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Sunday, 13 October, 2024
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कैसे दिल्ली सरकार के ‘मिशन बुनियाद’ ने MCD स्कूलों में छात्रों की संख्या, साक्षरता को सुधारा

कोविड शटडाउन के कारण सीखने को लेकर हो रहे नुकसान को पाटने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया था. एमसीडी डेटा क्लास 3 से 5 तक के छात्रों के लिए 2 महीने के भीतर महत्वपूर्ण सुधार दिखाता है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के सहायता प्राप्त दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा संचालित स्कूलों में बच्चों ने मिशन बुनियाद में नामांकित होने के बाद पढ़ने, लिखने और गणित में सुधार दिखाया है, जो दिल्ली सरकार का शुरू किया गया एक मूलभूत शिक्षा कार्यक्रम है.

एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार, एमसीडी स्कूलों में कक्षा 3 से 5 तक के 4.5 लाख छात्रों ने 1 अप्रैल 2022 और 15 जून 2022 के बीच आयोजित मिशन बुनियाद कक्षाओं में हिस्सा लिया. आकलन के आंकड़ों से पता चलता है कि इस अवधि के भीतर छात्रों की महत्वपूर्ण संख्या साक्षरता और संख्या के अपने ‘स्तर’ में बढ़ी है.

मिशन बुनियाद को 1 अप्रैल को दिल्ली के सरकारी और सिविक स्कूलों में चलाया गया था ताकि कोविड महामारी के दौरान स्कूलों के बंद होने के कारण हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिल सके.

पाठ्यक्रम को ग्रेड-वाइज पढ़ाने के बजाय, कार्यक्रम ने पूरी तरह से बेसिक हिंदी और अंग्रेजी साक्षरता के साथ-साथ गणित की कक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया है. छात्रों को इन विषयों में उनकी दक्षता के आधार पर 1 से 5 तक के स्तर दिए जाते हैं.

जबकि एमसीडी शहर में कुल 8.5 लाख छात्रों के साथ 1,530 स्कूलों का प्रबंधन करता है, दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय (डीओई) 18 लाख छात्रों के साथ 2,400 स्कूलों में चलाता है.

इंडियन एक्सप्रेस ने 1 जुलाई को बताया कि, मिशन बुनियाद के रोलआउट के बाद, डीओई स्कूलों के कक्षा 3 से 5 तक के 88 प्रतिशत बच्चे और एमसीडी स्कूलों में 78 प्रतिशत बच्चे शब्द पढ़ने में सक्षम थे. हालांकि, अभी तक DoE द्वारा संचालित स्कूलों से विस्तृत डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया है.

दिल्ली सरकार ने इस साल अगस्त के अंत तक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का फैसला किया है.

एमसीडी के शिक्षा निदेशक विकास त्रिपाठी ने दिप्रिंट को बताया, ‘मिशन बुनियाद ने हमें कोविड के कारण हुए सीखने के नुकसान से उबरने में मदद की है. हमें उन छात्रों के साथ भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा, जो गर्मियों के महीनों में अपने गांव गए थे.’

‘हालांकि, हम उम्मीद कर रहे हैं कि अतिरिक्त कक्षाएं और कार्यक्रम की निरंतरता हमें सीखने के नतीजों को और बेहतर बनाने में मदद करेगी.’


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एमसीडी का डाटा क्या बताता है

मिशन बुनियाद के तहत निर्देश के लिए, शिक्षकों को ट्रेनिंग मॉड्यूल्स दिए जाते हैं जो किसी विषय के विभिन्न घटकों को कवर करते हैं.

भाषाओं के लिए, बोलने, समझने, पढ़ने और लिखने पर इसमें कई तरीके से जोर दिया जाता है. गणित के लिए, अवधारणाओं को कई स्तरों पर समझने की सुविधा के लिए भौतिक, चित्रात्मक और अमूर्त रूपों में विभाजित किया गया है.

एमसीडी के आंकड़ों से पता चलता है कि मिशन बुनियाद कक्षाओं में नामांकित होने के बाद से छात्रों के महत्वपूर्ण प्रतिशत ने अपने साक्षरता कौशल और गणितीय दक्षता में सुधार दिखाया है.

उदाहरण के लिए, अंग्रेजी में, 25 प्रतिशत से अधिक छात्रों को अप्रैल में स्तर 1 (शुरुआती) में रखा गया था, लेकिन 15 जून तक, केवल 6 प्रतिशत ही इस स्तर पर बने रहे थे. वास्तविक संख्या में, स्तर एक से शुरू करने वाले 1,04,563 छात्रों में से 87,321 2 महीनों में आगे बढ़े.

इस बीच, स्तर 3 पर छात्रों की संख्या 31 प्रतिशत बढ़कर 1,39,272 हो गई, जो इसी अवधि में 1,06,039 थी. 1 अप्रैल से 15 जून के बीच लेवल 5 ब्रैकेट में छात्र 6.3 फीसदी (26,085) से दोगुना होकर 12.63 फीसदी (49,915) हो गए.

नाम न बताने की शर्त पर एक एमसीडी अधिकारी ने कहा, ‘साक्षरता के मध्य स्तर पर छात्रों की संख्या बढ़ना फिक्स है क्योंकि अधिक से अधिक छात्र आगे बढ़ रहे हैं.’

इसी तरह, गणित के लिए, स्तर 1 वर्ग के छात्र 12.39 प्रतिशत (51,907) से घटकर 2.81 प्रतिशत (11,115) हो गए, जबकि 15 जून तक स्तर 4 के छात्र 24.5 प्रतिशत (1,02,684) से बढ़कर 33.52 प्रतिशत (1,32,546) हो गए.

हिंदी में, स्तर 1 में छात्रों की संख्या 25.26 प्रतिशत (72,237) से घटकर 6.04 प्रतिशत (17,242) हो गई, जबकि स्तर 4 के छात्रों की संख्या 17.86 प्रतिशत (74,823) से बढ़कर 23.02 प्रतिशत (91,013) हो गई.

एमसीडी अधिकारी ने कहा कि जिन छात्रों ने अभी तक तीन विषयों में ग्रेड-स्तरीय दक्षता हासिल नहीं की है, उनके लिए सीखने के परिणामों में सुधार के लिए स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं भी शुरू की गई थीं.

मिशन बुनियाद के बारे में

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में राजधानी के स्कूलों में छात्रों के खराब प्रदर्शन को देखने के बाद, मिशन बुनियाद को शुरू में 2018 में कक्षा 3 से 9 तक के छात्रों के बीच मूलभूत साक्षरता में सुधार की पहल के रूप में शुरू किया गया था.

कोविड के कारण स्कूल बंद होने से कार्यक्रम रुक गया, लेकिन इस साल महामारी के कारण सीखने के अंतराल को पाटने की पहल के रूप में इसे फिर से शुरू किया गया.

यह कार्यक्रम 1 अप्रैल से सिविक स्कूलों में क्लास 3 से 5 और सरकार स्कूलों में क्लास 6 से 8 के लिए शुरू किया गया था. मूल्यांकन एक्सरसाइज के बाद छात्रों को विभिन्न स्तरों में नामांकित किया गया था.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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