नई दिल्ली: दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे को ‘व्यक्तिगत रूप से सुलझाने’ के लिए रास्ता निकालने का आग्रह किया. इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि आज जब कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं तब डॉक्टरों को अस्पताल में होना चाहिए न कि सड़कों पर.
पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि वह नीट-पीजी कॉउंसलिंग की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाने को भी सुनिश्चित करें. केजरीवाल ने पत्र में कहा, ‘एक तरफ कोरोनावायरस का ओमीक्रॉन स्वरूप तेजी से फैल रहा है और दूसरी ओर केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं.’
मुख्यमंत्री ने पत्र की एक प्रति ट्वीट की और लिखा, ‘हम डॉक्टरों पर पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा करते हैं. प्रधानमंत्री को उनकी मांगें तत्काल माननी चाहिए.’ नीट-पीजी कॉउंसलिंग 2021 में देरी पर विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली में मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल पर रेजिडेंट डॉक्टर बड़ी संख्या में एकत्र हुए और कानून व्यवस्था को बिगड़ने से रोकने के लिए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था.
केंद्र के डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं। इन्होंने कोरोना में अपनी जान की बाज़ी लगाकर सेवा की। कोरोना फिर बढ़ रहा है। इन्हें अस्पताल में होना चाहिए, ना कि सड़कों पर
इन पर जो पुलिस बर्बरता की गई, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। PM साहिब इनकी माँगे जल्द मानें। PM को मेरा पत्र pic.twitter.com/yE5waHecAz
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 28, 2021
केजरीवाल ने कहा कि डॉक्टर कई दिन से हड़ताल पर हैं और उन्होंने महामारी के दौरान अपनी जान पर खेल कर सेवा की है.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे जल्द से जल्द व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर इस मुद्दे का समाधान निकालें. केजरीवाल ने लिखा, ‘कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों को अस्पताल में होना चाहिए न कि सड़कों पर.’
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