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Wednesday, 20 November, 2024
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पश्चिम बंगाल में 8 और असम में 3 चरणों में विधानसभा चुनाव, 2 मई को आएंगे पांचों राज्यों के नतीजे

चुनावों की घोषणा के साथ ही चुनाव वाले पांचों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गई है. बंगाल में 8 चरण में चुनाव कराने की घोषणा की गई है.

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नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग ने केरल, तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. बंगाल में 8 चरण में चुनाव कराने की घोषणा की गई है. असम में तीन चरण और बाकी तीनों राज्यों (पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु) में सिर्फ एक चरण में चुनाव कराए जाएंगे.

2 मई 2020 को पांचों राज्यों में चुनाव के नतीजे आएंगे.

पूर्वोत्तर के असम में तीन चरणों मे चुनाव होंगे. राज्य में 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को तीन चरणों में चुनाव होंगे.

केरल के 14 जिलों में सिर्फ एक चरण में ही चुनाव होगा. राज्य में 6 अप्रैल को मतदान होगा. मल्लापुरम सीट पर उपचुनाव केरल के विधानसभा चुनाव के साथ ही कराए जाएंगे.

तमिलनाडु के 38 जिलों में भी सिर्फ एक ही चरण में चुनाव होगा. राज्य में 6 अप्रैल को मतदान होगा.

पुडुचेरी के 2 जिलों के 30 सीटों पर एक चरण में चुनाव होगा. 12 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा और 6 अप्रैल को चुनाव होंगे.

पश्चिम बंगाल में 8 चरण में चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण के लिए 27 मार्च को चुनाव होंगे. इसमें पुरुलिया, बांकुरा, झारग्राम, पश्चिम मिदनापुर (पार्ट 1), पूर्व मिदनापुर (पार्ट 1) में चुनाव होंगे.

दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को चुनाव होंगे. इसमें बांकुरा (पार्ट 2), पश्चिम मिदनापुर (पार्ट 2), पूर्व मिदनापुर (पार्ट 2), साउथ परगना (पार्ट 1) जिले शामिल हैं.

तीसरे चरण के 31 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. चौथे चरण के 44 सीटों पर 10 अप्रैल को मतदान होगा. इसमें हावड़ा (पार्ट 2), हुगली (पार्ट 2), साउथ परगना (पार्ट 3), अलीपुर द्वार, कूच बिहार में चुनाव होंगे.

पांचवे चरण का मतदान 17 अप्रैल को होगा. छठे चरण के 43 सीटों पर 22 अप्रैल को मतदान होगा. सांतवे चरण के 36 विधासभा सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा. अंतिम और आंठवे चरण के 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि महामारी के बीच चुनाव आयोग ने ट्रायल के तौर पर राज्य सभा के 18 सीटों पर चुनाव कराएं, उसके बाद बिहार चुनाव की चुनौती का सामना किया. यह वास्तव में भारतीय चुनाव आयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण था.

इन चुनावों की घोषणा के साथ ही चुनाव वाले पांचों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गई है.

2.7 लाख पोलिंग स्टेशन, 824 विधानसभा सीट पर चुनाव

पुडुचेरी के लिए प्रत्येक विधानसभा में खर्च करने की सीमा 22 लाख रुपए है वहीं बाकी चार राज्यों (असम, बंगाल, तमिलनाडु, केरल) में ये 30.8 लाख रुपए होगी.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान करने का समय बिहार चुनाव की तरह एक घंटा बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि डोर-डोर कैंपेन में सिर्फ पांच लोग ही शामिल हो सकते हैं.

अरोड़ा ने कहा कि इन चुनावों में कुल 824 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे जिसमें 18.68 करोड़ मतदाता शामिल होंगे. पांच राज्यों में कुल 2.7 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.

अरोड़ा ने कहा कि सभी वांछित पोलिंग स्टेशन को चिन्हित कर लिया गया है और वहां सीएपीएफ जवानों की पर्याप्त तैनाती की जाएगी.

चुनाव आयोग ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर 1950 पर किसी भी समस्या को लेकर मतदाता संपर्क कर सकते हैं.


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किन राज्यों में हैं कितनी सीटें

विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सबसे ज्यादा चर्चा में पश्चिम बंगाल बना हुआ है. यहां पर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच टक्कर है. पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 294 सीटों में से टीएमसी को 211 सीटें व बीजेपी को 3 सीटें मिली थी. वहीं 2011 के चुनावों की बात करें तो टीएमसी को 184 सीटें, कांग्रेस को 42 सीटें और बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी.

इसी तरह से असम में कुल 126 विधानसभा सीटें हैं. असम में इस वक्त बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार है. 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 60 सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस को 26 सीटें मिली थीं. असम की सत्ता पर लंबे समय से  काबिज रहने वाली कांग्रेस महज 26 सीटों पर सिमट गई थी. इस बार असम की लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन के बीच ही होनी है.

केरल में कुल 140 विधानसभा सीटें हैं जिसके लिए चुनाव करवाए जाने हैं. पिछले चुनाव में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को करीब दो तिहाई सीटें मिली थीं. बीजेपी को केवल एक सीट मिली थी जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ को 47 सीटें मिली थीं.

तमिलनाडु में कुल 234 सीटें हैं. इस राज्य में मुकाबला मुख्य रूप से सत्ताधारी एआईएडीएमके और डीएमके के बीच होगा. यह जयललिता और करुणानिधि के बिना राज्य का पहला विधानसभा चुनाव होगा.

वहीं पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली वी नारायणसामी की सरकार ने इस हफ्ते इस्तीफा दे दिया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है. पुडुचेरी में कुल 30 विधानसभा सीटें हैं.


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1 टिप्पणी

  1. It is a pre planned game where the election commission is fully cooperating with the BJP by conducting 5 phase election in West Bengal and 3 phase in Assam . Remember Jharkhand had only 81 seats and the election was conducted in 5 phases while in Maharashtra where they had 288 seats the elections were conducted on a single day. The election commission gives the BJP ample time to buy votes and advertise it’s devilish agenda.

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