नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि घर तक राशन पहुंचाने की योजना में केंद्र जिस तरह का बदलाव चाहता है वह उसे करने को तैयार हैं.
केजरीवाल ने योजना को लागू करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि केंद्र ने इस योजना के लागू होने से पहले ही अड़ंगा लगा दिया. केजरीवाल ने लिखा, ‘सरकारें पिछले 75 साल से राशन के लिए लोगों को लाइन लगवा रही है. महोदय अनुरोध है कि वे अगले 75 वर्षों तक राशन की कतारों में न रहें. वे मुझे या आपको कभी माफ नहीं करेंगे.’ केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है लेकिन वह किसी विवाद से बचने के लिए अब तक पांच बार केंद्र से अनुमति मांग चुकी है.
केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने चार फरवरी 2019, चार मार्च 2020, 17 जून 2020, 19 नवंबर 2020 और तीन दिसंबर 2020 को पत्र के जरिए केंद्र सरकार को सूचित किया कि दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना लागू करने जा रही है. आपकी तरफ से एक बार भी आपत्ति नहीं जतायी गयी.’ केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री’ शब्द हटाते हुए योजना का नाम भी बदल दिया और सारी आपत्तियों को दूर कर लिया और अब भी कहा जा रहा कि केंद्र की मंजूरी नहीं ली गयी है और योजना को खारिज कर दिया गया.
उन्होंने लिखा, ‘केंद्र सरकार इस योजना में जिस तरह का बदलाव चाहती है, हम उसे करने को तैयार हैं. अनुरोध है कि लोगों को घर तक राशन पहुंचाने की योजना को अनुमति प्रदान करें.’ केंद्रीय खाद्य और जन वितरण मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि उसने दिल्ली सरकार से ऐसा नहीं कहा है कि वे राशन का वितरण न करें.
यह भी पढ़ेंः ‘जहां वोट, वहां वैक्सीनेशन’- 45+ के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए केजरीवाल ने शुरू किया अभियान