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Thursday, 19 December, 2024
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UP चुनाव में BJP और SP के हैं सबसे ज्यादा ‘अरबपति’ उम्मीदवार, इसमें शामिल हैं पूर्व पत्रकार और ‘नवाब’

यूपी विधानसभा के इस चुनाव में 100 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति वाले क्लब में छह उम्मीदवार हैं - इनमें से भाजपा और सपा के दो-दो, कांग्रेस से एक और बसपा से एक उम्मीदवार हैं.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बीजेपी और एसपी के बीच कड़ी प्रतिद्वंदिता चल रही है – कम से कम जहां तक इस चुनावी मौसम में अमीर उम्मीदवारों  को मैदान में उतारने की बात आती है. यूपी विधानसभा के इस चुनाव में दोनों प्रतिद्वंदी पार्टियों के पास 50 करोड़ रुपए के क्लब में आठ-आठ और 100 करोड़ रुपए के क्लब में दो-दो उम्मीदवार हैं.

सबसे मोटी जेब वाले उम्मीदवारों में एक ‘नवाब’ और एक पूर्व पत्रकार, होटल, अचल संपत्ति व्यापर (रियल्टी) और शिक्षा में रुचि रखने वाले उद्यमी शामिल हैं. उन सबने अपने चुनावी हलफनामे में 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति घोषित की है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के द्वारा जुटाए गए आंकड़े के अनुसार यूपी चुनाव के छठे चरण में 3 मार्च को एसपी के 94 फीसदी, बीजेपी के 81 फीसदी, बीएसपी के 77 फीसदी और कांग्रेस के 46 फीसदी प्रत्याशियों ने खुद को करोड़पति घोषित कर रखा है.

अमीर प्रत्याशियों की इस बढ़ती संख्या के विपरीत, उत्तर प्रदेश बदस्तूर रूप से अपनी निम्न-आय वाले ट्राजेक्टरी पर बना हुआ है और 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की प्रति व्यक्ति आय रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2020-21 में 44,600 रुपए थी – जो भारत के राष्ट्रीय औसत 95,000 रुपए का बमुश्किल आधी थी.

इस खबर के लिए, दिप्रिंट ने पचास करोड़ रुपए के क्लब के उम्मीदवारों का विश्लेषण किया जिसमें कुल 22 उम्मीदवार शामिल हैं – बीजेपी और एसपी के आठ-आठ, बीएसपी के तीन और कांग्रेस, आप और राष्ट्रीय परिवर्तन दल के एक-एक उम्मीदवार.

100 करोड़ रुपए की संपत्ति वाले क्लब में छह उम्मीदवार हैं – बीजेपी और एसपी के दो-दो, कांग्रेस से एक और बीएसपी का एक.

काजिम अली खान उर्फ़ नावेद मियांकांग्रेसरामपुर

रामपुर के पूर्व नवाब परिवार के वारिस नावेद मियां इस यूपी चुनाव में सबसे अमीर उम्मीदवार हैं जिनकी घोषित संपत्ति 296 करोड़ रुपए हैं.

पिछले साल, एक स्थानीय अदालत ने रामपुर शाही परिवार की 2,650 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के बंटवारे पर अपना फैसला सुनाया था.

कोलंबिया यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र और रामपुर से बरेली और लंदन तक फैली संपत्ति के मालिक नावेद मियां रामपुर से सपा के दिग्गज नेता आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

नवाब पांच बार विधायक रह चुके हैं और बसपा, सपा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. उनके पिता मिकी मियां – जो आजादी के बाद से रामपुर की राजनीति में छाए रहे थे – भी पांच बार यहां के सांसद रह चुके हैं.

नावेद मियां के बेटे भी इस बार स्वार टांडा सीट से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.


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सुप्रिया एरोनसपाबरेली कैंट

सुप्रिया एरोन ने अपनी संपत्ति 157 करोड़ रुपए की घोषित की है. वह बरेली कैंट सीट से एसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वे बरेली के पूर्व सांसद प्रवीण सिंह एरोन की पत्नी हैं. यह दंपति पिछले महीने हुए टिकट वितरण से ठीक पहले एसपी में शामिल हुआ था.

सुप्रिया ने 2006 में राजनीति में कदम रखने से पहले 20 साल तक दिल्ली में एक समाचार एजेंसी में पत्रकार के रूप में काम किया था. साल 2006 में उन्होंने बरेली के मेयर का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

उनके पति, जो एक वकील हैं, के पास एक लॉ फर्म है. साथ ही, उनका रियल एस्टेट और होटलों में भी अच्छा खासा निवेश है.  इसके आलावा वे ‘ऑरा फर्निशिंग’ ब्रांड के मालिक भी हैं. उनके परिवार की एक और सदस्य,  सुनीता एरोन, लखनऊ में पत्रकार हैं.

सुप्रिया ने दिप्रिंट को बताया: ‘राजनीति में मेरा प्रवेश किसी योजना के तहत नहीं था, बल्कि बरेली के मेयर के रूप में आकस्मिक रूप से हुआ था. एसपी में शामिल होना भी आकस्मिक ही हैं क्योंकि कांग्रेस कहीं भी लड़ाई में ही नहीं है.’

अमित अग्रवाल, बीजेपी, मेरठ कैंट

अमित अग्रवाल, जिनकी संपत्ति 148 करोड़ रुपए है, इस चुनाव के तीसरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. वे मेरठ कैंट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जो कि व्यापारी समुदाय के वर्चस्व वाली सीट है. मेरठ कैंट सीट बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है और पार्टी यहां तीन दशकों से लगातार जीत रही है.

इस बार, पार्टी ने चार बार के विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल, एक अन्य धनी उम्मीदवार और कैलाश डेयरी ब्रांड के मालिक को टिकट देने से इनकार कर दिया. अमित अग्रवाल मेरठ के एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर (अचल संपत्ति के निर्माणकर्ता) हैं और उन्होंने अपना अधिकांश पैसा रियल्टी फर्म ‘एडको’  से कमाया है.

एक पुराने आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने एबीवीपी से अपना राजनैतिक करियर शुरू किया और आपातकाल के दौरान इसके राज्य सचिव बन गए

वह बीजेपी के पूर्व महासचिव राम लाल के साथ जेल भी गए थे और फिर 1993 में मेरठ से विधायक बने. बीजेपी के दिग्गज नेता कल्याण सिंह और कलराज मिश्रा उनके राजनैतिक गुरु थे जिन्होंने उन्हें पहली बार टिकट दिया था.

लेकिन लक्ष्मीकांत बाजपेयी, जो उस वक्त बीजेपी के यूपी अध्यक्ष थे, ने 2007 में राज्य के विधानसभा चुनावों के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया.

इससे नाराज होकर अग्रवाल ने पहले अपने चचेरे भाई नरेश अग्रवाल की पार्टी और फिर एसपी में शामिल होने के लिए बीजेपी छोड़ दी. चार साल बाद, साल 2011 में, अग्रवाल भाजपा के पाले में वापस आ गए. इस साल वह फिर से आरएसएस के समर्थन से चुनाव लड़ रहे हैं.

अग्रवाल ने दिप्रिंट को बताया: ‘मुझे टिकट पाने के लिए 20 साल (वे आखिरी बार 2002 में विधायक बने थे) का इंतजार करना पड़ा, लेकिन उस दौरान मैंने सामाजिक कार्य कभी नहीं छोड़ा. कोविड के दौरान, मेरठ के लोगों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर लाने-ले जाने के लिए हमारे ट्रक अनवरत चलते रहे… वह भी बिना किसी राजनीतिक मकसद के.‘


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देवेंद्र नागपालबीजेपीनौगवां

चौथे सबसे धनी प्रत्याशी देवेंद्र नागपाल यूपी के अमरोहा जिले की नौगवां सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने 140 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है.

नागपाल स्काईटेक ग्रुप के मालिक हैं जिसके पास हरियाणा के रोहतक में एक मॉल है साथ ही नोएडा और गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक में रियल्टी प्रोजेक्ट भी हैं. वह कई होटल और ‘द हवेली’ नाम के रेस्तरां के भी मालिक हैं.

देवेंद्र और उनके भाई हरीश नागपाल, दोनों पूर्व सांसद, अमरोहा की राजनीति में प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं. हरीश ने 2004 में अमरोहा संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रूप से लड़ते हुए पूर्व क्रिकेटर और दिवंगत बीजेपी नेता चेतन चौहान को हराया था. देवेंद्र 2002 में भी निर्दलीय विधायक थे. वह 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले रालोद में शामिल हो गए थे. हरीश उन कुछ सांसदों में शामिल थे, जिन्होंने 2008 में परमाणु समझौते पर विश्वास मत के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पक्ष में वोट दिया था.

देवेंद्र नागपाल ने दिप्रिंट को बताया: ‘यह मेरा ही क्षेत्र है जहां बिजली हमेशा से उपलब्ध रही है. राष्ट्रपति ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (सूखे कचड़े के प्रबंधन) और स्ट्रीट लाइटिंग में सर्वोत्तम कार्यों के लिए हमारी नगर पालिका को सम्मानित भी किया हुआ है.’

एस.के. शर्माबसपामथुरा

112 करोड़ रुपए की घोषित संपत्ति के साथ एस.के. शर्मा 100 करोड़ रुपए के क्लब में शामिल पांचवें उम्मीदवार हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले पार्टी द्वारा टिकट दिए जाने से इनकार करने के बाद बीजेपी से निकल कर बसपा में कदम रखा और अब मथुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से यूपी के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

साल 2017 में, एस.के. शर्मा ने जिले की मांट सीट से राज्य का चुनाव लड़ा और 6,000 मतों के अंतर से हार गए थे. उन्होंने तब शिकायत की कि उन्होंने मथुरा से टिकट मांगा था लेकिन बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें मांट से लड़ने के लिए मना लिया और हारने पर विधान परिषद में भेजने का भी वादा किया था. लेकिन, उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने वायदे का मान नहीं रखा. इस बार पार्टी ने मांट सीट से राजेश चौधरी को मैदान में उतारा है.

एसकेएस ग्रुप के मालिक शर्मा के पास बंगाल से लेकर मथुरा और एनसीआर तक फैले शिक्षण संस्थानों का साम्राज्य है. इसमें फार्मेसी और आयुर्वेद कॉलेजों के अलावा प्रबंधन (मैनेजमेंट)  और अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) के कॉलेज शामिल हैं. उन्हें मटेरियल-हैंडलिंग और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में भी रुचि है. एक करीबी सहयोगी के अनुसार, उनकी ‘कंपनी की संपत्ति 1,000 करोड़ रुपए से अधिक है’.

राहुल यादवएसपीसिकंदराबाद

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के दामाद राहुल यादव ने अपनी संपत्ति 100 करोड़ रुपए घोषित की है. उन्होंने लालू की चौथी बेटी रागिनी से शादी की है और स्विट्जरलैंड से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. राहुल ने 2017 का यूपी चुनाव सिकंदराबाद से सपा के टिकट पर लड़ा लेकिन बीजेपी की बिमला सोलंकी से हार गए थे. इस बार भी वह सपा के टिकट पर ही इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

अन्य पैसे वाले उम्मीदवारों में ‘रसाज़ समूह’ के मालिक रईस अहमद शामिल हैं, जिनके तार मुंबई के कई व्यवसायों से जुड़े है. उन्होंने 73 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है और यूपी के बदायूं सदर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

सपा के राज्यसभा सांसद चंद्रपाल यादव के बेटे यशपाल यादव ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है और उनके पास फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा निर्माण) तक फैला कारोबार है. उन्होंने अपनी संपत्ति 70 करोड़ रुपए की घोषित की है और बबीना निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.

लखनऊ से आप पार्टी के उम्मीदवार राजीव बख्शी जाने-माने शिक्षाविद और होटल व्यवसायी हैं, जिनकी घोषित संपत्ति 56 करोड़ रुपए है. इसी शहर में उनके तीन स्कूल भी चलते हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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