पटना: आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव जेल के अंदर से भी हलचल पैदा कर रहे हैं, क्योंकि आगामी बिहार चुनाव से पहले, पिछले दो हफ्ते से उनसे मिलने के लिए, टिकट चाहने वालों का तांता लगा हुआ है.
आरजेडी सूत्रों के अनुसार, लालू से जाकर मिलने वाले नेताओं में, आरजेडी विधायक समता देवी व समीर महासेठ, और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व आरजेडी नेता अखिलेष सिंह शामिल हैं.
लालू से मिलने आने वालों की संख्या को देखते हुए, रांची के जेल महानिरीक्षक (आईजी) वीरेंद्र भूषण ने, 31 अगस्त को रांची के उपायुक्त छवि रंजन को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया, कि बंगले के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ा दी जाए, जिसे एक अस्थाई जेल में तब्दील किया गया है, ताकि बिना इजाज़त कोई भी बिहार के पूर्व सीएम से न मिल सके.
पत्र मिलने के बाद, जिसकी एक कॉपी दिप्रिंट के हाथ लगी है, उपायुक्त ने शुक्रवार को बंगले पर मजिस्ट्रेट्स और गार्ड्स की तैनाती के आदेश जारी कर दिए.
चारा घोटाला मामले में जेल की सज़ा काट रहे लालू को, दो हफ्ते पहले आरआईएमएस (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़) के पेइंग वॉर्ड से, बंगले में शिफ्ट कर दिया गया था.
झारखंड सरकार के सूत्रों ने बताया, कि प्रशासन ने लालू को कोविड से बचाने के लिए शिफ्ट किया था, चूंकि आरआईएमएस में कुछ मरीज़ कोविड पॉज़िटिव पाए गए थे.
लेकिन आरजेडी ने अधिकारिक रूप से इनकार किया, कि लालू टिकट चाहने वालों से मिल रहे हैं. उसने कहा कि एनडीए नेता ‘झूठे इल्ज़ाम’ लगा रहे हैं.
इस बीच, विधायक समता देवी को, जो 3 सितम्बर को लालू से मिलने गईं थीं, रांची प्रशासन ने 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया है. देवी का कहना है कि उन्हें क्वारंटाइन नियमों की जानकारी नहीं थी, और उन्होंने झारखंड सरकार से आग्रह किया है, कि उन्हें बिहार लौटने दिया जाए.
रांची में देवी को क्वारंटीन करने के बाद, जेडी(यू) जाति का मुद्दा उठाकर, आरजेडी पर निशाना साध रही है.
जेडी(यू) मंत्री नीरज कुमार ने दिप्रिंट से कहा, ‘झारखंड में आरजेडी की मित्र सरकार ने, लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ कुछ नहीं किया, जो 26 अगस्त को 50 गाड़ियों के क़ाफिले के साथ रांची गए, और बंगले में दो घंटे अपने पिता के साथ रहे, जिसके बाद उनकी आरआईएमएस के स्टाफ के साथ झड़प भी हुई (जो बंगले पर रहता है). लेकिन चूंकि समता देवी एक दलित हैं, इसलिए उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है.’
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झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका
रांची आईजी के पत्र और बाद में डीसी के आदेश को, इस रूप में देखा जा रहा है कि रांची प्रशासन अपनी खाल बचाने में लगा है, चूंकि 31 अगस्त को झारखंड हाईकोर्ट में, एक जनहित याचिका दायर की गई है.
बीजेपी के तथाकथित समर्थक मनीश कुमार की ओर से दायर याचिका में, जो दिप्रिंट के हाथ लगी है, कहा गया है कि झारखंड सरकार ने लालू को बंगले में इसलिए शिफ्ट किया, जिससे आगामी बिहार विधान सभा चुनावों को देखते हुए, उन्हें अपने समर्थकों के साथ राजनीतिक बातचीत करने में सुविधा हो जाए.
पीआईएल में झारखंड हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया, कि लालू को वापस रांची की बिरसा सेंट्रल जेल भेजा जाए, जहां उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं.
झारखंड के एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी ने, नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘झारखंड सरकार पीआईएल पर सुनवाई के समय, हाईकोर्ट के नोटिस के जवाब में, जेल महानिरीक्षक के पत्र और डीसी के जवाब का इस्तेमाल कर सकती है. लेकिन सच्चाई ये है कि मजिस्ट्रेट्स तैनात करने से भी, मुलाक़ातियों का प्रवाह नहीं रुकेगा’.
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बीजेपी ने कहा- लालू की मदद कर रही है सोरेन सरकार
झारखंड में रघुबर दास के शासन में, लालू के मुलाक़ातियों की संख्या हफ्ते में सिर्फ तीन तक सीमित थी. मुलाक़ातियों की एक लंबी वेटिंग लिस्ट हुआ करती थी, और लालू के क़रीबी सहयोगी और आरजेडी विधायक भोला यादव, मीटिंग के लिए तीन नाम तय कराया करते थे.
लेकिन, हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद, जिसमें आरजेडी का एक विधायक मंत्री बना हुआ है, उन बंदिशों में ढील दे दी गई है.
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दिप्रिंट से कहा, ‘लालू को एक बंगले में शिफ्ट करके, सोरेन सरकार ने लालू का टिकट चाहने वालों से मिलना आसान कर दिया है, जो बिहार से तांता लगाए हुए हैं. वो टिकट चाहने वाले 200 से अधिक लोगों का बायोडेटा पहले ही जमा कर चुके हैं. लेकिन ये जेल नियमों का उल्लंघन है.’
मोदी के आरोपों पर रांची के डीसी रंजन ने कहा, कि उन्होंने पहले ही बंगले के अंदर और बाहर, सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती के आदेश जारी कर दिए हैं.
ऐसी भी अफवाहें हैं कि आरजेडी, झारखंड सीमा से लगे कुछ इलाक़ों में, हेमंत सोरेन की जेएमएम पार्टी को कुछ सीटें दे सकती है, जहां आदिवासी आबादी अच्छी संख्या में है.
लेकिन आरजेडी ने इस बात से इनकार किया है, कि लालू टिकट चाहने वालों से मिल रहे हैं.
आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दिप्रिंट से कहा, ‘ये सब बकवास है. मेरी जानकारी में नहीं है कि किसी ने रांची में, लालू जी से मुलाक़ात की है. एनडीए नेताओं के पास अपनी सरकार की कामयाबियों पर कहने के लिए कुछ नहीं है. उसकी बजाय वो झूठे आरोप लगाने में जुटे हैं.’
समता देवी के रांची दौरे के बारे में पूछे जाने पर, तिवारी ने कहा कि वो लालू से नहीं मिलीं.
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