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Thursday, 21 November, 2024
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‘मुझे घुटनों के बल बैठाया गया’ बंगाल BJP नेता ने सहकर्मी और उनके बॉडीगार्ड्स पर लगाया यौन शोषण का आरोप

सिक्किम में 27 से 29 अक्टूबर के बीच भाजपा के राज्य लीगल सेल के प्रमुख लोकनाथ चटर्जी और उनके सीआईएसएफ बॉडी गार्ड ने कथित तौर पर पीड़ित का उत्पीड़न किया था.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा युवा मोर्चा के एक नेता ने अपनी पार्टी के सहयोगी पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. साथ ही अपनी पुलिस शिकायत में उन्होंने कहा कि इसे रोकने पर उन्हें प्रताड़ित किया गया और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें लगभग पूरा नंगा करके पीटा था.

पीड़ित ने पुलिस में एक एफआईआर दर्ज कराई है. शिकायत में इस बारे में खुलकर बताया गया है कि कैसे राज्य के लीगल सेल के संयोजक लोकनाथ चटर्जी और उनके सुरक्षा कर्मचारियों ने उनका यौन शोषण करने की कोशिश की थी.

पीड़ित ने कहा कि उसे पिछले महीने ‘पार्टी के काम’ के सिलसिले में सिक्किम में चटर्जी के साथ जुड़ने के लिए कहा गया था. वह 25 अक्टूबर को कोलकाता के सियालदह स्टेशन से चटर्जी और उनके सीआईएसएफ अंगरक्षकों के साथ दार्जिलिंग एक्सप्रेस में सवार हुए.

उन्होंने अपने शिकायत पत्र में कहा, ‘सिक्किम पहुंचने पर मुझे एहसास हुआ कि यहां कोई पार्टी का काम नहीं था. यह साफ तौर पर यौन उत्पीड़न का एक मामला था.’

शिकायत की एक प्रति दिप्रिंट के पास है. इसमें उन्होंने कहा है, ‘मैंने आरोपी लोकनाथ चटर्जी के यौन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था… जब हम नाथू ला दर्रे से उतर रहे थे तो उन्होंने अचानक से गाड़ियों को रोकने के लिए कहा. राकेश कुमार और राहुल (लोकनाथ की सुरक्षा के प्रभारी सीआईएसएफ कर्मी) ने मुझे गाड़ी से उतारा और एक अपराधी की तरह मुझे घुटनों के बल नीचे बैठा दिया. मेरे हाथ मेरे सिर के पीछे थे. मैंने सिर्फ अपना अंडरवियर पहना हुआ था. उन्होंने मुझे अपने सारे कपड़े उतारने के लिए मजबूर कर दिया. आरोपी राकेश कुमार और राहुल ने मुझ पर हमला किया. फिर आरोपी राहुल ने अपनी कमर से अपना सर्विस हथियार निकाला और गैर कानूनी तरीके से मेरे मुंह में डाल दिया.

पीड़ित ने दिप्रिंट को बताया कि वह अभी भी अपने घर से अकेले बाहर निकलने में असहज महसूस करते हैं. जिस समय सिक्किम में हमला हुआ था, तब वह रिपोर्ट नहीं कर सकते थे या फिर किसी से मदद मांगने की स्थिति में नहीं थे.

उन्होंने कहा, लोकनाथ का सीआईएसएफ बॉडीगार्ड राहुल साए की तरह लगातार मेरे साथ बना रहता था. होटल पहले से बुक थे, इसलिए हम सीधे कमरे में गए. मेरा फोन मेरे आईडी कार्ड के साथ ले लिया गया. दिन में लोकनाथ और सीआईएसएफ के जवान कार में काफी ऊपर तक जाते थे और हम देर रात ही लौटते थे. वे मुझे कार में प्रताड़ित करते और मुझे पहाड़ी इलाके से धक्का देने की धमकी देते थे.’

शिकायत पत्र में पीड़ित ने कहा, ‘मुझे गैर-कानूनी काम करने के लिए लोकनाथ चटर्जी के कमरे में बंद कर दिया गया था.’

कोलकाता पुलिस ने लोकनाथ चटर्जी और उनके बॉडीगार्ड राकेश कुमार और राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 342, 323, 506 (ii), 295 (ए), 377 और 511 के तहत मामला दर्ज किया है – आपराधिक साजिश, गलत तरीके से बंदी बनाना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, आपराधिक धमकी, धार्मिक भावनाओं का अपमान, शारीरिक संबंध बनाने के लिए अप्राकृतिक अपराध और दंडनीय अपराध करने का प्रयास करने के लिए सबसे कठोर धारा 511 लगाई है.

दिप्रिंट ने जांच अधिकारी राजदीप सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि लोकनाथ चटर्जी किसी से बात नहीं कर रहे हैं. चटर्जी को भेजे गए मैसेज का भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है.

उधर पीड़ित ने पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा को पत्र लिखकर चटर्जी को तुरंत पार्टी से निलंबित करने का अनुरोध किया है.

उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से बंगाल बीजेपी का कोई भी नेता मेरी मदद के लिए आगे नहीं आया लेकिन मैंने हिम्मत जुटाई और 3 नवंबर को एफआईआर दर्ज करा दी. मैं हमारे बंगाल प्रमुख सुकांत मजूमदार से मिला था. उन्होंने मामले को सुना और फिर उनके पीए (निजी सहायक) ने मुझसे कहा कि क्योंकि मैंने जेपी नड्डा को इसके बारे में जानकारी दे दी है तो मुझे उनसे ही सीधे कार्रवाई की मांग करनी चाहिए.

फोन पर कथित हमले के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के महासचिव (संगठन) अमिताभ चक्रवर्ती ने तुरंत फोन काट दिया. पार्टी नेता सुकांत मजूमदार ने भी इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया.

31 वर्षीय लोकनाथ चटर्जी 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के बालीगंज से उम्मीदवार थे. हालांकि वह चुनाव हार गए थे लेकिन इसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त कर ली थी.

पेशे से वकील, चटर्जी डॉन बॉस्को पार्क सर्कस और वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने मुख्य रूप से हाई कोर्ट में पार्टी के कानूनी मामलों को संभाला हुआ है.

चटर्जी के साथ काम कर चुके बीजेपी के एक नेता ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद की मदद से सफलता की सीढ़ी चढ़े हैं. नेता ने बताया, ‘पार्टी उन्हें निलंबित नहीं करेगी क्योंकि इसका मतलब आरोपों को स्वीकार करना होगा. उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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