scorecardresearch
Friday, 10 May, 2024
होमराजनीतियोगी सरकार के खिलाफ भाजपा के विधायक ने लगाया उत्पीड़न का आरोप बैठे धरने पर, मिला विपक्ष का साथ

योगी सरकार के खिलाफ भाजपा के विधायक ने लगाया उत्पीड़न का आरोप बैठे धरने पर, मिला विपक्ष का साथ

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विपक्ष के नहीं बल्कि उनके ही विधायक विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए.

Text Size:

लखनऊ: योगी सरकार के खिलाफ अभी तक विपक्षी दल के नेता और छात्र संगठन ही उत्पीड़न का आरोप लगा रहे थे कि इसी बीच उन्हीं के विधायकों ने भी अपनी सरकार के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगा दिया है. कुछ ऐसा ही आज उत्तर प्रदेश में हुआ जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विपक्ष के नहीं बल्कि उनके ही विधायक विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए.

यूपी विधानसभा में लगे विधायक एकता जिंदाबाद के नारे

जैसे ही भाजपा के विधायक धरने पर बैठे तभी उनके साथ विपक्ष के भी तमाम विधायक सदन में धरने पर बैठ गए और विधायक एकता जिंदाबाद का नारा लगाने लगे. नाराज़ विधायकों को मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जुटे हुए हैं. धरने पर बैठे विधायकों की संख्या 100 से 150 के करीब बताई जा रही है. बता दें कि धरने पर बैठे विधायकों के पास मीडिया को जाने नहीं दिया जा रहा है.

क्यों बैठे भाजपा विधायक धरने पर

दरअसल, गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर सदन में अपनी बात रख रहे थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. नंद किशोर का आरोप है कि उन्हें गाजियाबाद पुलिस ने प्रताड़ित किया है. इसी बात को लेकर वह विधानसभा में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन सदन के अंदर उन्हें बोलने नहीं दिया गया.

नंद किशोर इस बात से नाराज होकर विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्हें अन्य विधायकों का भी साथ मिला. इस बीच हंगामा बढ़ने के बाद सदन की कार्यवाही 45 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई है. इसके बाद दूसरे दल के विधायक भी समर्थन में आ गए फिर विधानसभा कल के लिए स्थगित करनी पड़ी.

पहली बार हुआ ऐसा

निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना और बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्ता पक्ष के विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी .

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

दरअसल गुर्जर सदन में अपनी बात रखना चाहते थे, जिसकी अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अनुमति नहीं दी. इसके खिलाफ पहले तो सदन के बाहर लॉबी में विरोध प्रकट किया गया लेकिन बाद में गुर्जर सहित उनके समर्थक भाजपा विधायक सदन में आ गये और नारेबाजी करने लगे. उनका साथ विपक्षी सदस्यों ने भी दिया. नारेबाजी में भाजपा के सौ से अधिक विधायक शामिल थे.

दीक्षित ने हंगामे के कारण अपराह्र लगभग पौने दो बजे सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद पंद्रह-पंद्रह मिनट के लिए दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई. कार्यवाही फिर शुरू होने पर भी सत्ता पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्षी विधायकों ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी. वे ‘विधायक एकता जिन्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे. इसके बाद सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.

सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक हालांकि कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी विरोधस्वरूप सदन में ही बैठे रहे.

स्थगन के दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और गन्ना मंत्री सुरेश राणा सहित सरकार के कुछ मंत्री गुर्जर को समझाते नजर आये लेकिन बात बनी नहीं.

इससे पहले दीक्षित ने कहा कि उन्होंने समस्या का अध्ययन करने का प्रयास किया है और समस्या का समाधान होगा. इस पर नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि जब विधायक की बात ही नहीं सुनी जा रही है तो समस्या का समाधान कैसे होगा. चौधरी ने कहा कि विधायक का अपमान हुआ है.

इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, ‘कोई अपमानित नहीं हुआ है. विपक्ष को तो कोई न कोई मुद्दा चाहिए.’

प्रदेश में अफसरशाही चरम पर, लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंट रही है सरकार: अजय कुमार लल्लू

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में बढ़ रही अफसरशाही को लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला करार दिया है. उन्होंने बिजनौर में कोर्ट के अंदर हुई हत्या पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पूरे सूबे में अराजकता का माहौल है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पूरे प्रदेश में अफशाही का बोलबाला है. अफसर जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों तक का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रहे हैं. हालात इतने बदतर हैं कि सत्ता दल के विधायकों का उत्पीड़न करने से अफसर बाज नहीं आ रहे हैं. भाजपा तक के विधायक सदन के अंदर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो यह अंदाजा लगाया जा सकता कि आम जनता का क्या हाल होगा? तानाशाही और अफसरशाही किसके दम पर हो रही है, पूरे सूबे की जनता योगी आदित्यनाथ की सरकार से जानना चाहती है. उन्होंने कहा कि बढ़ रही अफसरशाही लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंटने पर उतारूं है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि बिजनौर में अदालत के अंदर जिस तरह से हत्या हुई है उससे साफ है कि पूरे प्रदेश में अपराधियों के हौसलें बुलंद है. कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

share & View comments