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Thursday, 25 April, 2024
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भाजपा के ‘सत्ता में आने पर’ बंगाल में भी आएगा धर्मांतरण विरोधी कानून: MP के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा

नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि अप्रैल-मई में बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद, वो नए सीएम से बात करके सुनिश्चित कराएंगे कि विवाह के लिए धर्मांतरण एक गैर-ज़मानती अपराध बना दिया जाए.

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भोपाल: राज्यपाल अनंदी बेन पटेल द्वारा मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को स्वीकृति दिए जाने के कुछ दिन बाद, जिसमें शादी के लिए धर्मांतरण करने को एक गैर-ज़मानती अपराध करार दिया गया है, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि साल के अंत में विधानसभा चुनावों के बाद, ‘जब’ एक बीजेपी सरकार सत्ता में आएगी, तो ऐसा ही बिल पश्चिम बंगाल में भी लाया जाएगा.

मिश्रा ने दिप्रिंट से कहा, ‘मैंने ये कहा है कि जब पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी, तो मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा कि वो सुनिश्चित करें कि धार्मिक स्वतंत्रता का एक ऐसा ही विधेयक, पश्चिम बंगाल में भी लागू किया जाए’.

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने 26 दिसंबर को धर्मांतरण-विरोधी कानून को अपनी मंज़ूरी दी थी. इसके अंदर ऐसे कई प्रावधान हैं, जो योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी अध्यादेश से मिलते जुलते हैं.

विधेयक के ज़रिए एक नया कानून लाने की क्या ज़रूरत थी, ये पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, ‘नए कानून के निशाने पर हर वो इंसान है, जो ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देता है. पहला कानून ज़मानती था जबकि अब हमने इसे गैर-ज़मानती अपराध बना दिया है. वो सब लोग जो दूसरों को फुसलाकर या बल पूर्वक, किसी भी तरीके से धर्म परिवर्तन कराते हैं, इस कानून के दायरे में आएंगे. केवल यही नहीं, कोई भी एनजीओ जो उन्हें पैसा देती हैं या उनकी शादी कराती हैं, जैसे निकाह आदि, इस नए कानून के दायरे में लाई गईं हैं.’

उन्होंने स्पष्ट किया कि ये कानून हर उस शख्स पर लागू होगा, जो ऐसी हरकतों में शामिल होगा, ‘भले ही वो किसी भी समुदाय से ताल्लुक रखता हो’.

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पत्थरबाज़ी भी गैर-ज़मानती अपराध बनेगा

मिश्रा ने पत्थरबाज़ी की हाल ही की घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि एमपी सरकार उसे भी एक गैर-ज़मानती अपराध बनाने के लिए एक कानून ला रही है.

इसी महीने, एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्थरबाज़ी में शामिल लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई और एक कानून लाने की ज़रूरत है. उससे कुछ पहले ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आगामी दान अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित रैलियों में, ऐसी ही कुछ घटनाएं घटित हुईं थीं. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे कुछ हिंदू कट्टर-पंथी संगठनों ने दावा किया था कि रैलियों के दौरान उनके ऊपर पत्थर फेंके गए थे.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘लोगों ने घरों से पत्थर फेंके, जो समाज के लिए घातक है. वो सार्वजनिक संपत्ति को जलाते हैं और ये भी समाज के लिए अच्छा नहीं है. हम उनके लिए और कड़ी सज़ा के प्रावधान कर रहे हैं. एक बार ऐसे अपराधियों की शिनाख्त हो जाए, तो हम उनकी संपत्ति से नुकसान की भरपाई करेंगे. अगर किसी की दुकान जलाई जाती है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उसके नुकसान की भरपाई, उन लोगों से वसूली करके कराई जाए, जो ऐसी गतिविधियों में संलिप्त थे’.

लेकिन, राज्य के पश्चिमी हिस्से में उन इलाकों के मुसलमान भी, जहां हिंसा हुई थी, आरोप लगाते हैं कि रैलियों के दौरान, उनकी इबादतगाहों और घरों को भी निशाना बनाया गया. समुदाय के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई कर रहा है जिसमें उनके घरों को भी तोड़ा गया है. इस बारे में पूछे जाने पर, मिश्रा ने कहा, ‘अगर कुछ गलत हुआ है तो अदालत के दरवाज़े खुले हैं, जहां वो जा सकते हैं. उन्हें वहां जाकर अपनी बात रखनी चाहिए’.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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