नई दिल्ली: नागपुर में भारत मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय के बाहर धरना दिया. इस दौरान पुलिस भारत मुक्ति मोर्चा के लगभग 200 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. संगठन का आरोप है कि आरएसएस की विचारधारा संविधान के मुताबिक नहीं है. इसीलिए आरएसएस का विरोध करते हुए भारत मुक्ति मोर्चा ने इसके मुख्यालय को घेरने की तैयारी की थी. इसके लिए संगठन के कई कार्यकर्ता भी नागपुर में जमा हुए थे.
खबरों के मुताबिक, पुलिस ने शहर में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने का हवाला देते हुए भारत मुक्ति मोर्चा को प्रदर्शन करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था.
भारत मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इंदौर चौक पर ही प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया.
नागपुर के सीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत मुक्ति मोर्चा ने 6 अक्टूबर को रैली के लिए अनुमति मांगी थी लेकिन कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए हमने उन्हें अनुमति नहीं दी. चूंकि उनके लोगों ने सहयोग नहीं किया, इसलिए हमने जरीपटका और पंचपौली क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की. हमने कुछ नेताओं को हिरासत में भी ले लिया है.
पुलिस की ओर से अनुमति न मिलने पर संगठन का नेतृत्व कर रहे वामन मेश्राम ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया.
वामन मेश्राम की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था. इसमें 6 अक्टूबर को, बेजनबाग मैदान में एक बैठक और बड़कास चौक तक एक रैली करने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट के आदेश के बाद से पुलिस ने नागपुर में कड़ी सुरक्षा कर दी है. साथ ही, इंदौर इलाके में धारा को भी लागू कर दिया है.
सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि बेजानबाग में सभा के लिए आने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए यह मैदान काफी छोटा है. भीड़ को संभालना संभव नहीं होगा. इसके अलावा, धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और दशहरा कार्यक्रम के मद्देनजर पूरे शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस सुरक्षा कड़ी की गई है.
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