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Friday, 22 November, 2024
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भाजपा प्रमुख नड्डा ने कैसे 500 ‘रैलियां’, पीएम मोदी का संदेश फैलाने और कोविड लॉकडाउन में जनसंपर्क की योजना बनाई

नड्डा प्रवासी श्रमिकों के संकट और बिहार चुनाव की तैयारियों समेत विभिन्न मुद्दों पर नज़र रख रहे हैं. वह लॉकडाउन के बावजूद जम्मू कश्मीर में पार्टी की सक्रियता बढ़ाना चाहते हैं.

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नई दिल्ली: भाजपा को मास्क और सैनिटाइज़र वितरण के ज़रिए प्रवासी श्रमिकों में पैठ बनानी चाहिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुला पत्र देश के 10 करोड़ वोटरों तक पहुंचना चाहिए, बिहार एवं पश्चिम बंगाल में गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैलियों की तैयारी अविलंब शुरू करनी चाहिए तथा प्रधानमंत्री और शाह के भाषणों को ज़मीनी कार्यकर्ताओं तक पहुंचनाने की व्यवस्था करनी चाहिए.

ये बातें 1 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पार्टी अध्यक्षों के साथ हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसों में चर्चा के प्रमुख मुद्दों में शामिल थीं.

भाजपा नेताओं के अनुसार, मोदी सरकार के छह साल पूरे होने के अवसर पर महीने भर तक चलने वाले कार्यक्रमों के बारे में ये बैठकें तीन बैचों में आयोजित की गईं.

भाजपा सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि महीने भर चलने वाले कार्यक्रमों के तहत पिछले एक साल में मोदी सरकार की उपलब्धियों के प्रचार के लिए देशभर में 500 वर्चुअल रैलियां की जाएंगी, हर ज़िले में एक बड़ी और एक छोटी रैली आयोजित की जाएगी और प्रधानमंत्री का पत्र 10 करोड़ लोगों तक पहुंचाया जाएगा.


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नड्डा का वर्चुअल प्रयास

भाजपा के एक नेता के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 12 मई को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए नड्डा ने 31 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेलमंत्री पीयूष गोयल समेत विभिन्न मंत्रियों के साथ बैठक की.

उसके एक दिन पहले 30 मई को नड्डा ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर संवाददाता सम्मेलन किया और शाम को पार्टी की उपलब्धियों के बारे में फेसबुक पर एक वर्चुअल रैली को संबोधित किया.

पार्टी के एक नेता के अनुसार जनवरी में शाह से पार्टी की कमान हासिल करने वाले नड्डा 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के बाद से 150 वीडियो कॉन्फ्रेंसों को संबोधित कर चुके हैं.

उन्होंने रोज़ दो और किसी-किसी दिन तीन वीडियो कॉन्फ्रेंस संबोधित किए हैं. इनमें से हर वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में राज्यों के 10 से 15 पार्टी के नेता शामिल रहे. एक अन्य नेता ने बताया कि पिछले 2 महीनों के दौरान फ़ोन और वीडियो कॉल्स के ज़रिए नड्डा 5 लाख पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंच चुके हैं.

इन बैठकों में नड्डा ने पार्टी के कोविड राहत कार्यक्रमों, राजनीतिक गतिविधियों, प्रवासी श्रमिकों की समस्या आदि पर चर्चा की, तथा इस बात का जायज़ा लिया कि केंद्र सरकार की सहायता ज़मीनी स्तर पर लोगों तक पहुंच रही है या नहीं. उन्होंने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों, खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम और अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा की.

भाजपा के एक महासचिव ने अपना नाम नहीं प्रकाशित किए जाने के आग्रह के साथ दिप्रिंट से कहा, ‘गत 2 महीने के दौरान उन्होंने (नड्डा) पार्टी के लगभग हरेक राज्य के अध्यक्ष, महासचिव, राज्यों के कोर ग्रुप, सांसदों, विधायकों, मंत्रियों, मेयरों और ज़िला अध्यक्षों से बात की है.’

‘उन्होंने कहीं गए बिना पिछले 2 महीनों के दौरान वर्चुअल तौर पर पर लगभग पूरे देश को कवर किया है, बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक.’

सोमवार को हुई बैठकों के बारे में पार्टी महासचिव ने बताया, ‘सरकार की सालगिरह का आयोजन पहली जून को हुई बैठकों में चर्चा का सबसे प्रमुख मुद्दा था. यह महीने भर तक चलने वाला संगठन से जुड़ा आयोजन है.’

पार्टी महासचिव ने आगे कहा, ‘हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 10 करोड़ लोगों तक प्रधानमंत्री का पत्र पहुंचाने को कहा गया है. साथ ही कोविड से मुक़ाबले के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों तथा प्रवासी श्रमिकों, गरीबों और एमएसएमई सेक्टर की सहायता के लिए घोषित आत्मनिर्भर पैकेज की चर्चा के लिए पार्टी ने हरेक राज्य में वर्चुअल रैलियों और कुछेक संवाददाता सम्मेलनों की भी योजना बनाई है.’

उपरोक्त भाजपा नेता के अनुसार नड्डा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल में किस तरह पार्टी की वैचारिक प्रतिबद्धताओं को पूरा किया, कैसे उन्होंने लोगों की ज़िंदगियां बचाने के लिए तत्परता से लॉकडाउन लागू किया और किस तरह वह आगे बढ़कर कोविड से लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं.

‘बिहार में चुनाव की तैयारियों पर ध्यान’

सोमवार की बैठक में नड्डा ने बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल को बूथ स्तर पर तैयारियां करने को कहा ताकि लोग इस सप्ताह होने वाली शाह की वर्चुअल रैली को देख सकें.

भाजपा नेता ने कहा, ‘उन्होंने शाह की रैली का संदेश हर बूथ तक पहुंचाने के लिए राज्य इकाई को जिला और मंडल स्तर पर आईटी प्रकोष्ठों को मज़बूत करने की सलाह दी. उन्होंने राज्य इकाई को प्रधानमंत्री का पत्र एक करोड़ लोगों तक पहुंचाने के लिए भी कहा. साथ ही उन्होंने राज्य में पार्टी नेतृत्व को बाहर से लौटे प्रवासी श्रमिकों से मिलने का मौका नहीं गंवाने और उनकी मनोदशा को समझने का प्रयास करने के लिए भी कहा.’

उपरोक्त भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी देशभर में 10 करोड़ लोगों तक प्रधानमंत्री का पत्र पहुंचाना चाहती है, जिनमें से एक करोड़ लोग चुनाव की ओर बढ़ रहे राज्य बिहार के होंगे.

नड्डा ने पिछले सप्ताह बिहार में भाजपा के कोर ग्रुप के साथ भी बैठक की और पार्टी नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर पर तैयारियां करने को कहा.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर के अनुसार पार्टी अध्यक्ष नड्डा का ज़ोर बूथ स्तर पर तैयारियों और सहयोगी दल जद(यू) के कार्यकर्ताओं के साथ ज़मीनी स्तर पर समन्वय पर था.

ठाकुर ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि समय निकलता जा रहा है और संगठन को विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि जिला अध्यक्षों को पार्टी संगठन में चुनाव के लिए जोश भरने का काम करना चाहिए.’


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‘प्रवासी श्रमिकों की मनोदशा को समझें’

गत 2 महीनों के दौरान नड्डा बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष और अन्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ कोविड लॉकडाउन के दौरान अनाज के वितरण जैसे विषयों पर कम-से-कम 10 बार चर्चा कर चुके हैं.

सोमवार की बैठक के बारे में घोष ने दिप्रिंट को बताया, ‘पार्टी अध्यक्ष ने (शाह की) वर्चुअल रैली की तैयारियों की जानकारी ली तथा सरकार का पहला साल पूरा होने पर महीने भर तक आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की चर्चा की.’

घोष ने कहा, ‘(आयोजन के तहत) हमें मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी मंडल और बूथ स्तर पर पहुंचानी है. हमें हर चुनाव क्षेत्र में दो-तीन वर्चुअल रैलियों के लिए कहा गया है.’

घोष के अनुसार, एक बात के लिए नड्डा का स्पष्ट निर्देश था— प्रवासी श्रमिकों की मनोदशा को समझना और उन्हें ये बताना कि कैसे केंद्र सरकार ने उनकी मदद के लिए रेल सेवाएं शुरू कीं और उनके लिए विशेष आर्थिक पैकेजों की घोषणा की.

उन्होंने कहा, ‘गत सप्ताह के वीडियो कॉन्फ्रेंस में पार्टी अध्यक्ष को हमने बंगाल की स्थिति की जानकारी दी और उन्हें बताया कि (मुख्यमंत्री) ममता अभी भी प्रवासी मज़दूरों को लाने के लिए और ट्रेनों के संचालन की अनुमति नहीं दी रही हैं और राज्य में अम्फ़ान तूफान के बाद पर्याप्त राहत कार्य नहीं किए जा रहे हैं.’

घोष ने कहा, ‘विश्व बैंक ने सुंदरवन के संरक्षण के लिए पर्याप्त राशि दी है. कहां गया वो पैसा? ममता नौ वर्षों से सरकार चला रही हैं पर उन्होंने बुनियादी सुविधाओं के लिए धनराशि का इस्तेमाल नहीं किया. उन्हें तूफान के मुक़ाबले के लिए सेना को बुलाना पड़ा.’

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा ने दिप्रिंट को बताया कि लॉकडाउन के चौथे चरण तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी नेताओं को रोज़ फोन किया करते थे, किसी-किसी दिन तीन बार तक.

सिन्हा ने कहा, ‘कई बार उन्होंने कतिपय मुद्दों पर जानकारी लेने के लिए सीधे जिला अध्यक्षों को कॉल किया. दैनिक बैठकों में वह कोविड की स्थिति का जायज़ा लेते हैं तथा आरोग्य सेतु डाउनलोड, मास्क वितरण, अनाज वितरण और पीएम केयर फंड में योगदान जैसी अपनी निगरानी में चलाई जा रही कोविड योजनाओं का जायज़ा लेते हैं.’

बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं.

‘जम्मू कश्मीर में राजनीतिक सक्रियता बढ़ाएं’

नड्डा की जम्मू कश्मीर में पार्टी के कोर ग्रुप के साथ गत सप्ताह की बैठक में, केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं ने उन्हें केंद्र सरकार द्वारा नौकरियों में स्थानीय निवासी संबंधी शर्तों में बदलाव के बाद वहां की ज़मीनी स्थिति से अवगत कराया.

केंद्र की अधिसूचना के अनुसार जम्मू कश्मीर में 15 साल रहने या वहां सात साल तक पढ़ाई करने एवं 10वीं या 12वीं की परीक्षा में शामिल होने वालों को स्थानीय निवासी के प्रमाण पत्र दिए जा सकेंगे. इसके आधार पर वे सरकार की राजपत्रित और अराजपत्रित नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे.

भाजपा के जम्मू कश्मीर कोर ग्रुप में शामिल पार्टी विधायक किश्वर सुनील शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने पार्टी अध्यक्ष को बताया कि लोगों ने अधिवास संबंधी शर्तों में परिवर्तनों का स्वागत किया है. हमने उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में कोविड के बढ़ते मामलों के बारे में भी बताया.’

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमें ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसी को भी खाली पेट नहीं सोना पड़े और राहत कार्य जारी रखे जाएं. उन्होंने हमें वर्चुअल माध्यम से राजनीतिक गतिविधियां तेज़ करने के लिए भी कहा. उऩका संदेश था, ‘लॉकडाउन के कारण बेकार नहीं बैठें बल्कि हर जगह पार्टी की उपस्थिति महसूस की जानी चाहिए.’

नड्डा का मंत्रियों के साथ संपर्क

एक अन्य भाजपा नेता ने अपना नाम नहीं दिए जाने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा कि नड्डा सिर्फ पार्टी नेताओं के संपर्क में ही नहीं रहते हैं, बल्कि वह नीतिगत घोषणाओं और उऩके कार्यान्वयन के बारे में मंत्रियों से भी बातचीत किया करते हैं.

उक्त नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री द्वारा 12 मई को आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा के 2-3 दिन बाद उन्होंने प्रवासी श्रमिकों और गरीबों तक सहायता पहुंचाने के उपायों पर चर्चा के लिए लगभग सभी वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की. उन्होंने पार्टी स्तर पर कार्यान्वयन के लिए उनसे सलाह मांगी. उनके नोएडा आवास पर हुई उस बैठक में गृहमंत्री (अमित शाह) भी शामिल थे.’

पार्टी नेता ने कहा, ‘जब प्रवासी श्रमिक घरों के लिए पैदल निकल पड़े तो उन्होंने (रेल मंत्री) पीयूष गोयल से बात कर उनसे हस्तक्षेप करने के लिए कहा.’


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एक और भाजपा महासचिव ने बताया कि लॉकडाउन के चौथे चरण की समाप्ति के बाद वह लगभग रोज़ ही पार्टी मुख्यालय आने लगे.

पार्टी महासचिव ने कहा, ‘अब शुरु का आधा दिन वह पार्टी कार्यालय में होते हैं, जबकि शेष समय घर से काम करते हैं. इन दिनों 2-3 महासचिव ही कार्यालय आते हैं, लेकिन वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए नियमित रूप से कार्यालय पहुंचते हैं. अमित शाह ने पार्टी अध्यक्ष के अपने कार्यकाल में देश के हर ज़िले का दौरा किया था, वहीं नड्डा जी पिछले 2 महीनों के दौरान हर ज़िले का वर्चुअल दौरा कर चुके हैं.’

पार्टी महासचिव ने आगे कहा, ‘मीडिया की आम धारणा के विपरीत वह हर बात पर नज़र रखते हैं, महासचिवों और राज्य इकाइयों से उन्हें सौंपे गए दायित्वों के बारे में प्रतिदिन फीडबैक लेते हैं, और किसी कार्य में सुस्ती दिखने पर वह मंत्रियों से अड़चनों को दूर करने के लिए कहते हैं.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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