लखनऊ : योगी सरकार के खिलाफ बीते मंगलवार को धरना देने वाले बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने विधानसभा में खुलकर अपनी बात रखी. भाजपा विधायक गुर्जर ने कहा अधिकारी खुल कर कमीशन ले रहे हैं. अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. एक या दो प्रतिशत अधिकारी ही ईमानदारी दिखा रहे हैं.
उन्होंने विधानसभा में मंगलवार की घटना को लेकर खेद व्यक्त किया और कहा, ‘मेरी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था. मैं सिर्फ अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के उत्पीड़न और उनके भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाना चाह रहा था, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला. उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा.’
अधिकारियों और उनकी पत्नियों की प्रॉपर्टी की जांच हो
विधायकों की नाराजगी विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी जारी रही. विधायक नंद किशोर ने कहा, ‘जब मैं आवाज उठाता हूं तो मेरे ऊपर मुकदमा लाद दिया जाता है. ऐसे कैसे मुख्यमंत्री के जीरो प्रतिशत टॉलरेंस का सपना सच होगा. इससे मैं काफी व्यथित हूं.’
विधायक ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अधिकारी जान-बूझकर जनप्रतिनिधियों का उत्पीड़न कर रहे हैं. वे अधिकारी सुनते नहीं हैं.
भाजपा विधायक ने कहा, ‘अधिकारियों और उनकी पत्नियों की संपत्तियों की जांच कराई जाए तो सच सामने आ जाएगा. इसके साथ ही अधिकारियों की पत्नियों के एनजीओ की भी जांच होनी चाहिए. मेरी संपत्ति की भी जांच करवा लें.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे अपराधी बताया गया, जिससे मुझे दुख हुआ है मुझे न्याय की उम्मीद है. मैंने कभी किसी अधिकारी से कोई काम नहीं कहा है. जो बेईमानी की पुरानी परंपरा चली आ रही है, उस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाए.
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कौन हैं नंद किशोर गुर्जर
नंद किशोर गुर्जर गाजियाबाद की लोनी सीट से बीजेपी विधायक हैं. वह 2017 में पहली बार विधायक बने. पिछले दिनों खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट के मामले में नामजद भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. पार्टी ने नोटिस मिलने के सात दिन में ही विधायक से जवाब मांगा है. गुर्जर के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों एवं समाचार में प्रकाशित उनके वक्तव्यों को संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी किया था.
बीजेपी विधायक ने कहा बने यूनियन
इस बीच हरदोई जिले के गोपामऊ से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने सरकारी कर्मचारियों की तरह विधायकों को भी अपनी यूनियन बनाने की पैरवी की है. उन्होंने यह मुद्दा फेसबुक के माध्यम से उठाया है. विधायक ने लिखा- चपरासी से लेकर आईएएस तक और होमगार्ड से लेकर आईपीएस तक सभी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, प्रधान, प्रमुख, किसान, व्यापारी के संगठन हैं इसलिए विधायकों को भी अपने अस्तित्व और अधिकारों की रक्षा के लिए यूनियन बनानी चाहिए, क्योंकि आज राजनीति में विधायक ही सबसे कमजोर कड़ी बन गए हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा में सरकार द्वारा उत्पीड़न, कानून व्यवस्था और महिला अपराध के मुद्दे पर गतिरोध जारी है.
क्या हुआ था मंगलवार को
दरअसल, गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर सदन में अपनी बात रख रहे थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. गुर्जर का आरोप है कि उन्हें गाजियाबाद पुलिस ने प्रताड़ित किया है. इसी बात को लेकर वह विधानसभा में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन सदन के अंदर उन्हें बोलने नहीं दिया
नंद किशोर इस बात से नाराज होकर विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्हें अन्य विधायकों का भी साथ मिला. इस बीच हंगामा बढ़ने के बाद सदन की कार्यवाही 45 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई है. इसके बाद दूसरे दल के विधायक भी समर्थन में आ गए फिर विधानसभा स्थगित करनी पड़ी.
बीजेपी विधायक धरनाकांड पर पार्टी फिलहाल अलर्ट हो गई है. पार्टी ने इसे गंभीरता से लेते हुए आलाकमान के निर्देश पर मीटिंग बुलाई है. सीएम योगी और संगठन मंत्री सुनील बंसल विधायकों से मुलाकात करेंगे. 40-40 के ग्रुप में विधायकों को बुलाया गया है. ये मुलाकातें रात 9 बजे तक चलेंगी.