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Tuesday, 19 November, 2024
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अरुणाचल प्रदेश में सीएम पेमा खांडू की अगुवाई में BJP की भारी जीत, 60 में से मिलीं 46 सीटें

बीजेपी ने राज्य की 60 सीटों में से 46 सीटें जीतीं. एनडीए की सहयोगी एनपीपी 5 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही, जबकि एनसीपी के अजित पवार गुट को 3 सीटें मिलीं. खांडू तीसरी बार सीएम बनने के लिए तैयार हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अरुणाचल प्रदेश में शानदार जीत दर्ज की है. उसने राज्य विधानसभा की 60 सीटों में से 46 सीटें जीत ली हैं और कांग्रेस का लगभग सफाया कर दिया है, जो एक दशक पहले तक राज्य में राजनीतिक रूप से हावी थी.

पेमा खांडू, जो तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, की अगुआई में बीजेपी ने 30 मार्च को ही 10 सीटें निर्विरोध जीत ली थीं, क्योंकि विपक्ष ने उन निर्वाचन क्षेत्रों में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.

बीजेपी ने अरुणाचल में डाले गए कुल वोटों में से 54.57% वोट हासिल किए.

खांडू और डिप्टी सीएम चौना मीन उन बीजेपी उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिन्होंने निर्विरोध जीत हासिल की. 2019 में भाजपा ने 41 सीटें जीती थीं.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का एक सदस्य, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), जिसने राज्य में 20 सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था, पांच सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही.

कांग्रेस, जिसने केवल 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, एक पर जीत हासिल की. ​​2019 में, पार्टी ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार पर जीत हासिल की थी. इन चार कांग्रेस विधायकों में से तीन इस साल की शुरुआत में भाजपा में शामिल हो गए थे.

दलबदल के बाद बचे एक मात्र कांग्रेस विधायक पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी इस बार भाजपा के किरेन रिजिजू के खिलाफ अरुणाचल पश्चिम सीट से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार थे.

भाजपा की लगातार दूसरी बार व्यापक जीत का श्रेय खांडू को जाएगा, जिन्होंने सितंबर 2016 में कांग्रेस में एक बड़ा दलबदल करवाया था, जिसमें 43 विधायकों के साथ नवगठित पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) में चले गए थे.

तीन महीने बाद, वह पीपीए के 32 अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. उस समय, अरुणाचल प्रदेश में भाजपा केवल एक बार सत्ता में थी, जब गेगॉग अपांग 2003 में विधायकों के एक समूह के साथ कांग्रेस से पार्टी में शामिल हुए थे.

खांडू, जिन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 332 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दोरजी खांडू के बेटे हैं, जिनकी अप्रैल 2011 में एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट ने 15 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से तीन पर जीत हासिल की. ​​भाजपा ने आरामदायक बहुमत हासिल करने के बाद अब तक कहा है कि वह चुनाव के बाद कोई गठबंधन नहीं करेगी.

2019 में, जनता दल (यूनाइटेड) ने भी 15 सीटों पर चुनाव लड़कर सात सीटें जीती थीं. इस बार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे.

बाकी सीटों में से पीपीए ने दो सीटें जीतीं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटें जीतीं.

(इस खबर को अंग्रज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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