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Sunday, 5 May, 2024
होमचुनावBJP नेता ने मस्जिद-गुरुद्वारे को बताया परेशानी का सबब, SGPC की आलोचना पर कहा- मेरा मतलब था मस्जिद-मदरसा

BJP नेता ने मस्जिद-गुरुद्वारे को बताया परेशानी का सबब, SGPC की आलोचना पर कहा- मेरा मतलब था मस्जिद-मदरसा

राजस्थान के तिजारा में रैली में संदीप दायमा के बयान के तुरंत बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कहना है कि मस्जिदों के खिलाफ बोलना 'समान रूप से निंदनीय' है.

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नई दिल्ली : भाजपा नेता संदीप दायमा द्वारा देश में मस्जिदों और गुरुद्वारों की संख्या में वृद्धि को “समस्याग्रस्त” बताने पर आपत्ति जताते हुए, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) – जो देश में गुरुद्वारों का प्रबंधन करती है – ने आरोप लगाया है कि ऐसा भाषण गुरु नानक देव के विचार को हराने की “साजिश” में दिया गया. जो पुराने समय में भी किया जाता था.”

इसके बाद दायमा ने माफी मांग ली है, लेकिन एसजीपीसी ने उनके स्पष्टीकरण की भी निंदा की है.

यह विवाद बुधवार को राजस्थान के तिजारा में पार्टी के उम्मीदवार बाबा बालकनाथ के समर्थन में एक रैली में दायमा के संबोधन के दौरान शुरू हुआ, जब उन्होंने उनके नामांकन पत्र के दाखिल करने के बाद ये बयान दिया.

दायमा ने अपने भाषण में कहा, “अगर कांग्रेस उम्मीदवार इस निर्वाचन क्षेत्र से जीतता है, तो मस्जिदों और गुरुद्वारों की संख्या बढ़ जाएगी और यह यहां रहने वाले लोगों के लिए स्थिति समस्याग्रस्त हो जाएगी.” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर इन्हें खत्म कर दिया जाएगा.”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तिजारा में रैली को संबोधित किया, जहां कुछ ही देर बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और सिख समुदाय के सदस्यों ने कथित तौर पर भाजपा नेताओं के पुतले जलाए. पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह खबर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा तक पहुंची, जिन्होंने पार्टी आलाकमान को बताया. इसके बाद दायमा को माफी मांगने के लिए कहा गया.

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इस बीच, एसजीपीसी ने अपने अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी का गुरुवार को एक्स पर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि “राजस्थान में रैली के दौरान सिख विरोधी बयान के लिए यूपी के सीएम श्री आदित्यनाथ, रैली के आयोजक और बयान देने वाले शख्स को तुरंत सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए और भाजपा को भी इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.”

बाद में, उसी दिन एसजीपीसी ने एक्स पर एक माफी वीडियो को साझा किया है, जिसमें दायमा ने कहा: “एक चुनावी रैली के दौरान, मैंने गलत शब्द कहे… मैं मस्जिद-मदरसा कहना चाहता था लेकिन गुरुद्वारा कह दिया. मैं पूरे सिख समुदाय से माफी मांगता हूं.’ समुदाय ने हिंदुओं और सनातन धर्म को बचाया है…मुझे नहीं पता कि मुझसे ऐसी गलती कैसे हो गई.’

माफीनामे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी ने एक्स पर कहा, “संदीप दायमा जैसे नेताओं को स्पष्टीकरण जारी करते समय शर्म आनी चाहिए क्योंकि मुसलमानों के धार्मिक स्थल के खिलाफ बोलना भी उतना ही निंदनीय है जितना गुरुद्वारों के खिलाफ.”

शुक्रवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, दायमा ने कहा कि उन्होंने “जुबान फिसलने” के लिए माफ़ी मांगी थी. उन्होंने कहा, ”यह जानबूझकर नहीं किया गया था.” “मेरा इरादा सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था.”

बीजेपी अलवर के जिला अध्यक्ष उम्मेद सिंह ने शुक्रवार को दिप्रिंट से कहा, “पार्टी ने दायमा के बयान का संज्ञान लिया और उनसे माफी मांगने को कहा गया, जो उन्होंने किया है. यहां तक कि वह माफ़ी मांगने के लिए एक स्थानीय गुरुद्वारे में भी गए.”

‘गुरुद्वारों के दरवाजे सभी के लिए खुले’

एसजीपीसी अध्यक्ष के बयान में कहा गया, ”…इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने भी इसी सोच के तहत सिख धर्मस्थलों पर हमला किया था और आज बीजेपी भी उसी राह पर चलती दिख रही है.” उन्होंने कहा कि गुरुद्वारों के दरवाजे हर किसी के लिए हमेशा खुले हैं और बीजेपी नेताओं की ऐसी छोटी सोच वाली साजिश कभी सफल नहीं हो सकती.

इसमें यह भी कहा गया कि योगी आदित्यनाथ रैली में मौजूद थे और इस तरह के दिए जा रहे बयान का विरोध कर सकते थे.

“भाजपा की इस रैली के दौरान, उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री (सीएम) श्री योगी आदित्यनाथ भी मंच पर मौजूद थे, और यह उनकी जिम्मेदारी थी कि वे मौके पर इस तरह के घृणित बयान का विरोध करते. लेकिन यह दुखद है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर श्री आदित्यनाथ भी इस परिघटना का हिस्सा बन गये हैं.”

(अनुवाद और संपादन : इन्द्रजीत)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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