नई दिल्ली: दो साल बाद होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने के मकसद के साथ तैयारियां जोर शोर से शुरू कर दी हैं. लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी सफलता के बाद पार्टी ने पश्चिम बंगाल में अपना फोकस बड़ा दिया दिया है.
इसी के चलते पार्टी अब बंगाल में सदस्यता अभियान के माध्यम से हर बूथ तक अपने संगठन को मजबूत करने जा रही है. इसी को लेकर पार्टी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को सदस्यता अभियान और संगठनात्मक मुद्दों को लेकर एक बैठक भी की. इस दौरान उन्होंने बंगाल में चल रहे वर्तमान परिप्रेक्ष्य की जानकारी भी ली. कोर ग्रुप की हुई इस बैठक में आगे के लिए महत्वपूर्ण निर्देश भी जारी किए.
यह भी पढ़ेंः बैटमार विधायक विजयवर्गीय पर पीएम नाराज, बोले- बेटा किसी का भी हो बाहर कर देना चाहिए
जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव के परिणाम से उत्साहित भाजपा बंगाल में सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर तैयारी करने जा रही है. पार्टी राज्य के लोगों को अन्य दलों के बजाय खुद को बेहतर विकल्प बता रही है. इसकी शुरुआत संगठन की मजबूती और हर बूथ पर पार्टी के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति से होगी. पार्टी इसको लेकर आश्वस्त है कि इस बार बंगाल में ममता का सूपड़ा साफ हो जाएगा. इस दिशा में काम शुरू भी कर दिया है.
बंगाल के अलावा तेलंगाना और ओडिशा की कोर ग्रुप के बैठक हुई. दोनों ही राज्यों में पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने पर जोर देगी ताकि भविष्य में इसका लाभ मिल सके.
2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 सीटों में से लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 18 सीटे जीती हैं. वहीं टीएमसी ने 22 और कांग्रेस ने 2 सीटें हासिल की हैं. 2014 के चुनाव में टीएमसी ने 34 सीटें जीती थी.
टीएमसी से अंसुष्टों का भाजपा से जुड़ने का सिलसिला जारी
भाजपा ने 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस को टारगेट कर शुरू कर दिया है. इसी के तहत तृणमूल कांग्रेस के विधायक और नेताओं का भाजपा से जुड़ने का सिलसिला जारी है. भाजपा की अभी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा टीमएससी के कार्यकर्ता और ममता के व्यवहार से नाराज चल रहे नेताओं को अपने पाले में जोड़ लें. पार्टी की योजना है कि इस बार वह 294 विधानसभा सीटो में अधिकांश पर कब्जा कर ले. इसके लिए उसने खाका भी तैयार कर लिया है.