चित्रदुर्ग/बेल्लारी: सुदर्शन किरेसुर और उनकी पत्नी सुजाता शुक्रवार सुबह अपने गांव होन्नाली से कर्नाटक के बेल्लारी जिले पहुंचे. ठहरने के लिए जगह की तलाश में आई-रूम्ज होयसाला रेजिडेंसी में उतरने के बाद उन्होंने कितने होटलों के चक्कर लगाए, उन्हें इसकी संख्या तक याद नहीं है.
हालांकि, उन्हें इसका कारण भी पता है. बुजुर्ग सुदर्शन ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘राहुल गांधी की वजह से.’ वह रेजीडेंसी के प्रवेश द्वार पर ‘नो रूम्स’ का बोर्ड लगा होने के बावजूद यह सोचकर अंदर चले गए थे कि शायद किस्मत कोई कमरा मिल ही जाए.
ये खाली इस दंपति की समस्या नहीं है. तमाम अन्य लोगों के लिए भी कर्नाटक के चित्रदुर्ग और बेल्लारी जिलों के गांवों और कस्बों में रहने की कोई जगह ढूंढ़ना मुश्किल हो गया था, जहां से कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पिछले कुछ दिनों में गुजरी है.
यात्रा 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंची थी और 21 अक्टूबर तक इस चुनावी राज्य में ही चलती रहेगी.
चित्रदुर्ग और बेल्लारी कोई ऐसे बड़े व्यवसायिक या पर्यटन केंद्र नहीं हैं कि होटल के कमरों की मांग इस तरह इस तरह बढ़ जाए.
अधिकांश होटलों को पहले से बुक किया गया है, इसमें से कुछ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने बड़ी संख्या में एक साथ बुक करा लिए थे. कुछ अन्य कमरे ‘राज्य के यात्रियों’ के समूहों ने बुक कराए हैं जो केवल कर्नाटक में पदयात्रा कर रहे हैं और इसलिए उन शिपिंग कंटेनर्स में नहीं रह सकते जो कि यात्रा के दौरान साथ चल रहे हैं. इन शिपिंग कंटेनर का इस्तेमाल कन्याकुमारी से कश्मीर तक पूरी यात्रा में साथ चलने वाले लोगों के लिए नाइट शेल्टर के तौर पर किया जाता है.
नाममात्र के जो कुछ कमरे बचे भी हैं, उनके रेट प्रीमियम पर पहुंच गए हैं, होटल अक्सर इन कमरों के लिए 100 से 200 प्रतिशत अधिक दर वसूलते हैं.
अनंतपुर रोड स्थित पवन होटल के प्रबंधक ने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं एक गैर-एसी सिंगल रूम के लिए प्रति रात 3,500 रुपये चार्ज कर रहा हूं. यह मेरा चार्ज है, लेना है तो ले लो नहीं तो छोड़ दो. और मैं इसका कोई बिल नहीं दूंगा.’
होटल के एक कर्मचारी ने बताया कि आम तौर पर कमरे के रेट 1,400-1,500 रुपये पर नाइट हैं. स्टाफ मेंबर ने कहा, ‘यह अलग बात है कि भारत जोड़ो यात्रा यहां पर होने से रेट बढ़ गए हैं. शहर भर में और आसपास के कुछ क्षेत्रों में भी कमरे बुक किए गए हैं.’
ट्रिवागो, मेक माई ट्रिप और गोइबीबो जैसी ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइटों ने भी इस हफ्ते और आने वाले सप्ताहांत में बेल्लारी में कमरों की बुकिंग घटा दी है. 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर के बीच चेक-इन और चेक-आउट डेट चेक-आउट की तारीखों में ‘उपलब्ध नहीं’ संदेश ही दिखाई दे रहा है.
अकेले बेल्लारी में ही यह स्थिति नहीं है. जैसे-जैसे यात्रा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती है, होटलों के लिए अपेक्षित कमरों की मांग पूरी करना मुश्किल हो जाता है. कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पैदल चलने के लिए हर दिन कार से लंबी दूरी तय करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
यात्रियों के लिए बने कोंसागरा कैंप में बैठीं कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव कविता रेड्डी ने गुरुवार को दिप्रिंट को बताया, ‘हर जगह होटल एकदम फुल हैं. हम यात्रा में शामिल होने के लिए हिरियुर में अपने होटल से हर सुबह 70 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं. कई अन्य लोग तो और भी लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘बुधवार रात जब यात्रा रात्रि विश्राम के लिए हिरेहल्ली में रुकी तो, उस जगह से निकटतम शहर चल्लकेरे में एक भी कमरा उपलब्ध नहीं था, यहां तक छोटे-छोटे लॉज भी भरे हुए थे.’
कर्नाटक में भारतीय युवक कांग्रेस के उपाध्यक्ष सिरिल प्रभु ने कई अन्य लोगों के साथ यात्रा में शामिल होने से पहले बुधवार रात आनंद सागर लॉज में बिताई जो कि कोंसागरा कैंप से करीब 60 किलोमीटर दूर है.
भीड़ ने घंटों इंतजार किया
17 अक्टूबर को जब कांग्रेस अपने लिए एक नया अध्यक्ष चुनेगी—जो कि 137 साल के इतिहास में केवल पांचवां मौका होगा—तो कादरी अंजनेयुलु उन करीब 9,500 प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधियों में से एक होंगे जो इसके लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
हालांकि, शुक्रवार को वह कर्नाटक के अनंतपुर में एक बड़ी भीड़ का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें पुलिस अधिकारियों और कांग्रेस के सिक्योरिटी स्टाफ से बतौर ‘प्रतिनिधि’ अपनी स्थिति का हवाला देते हुए ‘केवल-यात्री’ वाले टेंट के अंदर आने की अनुमति देने की गुहार लगानी पड़ी. इसी दौरान रिपोर्टर को इस बेहद सीधे-सादे कांग्रेस प्रतिनिधि से मिलने का मौका मिला.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि अंदर जाना ही महत्वपूर्ण है. मैं यहीं पर अपने नेता की प्रतीक्षा कर सकता हूं. मेरा काम है, जब वह चलना शुरू करें तो उनके साथ जुड़ना. दरअसल, मुझे ‘यात्री कार्ड’ तभी मिलेगा जब यात्रा आंध्र प्रदेश में प्रवेश करेगी. यह अभी आंध्र में है लेकिन वे वापस कर्नाटक जाएंगे.’
कांग्रेस के एक सुरक्षा अधिकारी ने उनसे कहा, ‘अपने बॉस को बुलाओ.’
कुछ ही मिनटों में अंजनेयुलु एक नीची दीवार फांदकर टेंट में प्रवेश कर गया. वह उन भाग्यशाली लोगों में से थे जो ऐसा करने में कामयाब रहे.
शुक्रवार सुबह जैसे ही यात्रा ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की सीमा को पार किया, आंध्र प्रदेश के एक छोटे से तालुका मदनपल्ले में बड़ी भीड़ उमड़ पड़ी.
हालांकि, एक वजह यात्रा के पड़ावों पर रसम, चावल और पापड़ जैसी चीजें उपलब्ध होना भी था लेकिन अधिकांश लोग राहुल की एक झलक पाने के लिए जुटे थे. जो लोग टेंट तक जाने में चूक गए थे, वे दोपहर तक इस उम्मीद में पूरे धैर्य के साथ इंतजार करते रहे कि शायद वह किसी तरह वहां तक आ जाएं.
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और इसके बाद बार-बार रस्सियों का बैरियर तोड़ने पर उतारू भीड़ पर काबू पाने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
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