देने के लिए टॉकिंग पाइंट्स भी जारी किए हैं. इन पॉइंट्स में पार्टी ने कहा है कि पीएम मोदी और भाजपा की सरकार की आते ही जीरों टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है, इसका प्रचार किया जाए. इसके अलावा सभी लोगों को जानकारी दी जाए कि यह पूरी तरह से असैन्य कार्रवाई थी. यह जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करने के लिए की गई थी. वहीं अब तक भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान पर कौन-कौन सी कार्रवाई की गई है यह जानकारी लोगों को सिसिलेवार देने की बात कही गई है.
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गौरतलब है कि उरी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान में सर्जिकल सट्राइक को अंजाम दिया था. इसमें कई आंतवादियों को मार गिराया गया था. इसके बाद भाजपा संगठन और केंद्र सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार किया गया था. इसको लेकर कुछ संगठन व विपक्षी दलों ने सरकार की अलोचना भी की थी.