scorecardresearch
Friday, 20 December, 2024
होमराजनीतिबिहार चुनावबिहार चुनाव के मद्देनज़र हरिवंश कैसे बन गए राज्य के सम्मान और गरिमा का मुद्दा

बिहार चुनाव के मद्देनज़र हरिवंश कैसे बन गए राज्य के सम्मान और गरिमा का मुद्दा

बिहार से कांग्रेस पार्टी के राज्य सभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ​ने दिप्रिंट से कहा, 'भाजपा हर विषय को बिहार चुनाव से जोड़ रही है. जबकि इसका बिहार से कोई लेना देना नहीं है.'

Text Size:

नई दिल्ली: राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश के साथ सदन में विपक्षी सांसदों द्वारा दुर्व्यवहार का मामला बिहार चुनाव के मद्देनज़र राजनीति का मुद्दा बनता नज़र आ रहा है. भाजपा और जदयू इसे बिहार का अपमान बता रहे हैं वहीं विपक्षी दल संसद के उच्च सदन में हरिवंश के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं.

उपसभापति पर हमले को बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी संसद और बिहार का अपमान बताया है.

पश्चिमी चंपारण (बेतिया) लोकसभा सीट से भाजपा सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने दिप्रिंट से कहा, ‘हरिवंश जी बहुत ही विद्वान व्यक्ति हैं. जानबूझकर उपसभापति के साथ इस तरह बेइज्जती करना कांग्रेस और विपक्ष की सोची समझी साजिश है. ये सभी साजिश बिहार को लेकर रची जा रही है. ये बिहार का अपमान है.’

बिहार के मुख्यमंत्री नी​तीश कुमार ने भी कहा था कि उच्च सदन में कृषि विधेयकों को पारित कराने के दौरान जो कुछ हुआ, वह बहुत गलत था और इसकी जितनी आलोचना की जाए कम है.

वहीं, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि प्रदेश की जनता विपक्ष के इस दुर्व्यवहार का जवाब देगी. उन्होंने कहा, ‘हरिवंश सम्मानित व्यक्ति हैं और इस घटना से प्रदेश के गौरव को चोट पहुंची है.’

गौरतलब है कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभ चुनाव होने हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला पहले से ही प्रदेश में राजनीति का विषय बना हुआ है.


यह भी पढ़ें: DGCA ने SC से कहा- लॉकडाउन के दौरान फ्लाइट बुक करने वाले यात्री तत्काल रिफंड के हकदार


हरिवंश और ‘बिहार का अपमान’

सोमवार को सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में हंगामा करने वाले विपक्ष के आठ सांसदों को बचे हुए सत्र के लिए निलंबित कर दिया था. निलंबित सदस्य सभापति के फैसले का विरोध करते हुए सोमवार से मंगलवार सुबह तक संसद परिसर में गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठे थे.

मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के अनुरोध के बाद निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म किया.

बिहार भाजपा के नेता आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए हरिवंश के मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है. हरिवंश बिहार से जदयू से सांसद है. मोदी सरकार ने उन्हें दूसरी बार उच्च सदन में उपसभापति बनाया है.

भाजपा से राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर ने दिप्रिंट से कहा, ‘संसदीय इतिहास में राज्य सभा में आज तक ऐसी घटना नहीं हुई है. फुटेज को ठीक तरीके से देखें तो पता चलेगा कि हरिवंश जी के साथ किस तरह से अनादर हुआ है. अगर मार्शल नहीं होते तो बड़ी घटना भी हो सकती थी.’

राज्य सभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘जिस प्रकार का दुर्व्यवहार विपक्ष के सांसदों द्वारा राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश जी के साथ किया गया था, वो किसी भी प्रकार से सदन के अनुकूल नहीं है. विपक्षी दलों के सांसदों का आचरण सदन की मर्यादा को चोट पहुंचाने वाला रहा.’

नीतीश कुमार सरकार में मंत्री विनोद नारायण झा ने मंगलवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र को जब कांग्रेस ने बंधक बना दिया था, इसी बिहार ने हुंकारा था. आज उसी बिहार को फिर ललकारा है. बिहारीपन को ललकारा है. लोकतंत्र को शर्मसार किया है.’

उन्होंने कहा, ‘जो धरने पर बैठे हैं, उनके लिए हरिवंश जी चाय लेकर गए. हरिवंश जी के महान व्यक्तित्व की झलकी आज दिखी. ये वही हैं, जिन्होंने उन पर हमला किया था. धरनारत लोगों को उनके आवास पर जाकर माफी मांगनी चाहिए.’


यह भी पढ़ें: सदन में देखी गांधी, जेपी, लोहिया की ‘हत्या’- उपवास पर गए राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश


‘भाजपा हर विषय को बिहार चुनाव से जोड़ रही है’

बिहार से कांग्रेस पार्टी के राज्य सभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ​ने दिप्रिंट से कहा, ‘भाजपा हर विषय को बिहार चुनाव से जोड़ रही है. जबकि इसका बिहार से कोई लेना देना नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘कृषि संबंधी विधयेक में चर्चा के दौरान सदन में उपसभा​पति का जो व्यवहार था इसे लेकर विपक्ष के सदस्यों की नाराजगी थी. विरोध करना विपक्ष का ​अधिकार है. जो परंपरा रही है उसके खिलाफ उपसभापति काम कर रहे थे. इसके खिलाफ किसी की भी नाराजगी स्वाभिक है.’

आरजेडी के राज्य सभा सांसद मनोज झा ने दिप्रिंट से कहा, ‘जो हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण अग्रभूमि के पीछे की पृष्टिभूमि को क्या नजरअंदाज करे दें. क्या हिंदुस्तान के किसानों से माफी मांगेंगे कि उनसे संबंधित किसान विरोधी बिल बिना डिविजन के पास हो गया.’

उन्होंने कहा, ‘क्या डीएनए में खोट की बात पर प्रधानमंत्री माफी मांगेंगे.’ झा ने कहा, ‘हमारा नीतीश जी से बहुत विरोध है लेकिन हम उनके डीएनए के बारें में कभी नहीं बोलते.’


यह भी पढ़े: लद्दाख मामले के बाद कैंसिल हुआ था भारत चीन का रेलवे करार, अब 44 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनेंगी भारत में


 

share & View comments