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Thursday, 19 December, 2024
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MP निकाय चुनाव में AIMIM का डेब्यू, 4 वार्डों में जीती, ओवैसी की पार्टी के लिए इस जीत के क्या हैं मायने

एआईएमआईएम चुनाव में 2 मेयर सीटों पर तीसरे स्थान पर भी रही. इसमें बुरहानपुर की सीट भी शामिल है जिसमें उसे तकरीबन 10,000 वोट मिले. जबकि कांग्रेस वोटों के मामूली से अंतर के साथ भाजपा से पीछे रह गई. रविवार को पहले चरण के नतीजे घोषित किए गए.

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नई दिल्ली: असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश (एमपी) में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी. राज्य में अपने पहले नगरपालिका चुनाव में पार्टी ने न केवल चार वार्ड जीते हैं बल्कि दो मेयर सीटों पर तीसरे स्थान पर भी रही.

उसने कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार (बुरहानपुर सीट) की हार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दरअसल यह राज्य के प्रमुख विपक्षी दल के लिए एक चेतावनी संकेत भी रहा, जो आमतौर पर मुस्लिम वोटों के एक बड़े हिस्से पर अपने दबदबा बनाए हुए है.

मध्य प्रदेश में दो चरणों में 6 जुलाई और 13 जुलाई को मतदान हुआ था. पहले चरण की मतगणना 11 नगर निगमों, 36 नगर परिषदों और 86 नगर परिषदों के लिए रविवार को हुई. दूसरे चरण के परिणाम बुधवार को घोषित किए जाएंगे, इसमें पांच नगर निगम, 40 नगर परिषद और 169 नगर परिषद शामिल हैं.

2011 की जनगणना के अनुसार, मप्र में मुसलमानों की आबादी 6.6 प्रतिशत है. यहां अगले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

एआईएमआईएम ने इस महीने की शुरुआत में हुए शहरी निकाय चुनावों में सात शहरों में फैले 51 वार्डों में चुनाव लड़ा था. मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, खंडवा नगर निगम में एआईएमआईएम ने दो और बुरहानपुर नगर निगम और जबलपुर नगर निगम में एक-एक पार्षद पद पर जीत हासिल की है. बाद के दो में पार्टी के मेयर प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे.

राज्य कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ओवैसी ने सिर्फ ‘भाजपा को फायदा’ देने के लिए नगरपालिका चुनाव लड़ने का फैसला किया था. राज्य कांग्रेस प्रवक्ता अरुण यादव ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारे (महापौर) उम्मीदवार बुरहानपुर में जीत जाते, यहां वोटों का अंतर बहुत कम था. एआईएमआईएम उम्मीदवार को वहां लगभग 10,000 वोट मिले.’

बुरहानपुर में मेयर पद पर बीजेपी की माधुरी पटेल ने कांग्रेस प्रत्याशी शहनाज बानो को महज 542 वोटों से हराकर जीत हासिल की. एआईएमआईएम उम्मीदवार शाइस्ता सोहेल हाशमी को यहां करीब 10,000 वोट मिले.

यादव ने कहा: ‘मध्य प्रदेश में एआईएमआईएम का नेटवर्क नहीं है और ओवैसी पहले यहां नहीं थे. उन्होंने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर केवल भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने इसे भोपाल और इंदौर में भी आजमाया. जनता उनके खेल को समझ चुकी है.’

एआईएमआईएम के मध्य प्रदेश चुनाव पर्यवेक्षक सैयद मिन्हाजुद्दीन के अनुसार, अंतिम समय में चुनाव की तैयारी के बावजूद पार्टी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, ‘चुनाव लड़ने का फैसला काफी देर से लिया गया लेकिन इसके बावजूद हम बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहे. हमारे नेता असदुद्दीन ओवैसी की इंदौर और अन्य जगहों पर होने वाली रैलियों को मतदान से कुछ दिन पहले रद्द कर दिया गया था, लेकिन फिर भी लोगों ने हम पर भरोसा जताया.

आरोपों पर उन्होंने कहा, ‘इन आरोपों में कुछ भी नया नहीं है. मध्य प्रदेश में एक जनसभा के दौरान ओवैसी जी ने कहा था कि राज्य में सरकार बनाने के बावजूद कांग्रेस अपनी पार्टी को संभाल नहीं सकी. जिसकी वजह से भाजपा ने सत्ता पर अपना कब्जा जमा लिया. उनकी पार्टी में जो कुछ भी गलत हो रहा है, उसके लिए वे हमें कैसे दोषी ठहरा सकते हैं?’

एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए खंडवा, भोपाल, इंदौर और जबलपुर में जनसभाएं की थीं.

मप्र राज्य चुनावों से पहले एआईएमआईएम का प्रदर्शन उसके लिए एक बढ़ावा के रूप में आया है. मिन्हाजुद्दीन ने कहा कि पार्टी अब विधानसभा चुनाव लड़ने पर फैसला करेगी.


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पार्टियों का प्रदर्शन कैसा रहा

मप्र में 6 जुलाई को पहले चरण के मतदान में जिन 11 नगर निकायों में मतदान हुआ था, उनमें से भाजपा 11 मेयर सीटों में से सात को बरकरार रखने में सफल रही, जबकि कांग्रेस ने तीन सीटें जीती. आम आदमी पार्टी यहां एक सीट पर कब्जा करने में कामयाब रही.

भाजपा ने बुरहानपुर, सतना, खंडवा, सागर, उज्जैन, इंदौर और भोपाल में मेयर का चुनाव जीता, छिंदवाड़ा, जबलपुर और ग्वालियर में कांग्रेस ने, जबकि सिंगरौली में आप ने जीत हासिल की.

पार्षद की सीटों के लिए बुरहानपुर में एआईएमआईएम ने 14 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक पर जीत हासिल की. जबलपुर में उसने सात सीटों पर चुनाव लड़ा और 2 पर कब्जा जमाया, जबकि खंडवा में उसने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक पर जीत हासिल की.

खंडवा में वार्ड 14 से पार्षद के रूप में एआईएमआईएम उम्मीदवार शकीरा बिलाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार नूरजहां बेगम को 285 मतों के अंतर से हराया. शकीरा को 902 वोट मिले, जबकि नूरजहां को सिर्फ 617 वोट मिले.

इसी तरह जबलपुर में, एआईएमआईएम की शमा परवीन ने वार्ड 49 से कांग्रेस उम्मीदवार साइमा वसीम को 1,527 मतों के अंतर से हराया. पार्टी की एक अन्य उम्मीदवार समरीन ने शहर के वार्ड 51 से कांग्रेस की शबनम फिरदौस को 209 मतों से हराया.

बुरहानपुर में एआईएमआईएम के रफीक अहमद ने वार्ड 2 से निर्दलीय उम्मीदवार शहजाद नूर के खिलाफ 156 मतों के अंतर से कड़ी टक्कर दी.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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